First Hindu Village in MP : मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम में देश का पहला हिन्दू गांव बनाने की नींव रख दी गई है। कथावाचक और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार अगले दो सालों में यह हिन्दू गांव बनकर तैयार हो जाएगा। धीरेन्द्र शास्त्री ने 4 अप्रैल, 2025 को विधिवत वैदिक मंत्रोच्चार के भूमिपूजन कर इस गांव की नींव रखी।

इस परियोजना के तहत लगभग 1,000 हिंदू परिवारों के लिए एक गांव बसाया जाएगा। एक तरफ हिन्दू समुदाय इस मुहीम का समर्थन कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने मुस्लिम, सिख और ईसाई गांव बसाने की बात कही है।
Hindu गांव में मिलने वाली सुविधाएं
इस गांव में एक संस्कृत विद्यालय, गौशाला और यज्ञशाला की स्थापना की जाएगी, जो इसे एक धार्मिक और शैक्षिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। धीरेन्द्र शास्त्री का कहना है कि यह परियोजना हिंदू समाज को संगठित करने और हिंदू राष्ट्र की नींव रखने की दिशा में एक पहला कदम है। उनका कहना है कि पहले हिंदू परिवार मजबूत होंगे, फिर हिंदू समाज और अंततः हिंदू ग्राम से हिंदू राष्ट्र की ओर बढ़ा जा सकेगा।
Hindu Village : तीन कैटगरी में मिलेंगे फ्लैट
गांव में फ्लैट्स धर्म के नाम पर मिलेंगे। गांव में मिलने वाले फ्लैट्स को तीन कैटगरी में बाँटा गया है। ग्राउंड फ्लोर के फ्लैट की कीमत 17 लाख रुपये होगी। फर्स्ट फ्लोर के फ्लैट की कीमत 16 लाख और सेकंड फ्लोर के फ्लैट की कीमत 15 लाख रुपये तय की गई है। जानकारी के अनुसार मकानों की फाइनल बुकिंग होने पर 5 लाख रुपये एडवांस देने होंगे, बाकी की राशि एक साल के भीतर जमा करना होगा।
गैर हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित
इस गांव की एक खास बात यह है कि यहां जमीन बागेश्वर धाम जनसेवा समिति द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन इसे खरीदा या बेचा नहीं जा सकेगा। शास्त्री ने यह भी घोषणा की है कि इस गांव में गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित होगा, जिसने इसे विवादों के केंद्र में ला दिया है।
धीरेन्द्र शास्त्री का मानना है कि यह गांव न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बनेगा। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि हर गांव में सच्चे हिंदुओं को तैयार करने का अभियान शुरू किया जाएगा, जिसके लिए बागेश्वर धाम से टीमें पहले ही रवाना हो चुकी हैं।
कांग्रेस ने की मुस्लिम और ईसाई गांव की मांग
कांग्रेस पार्टी ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेताओं ने मांग की है कि यदि हिंदू ग्राम बनाया जा रहा है, तो मुस्लिम, ईसाई और सिख समुदायों के लिए भी अलग-अलग गांव बनाए जाएं। उनका कहना है कि यह परियोजना संविधान के समानता के सिद्धांत के खिलाफ है और इससे सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंच सकता है। वहीं, धीरेन्द्र शास्त्री के समर्थकों का कहना है कि यह एक निजी धार्मिक पहल है, जिसमें किसी को जबरदस्ती शामिल नहीं किया जा रहा।
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