आने वाली 22 जनवरी को भगवान श्री राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। समारोह को लिए अयोध्या में जोरों शोरों से तैयारियाँ की जा रही हैं। आपको यह तो पता होगा कि भगवान श्री राम का जन्म सूर्यवंश और रघुकुल के कहे जाते हैं। पर आज हम जानेंगे कि आखिर सूर्यवंश और रघुकुल की उत्तपत्ति कैसे हुई।
हम यह तो जानते हैं भगवान श्री राम के पिता दशरथ थे और उनके पिता अज थे। अब हम आपको भगवान राम की वंशावली बताएंगे कि किस तरह से उनका जन्म ब्रम्हा जी की 67वी पीढ़ी में हुआ है। भगवान श्री राम का जन्म रघुकुल में हुआ था।राजा कुकुत्स्थ के पुत्र थे राजा रघु।
ऐसे हुई सूर्यवंश और रघुकुल की शुरूआत
राजा रघु से रघुकुल की शुरूआतहुई । रघु के पुत्र थे प्रवृध्द , प्रवृध्द के पुत्र थे नाभाग और नाभाग के पुत्र थे राजा अज। अगर बात की जाए सूर्यवंश की तो ब्रम्हा जी के पुत्र मारीचि थे और उनके पुत्र कश्यप हुए। कश्यप के पुत्र विवस्वान और उनके पुत्र थे वैवस्वत मनु । वैवस्वत से ही सूर्यवंश की उत्पत्ति मानी जाती है। वैवस्वत मनु के 10 पुत्र थे जिनमें से एक थे इक्ष्वाकु। इन्हीं राजा इक्ष्वकु से इक्ष्वाकु वंश की उत्पत्ति हुई। वह कौशल देश के राजा थे जिसकी राजधानि साकेत थी। बाद में साकेत का ही नाम अयोध्या हुआ जिसकी स्थापना राजा इक्ष्वाकु ने की।
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