भारत देश के सम्पूर्ण नागरिक इन दिनों केवल 22 जनवरी की ही प्रतीक्षा में लगे हुए हैं। 22 जनवरी ही वो दिन है जिस दिन हिंदू समुदाय की वर्षों पुरानी अभिलाषा पूरी होगी। इस दिन जब राम लला की जन्मभूमि पर बने मंदिर में उनकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी तो देश के हर कोने में दिवाली मनाई जाएगी। साथ ही समारोह से एक हफ्ते पहले अयोध्या में 17 जनवरी को राम लला की प्रतिमा का नगर भ्रमण कराया जाएगा पर इस दौरान प्रतिमाओं की आँखों पर पट्टी बंधी रहेगी।
क्यों बांधी जाती है प्राण प्रतिष्ठा से पहले आँखों पर पट्टी
राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 17 जनवरी को उनकी मूर्ति को नगर भ्रमण पर निकाला जाएगा। नगर भ्रमण के दौरान राम लला की आँखों में पट्टी बाँध दी जाएगी। माना जाता है कि जब कोई भक्त प्रभु को प्रेम से निहारता है तो प्रभु भी उसी ओर प्रेम से देखते हैं। जब भक्त प्रभु की आँखों में आँखें डालता है तो प्रभु उस भक्त के साथ ही चल देते हैं। इस दौरान भक्त और भगवान दोनों में सकारात्मक ऊर्जा का आदान प्रदान होता है।
नेपाल से आए शालिग्राम से बनी राम लला की प्रतिमा
राम मंदिर में राम लला की जिस प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा वह किसी आम पत्थर या धातु की नहीं है। यह प्रतिमा नेपाल की नारायणी नदी से लाए गए श्री शालिग्राम भगवान को तराशकर बनाई गई है। बतादें कि शालिग्राम भी भगवान विष्णु का ही एक विग्रह हैं और श्रीराम भी उनके सातवें अवतार हैं जिस कारण ही शालिग्राम पत्थर का इस्तेमाल राम मंदिर की प्रतिमा के लिए किया गया।
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