22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में तो कई लोगों को आमंत्रण मिला था। लेकिन हम बात करेंगे सबसे कम उम्र के महंत जो केवल 8 वर्ष की उम्र से भगवान की सेवा कर रहे है। परिवार से भी नहीं मिलते है। वर्तमान में उनकी उम्र केवल 12 वर्ष है। जी हम बात करने जा रहे है हनुमान भक्त महंत सूरजदास के बारे में जिनको छोटे योगी भी बोला जाता है। इस समय वह हनुमान गढ़ी के महंत है। 8 साल की उम्र में जब ये परिवर के साथ रहते थे तो इनके सभी भाई कार्टून और फिल्में देखते थे लेकिन इनको समय मिलता था तो ये लव-कुश कांड, रामायण और कृष्ण लीला देखते थे।
जब वह ये सब देखें तो उनके मन में विचार आया कि अगर ये छोटे-छोटे बालक भगवान जी की प्रस्तुती कर सकते है तो हम क्यों नहीं। तभी से सूरजदास ने अपना घर छोड़ दिया। और अपनी पूरी जिंदगी हनुमान जी की सेवा में लगाने की ठान ली। 12 साल की उम्र में उनको सनातन धर्म का पूरी तरह से ज्ञान है। उनके ज्ञान की सीमा देखने और सूनने के बाद आप को भी उनकी उम्र पर विश्वास नहीं होगा। चना चौराहा हनुमंत कुटी के पुजारी श्री श्रीपतदास जी इनके गुरू है। उनका कहना है कि हम हनुमान जी के एक छोटे से तुच्छ सेवक है। 4 साल से अयोध्या में भगवान की सेवा कर रहे है।
अयोध्या को लेकर सूरजदास के अद्भूत विचार
जब उनसे पूछा गया कि अब की और पहले की अयोध्या में क्या अंतर हुए है तो उनका कहना था कि जब से देश में योगी और मोदी की सरकार आई है बहुत कुछ बदल गया है। मेरा सबसे निवेदन है कि सब लोग अयोध्या आए। अयोध्या आकर देखे की अयोध्या में कितना विकास हुआ है। अब अयोध्या स्वर्ग जैसी सुंदर हो गई है तेजी से अयोध्या का विकास हुआ है।
महंत सूरजदास से पुछा गया की आप अपने जीवन में क्या करना चाहते है तो उनका कहना है कि- हम हनुमान जी की सेवा और जनता की सेवा करना चाहते है। सूरजदास का कहना है कि वह योगी आदित्यनाथ की तरह बनना चाहते है। एक दिन आएगा जब मोदी के बाद योगी देश के प्रधान मंत्री बनेंगे। छोटे योगी से पूछा गया कि आप ने महंत का जीवन क्यों अपनाया तब वह बोले हनुमान जी बालब्रह्मचारी है और योगी आदित्यनाथ भी बालब्रह्मचारी है तो हम भी बालब्रह्मचारी बनकर देश की सेवा करेंगे।