श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की विधि की आज से शुरूआत हो चुकी है। आज मंदिर में कूर्मपूजन और प्रायश्चित पूजा होगी।इस लेख में आप जानेंगे कि यह पूजा क्यों की जाती है । बतादें कि यह पूजा मुख्य यजमान के हाथों होती है। मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के मुख्य यजमान प्रधानमंत्री मोदी नहीं है लेकिन फिर कौन हैं।
कूर्मपूजा क्या होती है
कूर्मपूजा उस पूजा को कहते हैं जिसके द्वारा मुख्य हवन वाली वेदी को जागृत किया जाता है। इस पूजा के बाद ही प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े आगे के अनुष्ठान हो सकते हैं।
राम मंदिर में प्रायश्चित पूजा क्यों की गई
प्रायश्चित पूजा में राम लला की मूर्ति से क्षमा मांगी जाएगी। यह क्षमा मूर्ति को बनाने के दौरान हुए कष्ट के कारण मांगी जाती है। इस पूजा के लिए मुख्य यजमान को विशेष तैयार किया जाता है। बतादें कि मुख्य यजमान का पहले 10 प्रकार से स्नान होता है। इसमें पहले गोमूत्र,फिर गोमय, गोदुग्ध, गोदधि, गोघृत, भस्म, कुशोदक,शहद मिट्टी और आखिर में पवित्र जल से स्नान किया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी नहीं है राम मंदिर के अनुष्ठान के मुख्य यजमान
अभी तक सभी को ऐसा लग रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ही राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के मुख्य पुजारी हैं पर ऐसा नहीं है। बतादें कि मुख्य यजमान के हाथों से ही पूर्व विधि और मुख्य अनुष्ठान होता है। इस अनुष्ठान के मुख्य यजमान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा हैं।
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