एैसा लग रहा है मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी बदलों आंदोलन चल रहा है. कभी कोई नेता कांग्रेस पार्टी छोड़ रहा है, तो कभी कोई भाजपा पार्टी छोड़ कांग्रेस में जा रहा है. अभी कांग्रेस का एक गम खत्म नही हुआ था कि एक और गम झेलने को मिल गया. पिछले दिनों बुंदेलखंड के सागर से कांग्रेस पार्टी के नेता ने कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए.
5 साल पहले ली थी कांग्रेस पार्टि की सदस्यता
कल शाम देरी से एक खबर आई की दमोह जिले के दिग्गज नेता राघवेंद्र सिंह लोधी 5 साल बाद वापस भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए है. आपको बता दे कि सोमवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान, पार्टी के क्षत्रिय संगठन महामंत्री अजय जमवाल, केंद्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद के देख रेख में राघवेंद्र सिंह लोधी ने भारतीय जनता पार्टी में वापसी की है.
2018 के विधानसभा चुनाव में दमोह जिले की जबेरा विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने से राघवेंद्र सिंह लोधी कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे थे. भारतीय जनता पार्टी को डर है कि वे भितरघात के कारण कहीं पीछे न हो जांए. इसी बड़े कारण के चलते राघवेंद्र सिंह को वापस पार्टी में लाया गया है. राघवेंद्र सिंह लोधी को पार्टी में लाने के पीछे बीजेपी की लोधी वोटों पर खासी नजर है.
कांग्रेस पार्टि के इस नेता पर लगाए टिकट ना मिलने का आरोप
राघवेंद्र सिंह ने बताया कि जब वह पिछले विधानसभा चुनाव में जबेरा विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे. लेकिन उनकी जगह पार्टी ने धर्मेंद्र सिंह को विधानसभा चुनाव का टिकट दे दिया. लेकिन राघवेंद्र सिंह ने भी पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे थे. उस चुनाव में राघवेंद्र को 21751 वोट मिले थे.
जबेरा विधानसभा सीट से टिकट न मिलने से नाराज राघवेंद्र सिंह ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल पर कई बड़े आरोप लगाए थे. उन्होनें बताया था कि मेरा टिकट सिर्फ और सिर्फ सांसद के कारण काटा गया है. राघवेंद्र बोलें उनको यह जानना जरूरी है कि वह सांसद बने तो सिर्फ जनता के वोट और ताकत कि वजह से. तुम सिर्फ जाति और भाग्य की राजनीति करने वाले नेता हो”.
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