छठ पूजा 2025: उत्तर भारत और नेपाल के कई क्षेत्रों में आज से चार दिवसीय छठ पूजा 2025 का शुभारंभ हो गया है। कार्तिक शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि पर शुरू होने वाला यह पर्व सूर्योपासना और छठी मैया की आराधना का प्रतीक है। नहाय-खाय से शुरू होने वाले छठ व्रत में महिलाएं सात्विक भोजन ग्रहण कर संतान सुख, स्वास्थ्य और परिवार की समृद्धि की कामना करती हैं।
दूसरे दिन ‘खरना’ अनुष्ठान होता है, जिसमें खीर और लोहंडा का प्रसाद तैयार कर व्रती माता को भोग लगाते हैं। तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर उनका आभार व्यक्त किया जाता है और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन होता है।
छठ पूजा में सूर्यदेव के तीन स्वरूपों उदय में ब्रह्म, दोपहर में विष्णु और संध्या में शिव की आराधना की जाती है। डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। पर्व का उद्देश्य न केवल धार्मिक है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है, क्योंकि पूजा से पहले नदियों और जलस्रोतों की सफाई की जाती है।
छठ पूजा व्रत की यह परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है और आज भी इसे आस्था, निष्ठा का महापर्व माना जाता है।
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