नई दिल्ली। मंगलवार (28 फरवरी 2025) को दिल्ली विधानसभा में CAG की ‘हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य सेवाओं’ के प्रबंधन से जुड़ी रिपोर्ट पेश की गई। यह रिपोर्ट 14 CAG रिपोर्टों की एक श्रृंखला का हिस्सा है, जो इस सत्र में प्रस्तुत की जाएंगी।आपको बता दें कि CAG की सभी 14 रिपोर्ट्स को एक-एक करके दिल्ली विधानसभा के पटल पर रखा जा रहा है।
क्या है CAG ?
CAG, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 151 के तहत, राज्य सरकारों के खातों का ऑडिट करता है और रिपोर्टों को राज्यपाल या उपराज्यपाल के पास प्रस्तुत करता है,जिन्हें विधानसभा में पेश किया जाता है। दिल्ली की पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार ने इन रिपोर्ट्स को विधानसभा में नहीं पेश किया था। जिसके बाद अब दिल्ली की वर्तमान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, लंबित CAG रिपोर्ट्स को विधानसभा में पेश करने को प्राथमिकता दे रही हैं। ताकि पूर्व आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के दावों का मूल्यांकन किया जा सके।
CAG रिपोर्ट में हुए कई खुलासे…
- मार्च 2022 तक, 28 अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में कुल मिलाकर 21% स्टाफ की कमी थी, जिसमें शिक्षण विशेषज्ञ 30%, गैर-शिक्षण विशेषज्ञ 28%, चिकित्सा अधिकारी 9%, नर्सें 21%, पैरामेडिकल स्टाफ 38% और NHM योजना स्टाफ 36% कम पाए गए।
- लोकनायक जय प्रकाश (LNJP) अस्पताल में, औसत परामर्श समय सिर्फ 5 मिनट प्रति मरीज है, और प्रमुख सर्जरी के लिए 2-3 महीने का इंतजार करना पड़ता है, जबकि जलन और प्लास्टिक सर्जरी के लिए 6-8 महीने तक का विलंब होता है।
- कई ऑपरेशन थिएटर स्टाफ की कमी के कारण बंद हैं, जैसे कि राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 12 में से 6 और जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सभी 7।
- अस्पतालों में रेबीज और हीमोफिलिया के इंजेक्शनों की कमी है, और आवश्यक दवाओं की सूची पिछले दस वर्षों में केवल तीन बार तैयार की गई है, जबकि इसे हर वर्ष तैयार किया जाना चाहिए।
- केंद्रीय क्रय एजेंसी (CPA) लोगों को सभी दवाईयां दिलवाने में विफल रही, जिससे लोगों को 33-47% दवाइयां सीधे बाजारों से खरीदनी पड़ी।
- 2016-17 के बजट भाषण में 10,000 नए बेड जोड़ने का प्रस्ताव था, जबकि 2020-21 तक केवल 1,357 बेड जोड़े गए, जो सरकार की विफलता को दर्शाता है और इससे लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।
- 6 सालों के विलंब के बाद भी 8 निर्माणाधीन अस्पतालों में से केवल 3 अस्पतालों का निर्माणकार्य पूरा हुआ।
- रेप पीड़ितों के लिए ‘One Stop Center’ में भी कोई डेडिकेटेड स्टाफ नहीं है।
- कई एम्बुलेंस में आवश्यक उपकरण और सुविधाएं नहीं हैं।
CAG की ये रिपोर्ट दिल्ली की पूर्व आम आदमी सरकार की विफलताओं को उजागर करती है।
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