मध्यप्रदेश के सतना जिले के अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक Dr. Rajendra Kumar सिंह अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने एक कार्यकर्ता सम्मेलन में साधु-संतों और महामंडलेश्वरों की तुलना सांड से कर दी, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। सोशल मीडिया पर उनके भाषण का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे विवाद और गहरा गया है।
क्या कहा कांग्रेस विधायक (Dr. Rajendra Kumar) ने?
सतना के भरहुत होटल के पीछे स्थित मैरिज गार्डन में आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव हरीश चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इस दौरान कांग्रेस विधायक डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा:
“गोलवलकर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जो बीज बोया था, वह आज हिंदू राष्ट्र बनाने और धर्म के आधार पर पहचान स्थापित करने का पौधा बन गया है। संयोग से राम मंदिर और महाकुंभ का समय भी आ गया। फिर इन्होंने साधु-संत, संन्यासी, बाबा बैरागी और महामंडलेश्वरों को खुला छोड़ दिया है कि जाओ, हिंदुत्व की बात करो, भाजपा का प्रचार करो, सनातन की बात करो और ये सांड बनकर कांग्रेस की खेती चर रहे हैं।”
बीजेपी का जोरदार पलटवार
विधायक के इस बयान के बाद भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा:
“कांग्रेस का हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति का अपमान करना कोई नई बात नहीं है। साधु-संतों की तुलना सांड से करना बेहद आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस क्या हिंदू धर्म को खत्म करने की साजिश कर रही है? यह बयान देश के बहुसंख्यक समाज का अपमान है। अगर कांग्रेस इस पर कार्रवाई नहीं करती, तो यह माना जाएगा कि यह उनका अधिकृत बयान है।”
राजनीतिक हलकों में बढ़ा विवाद
विधायक के इस बयान से धार्मिक संगठनों और संत समाज में आक्रोश फैलने की आशंका जताई जा रही है। बीजेपी ने इस बयान को कांग्रेस की “हिंदू विरोधी मानसिकता” करार दिया है और मांग की है कि कांग्रेस पार्टी डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह पर कार्रवाई करे।
महाकुंभ और राम मंदिर पर भी बोले विधायक
डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह ने अपने भाषण में महाकुंभ और राम मंदिर निर्माण का भी जिक्र किया। उन्होंने दावा किया कि बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की उम्मीदों के बावजूद, महाकुंभ में 10-12 करोड़ से ज्यादा लोग नहीं गए। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रचार होने के बावजूद यह उम्मीद के अनुसार सफल नहीं रहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि साधु-संतों और महामंडलेश्वरों को बीजेपी के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने इसे “वाट्सएप यूनिवर्सिटी” द्वारा प्रचारित एक रणनीति बताया और कहा कि इससे देश में धार्मिक ध्रुवीकरण बढ़ रहा है।
कांग्रेस विधायक की सफाई और अपील
हालांकि, अब तक डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह की ओर से कोई औपचारिक स्पष्टीकरण नहीं आया है। लेकिन उनके बयान के राजनीतिक और धार्मिक गंभीर नतीजे सामने आ सकते हैं।
इस बयान ने राजनीति और धार्मिक समुदायों के बीच नई बहस छेड़ दी है। विपक्षी दलों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जबकि कांग्रेस पार्टी ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
कांग्रेस विधायक डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह के इस विवादित बयान ने मध्यप्रदेश की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। बीजेपी इस बयान को कांग्रेस की हिंदू विरोधी नीति बता रही है, जबकि संत समाज में भी इस पर नाराजगी देखी जा रही है।
ALSO READ : Chaar Dham 2025 : 30 अप्रैल से होगी शुरुआत, रील मेकर्स की नो एंट्री, VIP दर्शन भी बंद