नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम घोषित हो चुका है, अब बारी है दिल्ली के मुखिया के चयन की। आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा की कुल 70 सीटों में से BJP ने 48 विधानसभा सीटों पर अपनी जीत दर्ज़ की है। चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद प्रधानमंत्री ने दिल्ली वासियों को बधाई भी दी। उन्होंने कहा था कि दिल्ली की जनता ने दिल्ली की आपदा (आप) को उखाड़ फेंका है। अब दिल्ली तेजी से विकास करेगी।
कौन करेगा दिल्ली का नेतृत्व ?
दिल्ली के मुख्यमंत्री का फैसला 19 फरवरी की शाम 7 बजे BJP के विधायक दल की बैठक में किया जाएगा। सीएम की रेस में चार नामों की चर्चा हर कोई कर रहा है। नई दिल्ली से विधायक प्रवेश वर्मा इस रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। प्रवेश वर्मा सहित मनजिंदर सिंह सिरसा, रेखा गुप्ता और विजेंद्र गुप्ता के भी नामों की चर्चा खूब हो रही है।
- प्रवेश वर्मा – नई दिल्ली (विधानसभा सीट), उम्र – 47 वर्ष
- मनजिंदर सिंह सिरसा – राजौरी गार्डन (विधानसभा सीट), उम्र – 52 वर्ष
- रेखा गुप्ता – शालीमार बाग (विधानसभा सीट), उम्र – 50 वर्ष
- विजेंद्र गुप्ता – रोहिणी (विधानसभा सीट), उम्र – 61 वर्ष
20 फरवरी को होगा शपथ ग्रहण
आपको बता दें कि इस बार दिल्ली की सत्ता में बीजेपी 27 सालों बाद वापसी कर रही है, इसलिए शपथ ग्रहण समारोह को लेकर तैयारियां जोरो पर हैं। 20 फरवरी की तारीख दिल्ली और भारतीय जनता पार्टी के लिए ऐतिहासिक होने वाली है। इसी दिन दोपहर 12.30 बजे शपथ ग्रहण समारोह शरु होगा। मुख्यमंत्री के शपथ के बाद कैबिनेट के सभी सदस्य शपथ लेंगे।
आपको बता दें कि दिल्ली का रामलीला मैदान इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनेगा।

क्यों खास है रामलीला मैदान ?
दिल्ली का रामलीला मैदान भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी अहम रहा है। यहीं से 1952 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने सत्याग्रह की शुरुआत की थी। इसी मैदान से 1965 में लाल बहादुर शास्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था। 1977 में इसी रामलीला मैदान में जनता पार्टी की नींव रखी गई।
2011 में जब ‘अन्ना आंदोलन’ शुरु हुआ तो इसी जमीन से भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ बुलंद किए गए और 2013 में अरविंद केजरीवाल ने भी इसी रामलीला मैदान से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
अब साल 2025 में यही रामलीला मैदान एक और ऎतिहासिक पल का गवाह बनेगा। भारतीय जनता पार्टी 27 सालों बाद दिल्ली की सत्ता में वापस आएगी। ये पल केवल भारतीय जनता पार्टी के लिए ऐतिहासिक नहीं है बल्कि दिल्ली के हर एक नागरिक के लिए भी है। ये वही रामलीला मैदान से जहाँ से दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश की राजनीती की दिशा तय होती है।
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