CJI Gavai: मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने कहा कि डिजिटल दौर में लड़कियां गंभीर खतरों का सामना कर रही हैं। ऑनलाइन हैरेसमेंट, साइबर बुलिंग, डिजिटल स्टॉकिंग, निजी डाटा का दुरुपयोग और डीपफेक जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने पुलिस और अधिकारियों को खास ट्रेनिंग देने और नए कानून बनाने की जरूरत बताई।
CJI गवई सुप्रीम कोर्ट की किशोर न्याय समिति और यूनिसेफ इंडिया द्वारा आयोजित सम्मेलन ‘बालिकाओं की सुरक्षा’ में इस विषय पर बात की। उन्होंने कहा कि संविधान और कानून होने के बावजूद कई लड़कियों को अब भी बुनियादी अधिकार नहीं मिलते। बाल विवाह, तस्करी, कुपोषण और लिंग के आधार पर भेदभाव अब भी मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि लड़कियों की सुरक्षा सिर्फ शरीर की नहीं, आत्मा की भी होनी चाहिए। हमें पितृसत्तात्मक सोच को खत्म करना होगा, ताकि हर लड़की बिना डर के जी सके। उन्होंने रविंद्रनाथ टैगोर की कविता ‘व्हेयर द माइंड इज विदाउट फियर’ को याद करते हुए यह सपना साकार करने की बात कही।
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