ABVP के छात्रों को मदद करना महंगा पड़ गया है. जी हां आप सही सुन रहे हैं. ABVP के दो छात्रों को अदालत से इसलिए जमानत नहीं मिल रही है क्योंकि उन्होंने बिना इजाजत के हाईकोर्ट के जज की गाड़ी का उपयोग कर एक मरीज को हॉस्पिटल तक पहुंचाया ताकि उसकी जान बच जाए लेकिन अब इसी मामले में ABVP के दो छात्र फंसते हुए नजर आ रहे हैं।
इस पूरे मामले पर ABVP का कहना है कि इंसानियत बची नहीं है किसी मरीज को अस्पताल में भर्ती करना क्या पाप हो गया है? कोर्ट को इस पूरे घटनाक्रम में अपनी इंसानियत दिखानी चाहिए। लेकिन ऐसा लग रहा है कि आज के जमाने में मदद करना गुनाह हो गया है।
क्या है मामला?
दरअसल, शिवपुरी पीके यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर रणजीत सिंह यादव दिल्ली से झांसी जा रहे थे। तभी अचानक ट्रेन में उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। उसी ट्रेन में ABVP संगठन से जुड़े कुछ छात्र सफर कर रहे थे। पूर्व वाइस चांसलर की बिगड़ती तबीयत को देख सभी छात्र घबरा गए और उन्हें उपचार देने के लिए ट्रेन में काफी प्रयास की लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ।
जान बचाने के लिए किया था गाड़ी का प्रयोग
जब ट्रेन ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर पहुंची तभी सभी छात्रों ने मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती कराने का फैसला किया। पूर्व चांसलर को ट्रेन से उतारकर स्टेशन से बाहर आए और इधर उधर एंबुलेंस की खोज करने लगे लेकिन कहीं नहीं दिखा इसके अलावा छात्रों ने लोकल गाड़ी को भी देखा लेकिन कुछ नहीं मिला। इसके बाद छात्रों ने वीआईपी एरिया में हाईकोर्ट के एक जज की गाड़ी खड़ी देखी। जिसके बाद छात्रों को थोड़ी राहत मिली लेकिन जज के ड्रावर ने उन्हें अस्पताल ले जाने से माना कर दिया। इसके बाद छात्रों ने मरीज की हालत बिगड़ते देख जबरदस्ती कार में बैठया और उसे जिले के जयारोग्य अस्पताल में भर्ती करवाया लेकिन पूर्व चांसलर की जान नहीं बच पाई। डॉकटर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
ABVP के दोनों छात्रों की रिहाई की उठी मांग
इस पूरे मामले में दो छात्रों को आरोपी बनाया गया है। जिनका नाम हिमांशु श्रोत्रिय और सुकृत शर्मा है। फिलहाल दोनों जेल में बंद हैं। इनकी रिहाई पर कोर्ट में सगंठन की ओर से दलील दी गई कि दोनों ने कुलपति की जान बचाने के लिए कार ली थी। जिस पर अदालत ने कहा कि किसी से मदद विनम्रता पूर्वक मांगी जाती है न की बलपूर्वक।
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यह कहते हुए न्यायालय ने दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी। जमानत याचिका खारिज होने पर संगठन के लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि जान बचाना क्या गुनाह हो गया है। दोनों छात्रों को जमानत के लिए संगठन की ओर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटया गया है जिसकी सुनवाई सोमवार को होने वाली है।
कल से होगा ABVP के छात्रों के लिए आंदोलन
सुनवाई होने से पहले संगठन आज सांकेतिक तौर पर विरोध प्रदर्शन करने वाला है। साथ ही संगठन कल पूरे प्रदेश मेंप्रदर्शन करने वाला है। जानकारी के लिए बता दें कि, हिमांशु श्रोत्रिय और सुकृत शर्मा पर मप्र डकैती और व्यापार प्रभाव क्षेत्र अधिनियम (एमपीडीवीपीके अधिनियम), डकैती विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज कराया गया है।
जेल में बंद दोनों छात्रों की तबीयत खराब बाताई जा रही है। एक छात्र को वायरल फीवर तो दूसरे का यूरिन इंफेक्शन हुआ है। जिसका इलाज जयारोग्य अस्पताल में चल रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सोमवार की सुनवाई में इन दोनों छात्रों को कोर्ट से रिहाई मिलती है या अभी इन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा।
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