बांके बिहारी मंदिर में आज सैकड़ों साल पुरानी परंपरा पहली बार टूट गई। मंदिर में रोजाना ठाकुरजी को चार भोग लगते है जिसमें सुबह बालभोग, दोपहर राजभोग, शाम उत्थापन भोग और रात का शयन भोग शामिल हैं। लेकिन सालों बाद आज ये परंपरा टूट गई।
मंदिर के सेवा अधिकारी और सेवायतों के अनुसार, इस बार बालभोग बनाने की जिम्मेदारी ठेकेदार मयंक गुप्ता को दी गई थी। लेकिन पिछले माह का भुगतान न मिलने के कारण हलवाई समय पर नहीं पहुंचे और ठाकुरजी को बालभोग नहीं लग सका। इस वजह से मंदिर में गरमा-गरमी का माहौल बन गया।
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बांके बिहारी मंदिर की उच्चाधिकार प्रबंधन समिति के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने बताया कि पहली बार उनके जीवन में ऐसा हुआ है कि ठाकुरजी को बालभोग नहीं लगाया जा सका। उन्होंने कहा कि हलवाई से बात हो गई है और अब आगे किसी प्रकार की व्यवधान नहीं आएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल अगस्त में मंदिर के प्रबंधन के लिए हाई पावर कमेटी गठित की थी। गठन के बाद से ही इस कमेटी को लेकर विवाद चल रहा है। आज के मामले ने फिर से यह मुद्दा उभारा कि समय पर भुगतान और भोग की व्यवस्था सुनिश्चित करना कितना जरूरी है।
सेवायतों ने कहा कि अब सुनिश्चित किया गया है कि ठाकुरजी को भविष्य में सभी भोग समय पर मिलें और सैकड़ों साल पुरानी परंपरा बनी रहे।
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