Bihar Special Status : इन दिनों वित्त आयोग की 12 सदस्यीय टीम Bihar के दौरे पर है। बिहार सरकार ने 16वें वित्त आयोग की टीम के सामने मांगों की एक लिस्ट रखी है। इस लिस्ट में Bihar को विशेष राज्य का दर्ज़ा देने और 1 करोड़ रुपए की तात्कालिक मांग की गई है। हालांकि वित्त आयोग ने बिहार सरकार की इन मांगों पर अपना रुख साफ़ कर दिया है।
गुरुवार (20 मार्च 2025) को 16वें वित्त आयोग के सामने बिहार सरकार कई माँगों को रखा। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी के साथ अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया की बैठक भी हुई। आज (21 मार्च 2025) को वित्त आयोग की टीम का बिहार में अंतिम दिन है। आज टीम बिहार के मधुबनी जाएगी और पंचायत सरकार भवन का निरिक्षण करेगी।
वित्त आयोग का बयान
सोलहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि बिहार सरकार ने जलवायु परिवर्तन टिकाऊ कृषि , जैविक खेती और शिक्षा के लिए वित्तीय मदद और अनुदान की मांग की है। उन्होंने कहा, सरकार ने विशेष राज्य के दर्ज़े की भी मांग की है, हालांकि इसके लिए संविधान में संसोधन करना होगा जो केंद्र सरकार के अधीन है।
उन्होंने कहा, सरकार यदि संविधान में संसोधन करती है तो इसमें आयोग हस्तक्षेप नहीं करेगा। इसके लिए सरकार को संसद में विधेयक लाना होगा, जिसकी फिल्हाल मुझे बहुत कम उम्मीद लग रही है।

Bihar सरकार की माँगें
बिहार सरकार ने 16वें वित्त आयोग के सामने कई मांगें रखी हैं। सरकार ने वित्त आयोग से बिहार को विशेष राज्य का दर्ज़ा देने की भी मांग की है। हालाँकि वित्त आयोग ने कहा है कि इसपर केंद्र सरकार निर्णय करेगी। बिहार सरकार के द्वारा रखी गई माँगें :
- बिहार को विशेष राज्य का दर्ज़ा दिया जाए।
- केंद्रीय कर में राज्यों के शेयर को 41 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी किया जाए।
- सेस और सरचार्ज को विभाज्य पुल में शामिल किया जाना चाहिए। (सेस : उपकर या सेस करदाता द्वारा अदा किये जाने वाले मूल कर (Tax) पर लगाया गया एक अतिरिक्त कर होता है।)
- राज्यों के बीच केंद्रीय करों के बँटवारे में बहुआयामी गरीबी को भी आधार बनाया जाना चाहिए।
- जनसंख्या घनत्व को भी संसाधन हस्तांतरण के लिए प्राथमिकता देनी चाहिए।
- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए तत्काल 1लाख 79 करोड़ रूपए का अनुदान दिया जाए।

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