Bhopal News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल अब झीलों का शहर होने के नाते एक और खूबसूरत अनुभव देने जा रही है। राजधानी के बड़े तालाब में अब पर्यटक और आम लोग शिकारा की सवारी का आनंद ले सकेंगे। गुरूवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बोट क्लब से 20 नए शिकारों को हरी झंडी दिखाई और खुद भी एक शिकारे में बैठकर सवारी की।
इस पहल के तहत हर शिकारा 2.3 किलोमीटर का राउंड करेगा और इसमें लगभग 6-8 लोग बैठ सकते हैं। सवारी सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक होगी। अनुमानित किराया प्रति व्यक्ति ₹150 होगा। शिकारे लकड़ी के बने हैं और रंग-बिरंगे कुशन व छतरी से सजाए गए हैं। चालक पीछे खड़े होकर चप्पू से शिकारा चलाते हैं, जिससे यह पूरी तरह पर्यावरण-अनुकूल है।
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इससे पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सितंबर 2024 में बड़े तालाब और अन्य जल निकायों में क्रूज व मोटरबोट पर रोक लगा दी थी। इसका कारण डीजल इंजन से निकलने वाले प्रदूषण और जलीय जीवन पर असर था। इसके बाद पर्यटन गतिविधियाँ ठप हो गई थी।
नगर निगम और मध्य प्रदेश पर्यटन निगम की संयुक्त कोशिशों से अब यह नया विकल्प सामने आया है। जून 2024 में एक प्रायोगिक शिकारा चलाया गया था, जिसकी सफलता के बाद अब 20 शिकारे उतारे गए हैं।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा, “भोपाल की खूबसूरती को और निखारने के लिए यह कदम उठाया गया है। अब कश्मीर जाने की जरूरत नहीं, बड़ा तालाब ही डल झील जैसा अनुभव देगा।”
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