Aayudh

क्या अमृतपाल सिंह जेल से लड़ सकते हैं चुनाव ?

अमृतपाल सिंह

असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ सकता है। यह जानकारी उनके वकील राजदेव सिंह ने दी है कि पंजाब के खडूर साहिब से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर अमृतपाल सिंह जैसे आतंकवादी समर्थक को जेल से चुनाव लड़ने का अधिकार मिल सकता है तो केजरीवाल जिसपर घोटाले का आरोप है वह मतदान क्यों नहीं कर सकता।

क्या कहता है कानून

करीब 15 साल पहले पटना हाईकोर्ट में एक मामला सामने आया था जिसमें एक कैदी ने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। पटना हाईकोर्ट ने उस वक्त यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया था कि जब जेल में रहते हुए मतदान करना कानून के खिलाफ है तो किसी कैदी का जेल से चुनाव लड़ना कैसे संभव हो सकता है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का रुख भी समान रहा। लेकिन कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षता वाली यूपीए सरकार में इस कानून का संशोधन किया गया।

इस कानून के तहत अमृतपाल सिंह लड़ सकते हैं चुनाव

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 62(5) में संशोधन कर कैदियों को भी चुनाव लड़ने की मंजूरी दे दी गई है। इस फैसले पर सरकार का कहना था कि कई बार विपक्ष के नेताओं द्वार झूठे इल्जामों में अच्छे नेताओं को फंसा दिया जाता है जिस कारण वह चुनाव नहीं लड़ पाते। हालांकि कैदियों को वोट देने पर आज भी प्रतिबंध है। ऐसे में यदि कोई चुनाव लड़ना भी चाहता है तो वह अपने प्रतिनिधि या अपने परिवार के किसी सदस्य के द्वारा नामांकन भर सकता है और उनके द्वारा ही चुनाव का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। वहीं अगर बात करें अमृतपाल सिंह के चुनाव लड़ने की तो फिल्हाल उनकी मां ने इस तरह की खबरों का खंडन किया है।

यह भी पढ़ें- बॉलीवुड एक्टर धर्मेंद्र ने अपनी पत्नी हेमा मालिनी के लिए जनता से मांगे वोट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *