चुनावी परिणाम (Election result) के बीच Chatgpt हुआ ठप

आज आने वाले चुनावी नतीजों (Election result) के बीच ओपन एआई के टूल चैटजीपीटी Chatgpt की सर्विस एक बार फिर ठप हो गई है। चुनावी नतीजों के बीच लोग इस टूल का उपयोग कर अपने काम को आसान कर सकते थे लेकिन ऐन मौके पर एआई टूल का ठप हो जाना अपने आप में एक दुखद बात है। Election result के बीच Chatgpt ठप चैटजीपीटी की मदद से लोग अपने काम को आसानी से कर पाते हैं लेकिन आज लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि चैटजीपीटी Chatgpt एक्सिस करने में दिक्कत आ रही है। बताया जा रहा है कि करीब 12 बजे से चैटजीपीटी की सर्विस डाउन है और एक घंटे से भी ज्यादा समय होने के बाद भी ये ओपन नहीं हो रहा है। यूजर्स काफी समय से इसकी शिकायत कर रहे हैं उनका कहना है कि ऐप पर पुरानी चैट्स भी लोड नहीं हो रही हैं। सामने नहीं आई कोई वजह 14 प्रतिशत लोग चैटजीपीटी Chatgpt को एक्सिस नहीं कर पा रहे हैं वहीं 12 प्रतिशत ऐसे लेग है जिन्हें एप पर परेशानी हो रही है। ये दिक्कत क्यों आ रही है इस बात को लेकर कंपनी की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। बतादें कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है इसके पहले भी मई महीने में दो बार चैटजीपीटी की सर्विस इसी तरह से डाउन हो चुकी हैं ऐसे में क्या गड़बड़ हो रही है इसे लेकर कंपनी ने कोई सफाई नहीं दी है। ये भी पढ़ें- Election result 2024: जानिए कहां देखें सटीक चुनावी परिणाम
Election result 2024: जानिए कहां देखें सटीक चुनावी परिणाम

आज लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे Election result सभी के सामने आ जाएंगे। देश की कुल 242 सीटों पर गिनती जारी है वहीं एक लोकसभा सीट ऐसी है जहां से पहले ही बीजेपी को एक जीत हासिल हो चुकी है ये सीट है गुजरात की सूरत लोकसभा सीट जहां से बीजेपी के मुकेश दलाल निर्विरोध चुनाव जीत चुके हैं। बची हुई 242 सीटों पर गिनती देखने के लिए आप चुनाव आयोग की ऑफिशियल वेबसाईट पर जाकर सटीक परिणाम देख सकते हैं। इस लेख में देखिए कि कैसे देखें चुनाव आयोग की वेबसाईट पर परिणाम। यहाँ चैक करें चुनाव का परिणाम ( Election result ) अगर आप भी लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम चैक करना चाहते हैं तो चुनाव आयोग या इलेक्शन कमिशन की ऑफिशियल वेबसाईट results.eci.gov.in पर जाकर आप चैक कर सकते हैं। इस वेबसाईट पर आपको अपनी parliamentary constituencies के अनुसार देख सकते हैं जिसके लिए आप अपना राज्य का चुनाव कर जिस पार्टी और उम्मीदवार की वोट चैक करना चाहते हैं कर सकते हैं। ये है पूरी प्रक्रिया read more- Bhopal suicide news: इंजीनियर ने नाइट्रोजन गैस से किया सुसाइड
विभव कुमार की जमानत वाली याचिका हुई खारिज

आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल के साथ कथित रूप से मारमीट करने के आरोप में आज ही केजरीवाल के पीए विभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और अब मुख्यमंत्री के पीए की जमानत की याचिका भी लगा दी गई है। विभव कुमार की जमानत हुई खारिज 13 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री निवास से शुरू हुए इस मामले में नया मोड़ आया है। महिला सांसद के साथ मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस ने विभव को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद तीस हजरी कोर्ट में उनकी अग्रिम जमानत की याचिका डाली गई लेकिन कोर्ट ने उनकी जमानत वाली याचिका खारिज कर दी। बताया जा रहा है कि पुलिस अदालत से रिमांड की मांग करेगी साथ ही जानने के कोशिश करेगी कि सच क्या है। ये है स्वाति मालीवाल का पूरा मामला आप सांसद ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उनके साथ सीएम आवास पर उनके पीए द्वारा मारपीट और बदसलूकी की गई। शिकायत में विभव कुमार द्वारा कई बार लात और थप्पड़ मारने का जिक्र है। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ये साफ हो गया है कि सांसद के चेहरे और पैर पर घाव हैं जिसके बाद विभव कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह भी पढ़ें- Ipl Playoff:प्लेऑफ के लिए महामुकाबलें में टक्कराएंगी चेन्नई-बेंगलुरू
रायबरेली में दिखा राहुल और प्रियंका के बचपन का प्यार

रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से जुड़े कई किस्से वायरल हुए हैं। कभी भाई अपनी बहन को सरेआम मंच पर किस कर लेता है तो कभी बहन के गले में गलवैयां डाल लेता है इतना ही नहीं दोनों भाई बहन एक दूसरे से इशारों इशारों में भी बात कर लेते हैं। इन सब बातों से यह साफ समझ आता है कि दोनों भाई बहन एक दूसरे के काफी करीब हैं। रायबरेली में दिखा भाई बहन का प्यार राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले हैं। सोमवार को राहुल और प्रियंका गांधी रायबरेली पहुँचे जहां उन्होंने जनसभा को सम्बोधित किया । ये सम्बोधन कोई साधारण सम्बोधन नहीं था क्योंकि इसमें राजनीति की तमाम बातों के अलावा प्रियंका और राहुल गांधी की तारीफें थी जो दोनों भाई बहन मंच से एक दूसरे के लिए कर रहे थे। इस भाषण में कांग्रेस की महासचिव ने अपने भाई की इतनी तारीफ कर दी कि नेता भी शर्मा गए। प्रियंका गांधी ने की राहुल गांधी की तारीफ कांग्रेस महासचिव कहती हैं कि बचपन से राहुल गांधी को अन्याय नहीं बर्दाश्त हुआ वो कहती हैं कि “बचपन में भी जब कोई बच्चा खेलते खेलते किसी बच्चे के साथ में अन्याय करता था तो भैया झगड़ लेते थे, भैया ने जीवन भर न्याय की लड़ाई लड़ी है।” वह आगे कहती हैं कि “ऐसा नेक व्यक्ति ऐसा दरिया दिल व्यक्ति आपको कहीं नहीं मिलेगा।” रायबरेली में मंच से की बहन का तारीफ राहुल गांधी भी मंच से जनसभा को सम्बोधित करते हुए बहन प्रियंका वाड्रा की तारीफ करते हैं। राहुल ने कहा कि- ये जो मेरी बहन है मुझे उसकी तारीफ करनी पड़ेगी, मैं देश में प्रचार कर रहा हूं और ये मेरे लिए यहां अपना खून पसीना बहा रही है। यह भी पढ़ें- General Election 2024: चौथे चरण में आदिवासी सीटों पर किसका पलना
General Election 2024: चौथे चरण में आदिवासी सीटों पर किसका पलना
आज लोकसभा चुनाव का चौथा चरण है जिसमें मध्यप्रदेश की कुल 8 सीटों पर वोटिंग होनी है इन सीटों में रतलाम, खरगोन, देवास, उज्जैन, इंदौर,मंदसौर धार,और खंडवा लोकसभा सीट शामिल है। इन सीटों में से तीन सीटें रतलाम.धार और खरगोन आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित सीट हैं जहां पर चुनावी समीरण हैरान कर देने वाला है। हम जानेंगे इन तीनों सीटों के समीकरण क्या कहते हैं, इन सीटों पर किसका है दबदबा और अब तक इन सीटो पर कितना मतदान हुआ है। कांग्रेस की पकड़ रही है मजबूत इन आदिवासी सीटों को साधने के लिए पीएम मोदी और कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी दोनों ने जमकर प्रचार किया है और एक दूसरे पर वार पलटवार भी किए हैं लेकिन क्षेत्र की आदिवासी जनता के दिल में क्या है चलिए जानते हैं। दरअसल रतलाम, धार और खरगोन क्षेत्र में कुल 17 आदिवासी रिजर्व विधानसभा सीट आती हैं जिनमें से कांग्रेस ने 11 पर जीत दर्ज की है और बीजेपी ने महज 5 सीटों पर जीत दर्ज की ,जो आदिवासी क्षेत्रों में कांग्रेस पार्टी की मजबूत पकड़ को साफ दिखाते हैं लेकिन इस बार बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा क्योंकि क्षेत्र में कई ऐसे मुद्दे हैं जिनके कारण बीजेपी कांग्रेस पार्टी को पीछे छोड़ सकती है। आदिवासी सीटों पर कब किसका रहा दबदबा अगर पिछले तीन लोकसभा चुनाव की बात करें तो साल 2009 से लेकर साल 2019 तक खरगोन लोकसभा सीट पर भाजपा का ही दबदबा बना हुआ है , और इस बार यहां से बीजेपी की ओर से गजेंद्र सिंह पटेल चुनावी मैदान में है जिनके विपक्ष में कांग्रेस पार्टी के पोरलाल करते चुनाव लड़ रहे हैं,धार लोकसभा सीट पर साल 2019 तक कांग्रेस ने राज किया लेकिन 2014,और 2019 में भाजपा का कमल खिला,क्षेत्र से इस बार सावित्री ठाकुर मैदान में हैं जिनके विपक्ष में कांग्रेस पार्टी के राधेश्याम मुवेल चुनाव लड़ रहे हैं। रतलाम सीट पर साल 2019 तक कांति लाल भरिया ने राज किया पर 14 और 19 के चुनाव में बीजेपी ने ये सीटें भी अपने नाम करली। वहीं इस बार फिर कांग्रेस पार्टी के कांतिलाल भूरिया मैदान में है जिनके सामने बीजेपी की अनीता सिंह चौहान चुनाव लड़ेंगी। बता दें कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में आदिवासी इलाकों में कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी को पीछे छोड़ दिया था । आदिवासी सीटों पर ऐसे रोचक बना मुकाबला इस बार मुद्दे अलग हैं जिस पर से पीएम मोदी और राहुल गांधी की रैलियों ने भी सीटों पर काफी प्रभाव डाला है। पीएम मोदी ने 7 मई को धार , और खरगोन में प्रचार किया था वहीं राहुल गांधी ने 6 मई को खरगोन में चुनावी सभा की थी। आदिवासी सीटों में सबसे ज्यादा खास सीट है रतलाम जहाँ से कांग्रेस ने पांच बार के विधायक कांतिलाल भूरिया को उतारा है जो इसी भील समाज से आते जिसकी आबादी रतलाम में ज्यादा है वहीं बीजेपी ने भिलाला समाज से आने वाली अनीता नागर सिंह को प्रत्याशी बनाया है । यहां चुनाव भील और भिलाला में बदल गया है । माना जा रहा है की इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है लेकिन क्षेत्र के जयस पार्टी के नेता इस वक्त कांग्रेस के सपोर्ट में खड़े दिखाई दे रहे है जो इन चुनावों को ज्यादा रोचक बना रहा है। बीजेपी के लिए आदिवासी सीटों पर पॉजिटिव संकेत इन क्षेत्रों में बीजेपी के मोदी, से लेकर सीएम मोहन यादव और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी विकास के मुद्दे पर प्रचार कर चुके हैं वहीं कांग्रेस स्थानीय मुद्दों को बीच में लेकर आ रही है। इन आदिवासी सीटों पर इस बार हिंदुत्व के मुद्दे छाए हुए हैं ,राम मंदिर की हवा अभी तक शांत नहीं हुई हैं और धार में भोजशाला एक अहम मुद्दा बना हुआ है इसी बीच बार बार पीएम मोदी का चुनावी सभाओं का लेना बीजेपी के लिए पॉजिटिव संकेत देता दिखाई दे रहा है। यह भी पढ़ें- क्या है ममता और केजरीवाल की चुनावी सांठगांठ
क्या है ममता और केजरीवाल की चुनावी सांठगांठ

दिल्ली शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। 1 जून तक के लिए ये जमानत दी गई हैं वहीं इसे लेकर कई शर्तें भी रखी गई हैं। कोर्ट ने यह फैसला चुनाव के लिहाज़ से लिया है ताकी आम आदमी पार्टी नेता प्रचार प्रसार कर सकें। केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत अरविंद केजरीवाल की जमानत से केवल आम आदमी पार्टी ही खुश नहीं हैं बल्कि देश के अलग अलग राज्यों के नेताओं और पार्टियों को उनके जेल से बाहर आने की खुशी है। केजरीवाल जेल से बाहर आकर दिल्ली समेत गोवा, पंजाब , गुजरात जैसे कई प्रदेशों में कैंपेन करेंगे। आम आदमी पार्टी प्रमुख के जेल से बाहर आने के बाद 25 मई को दिल्ली में होने वाली वोटिंग में पार्टी को फायदा हो सकता है वहीं पंजाब में 1 जून को वोटिंग होनी है जिसमें नेता पूरा ज़ोर लगाते नज़र आएंगे। माना जा रहा है कि केजरीवाल के आने से इन दोनों ही सीटों पर आम आदमी पार्टी को बड़ा फायदा होगा। ममता ने जताई खुशी केजरीवाल के जेल से वापस आने के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने सोशल मीडिया प्लटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि “मैं अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत से खुश हूँ। चुनावी माहौल में इस फैसले से काफी मदद मिलेगी।” बतादें कि आम आदमी पार्टी प्रमुख और ममता बैनर्जी की दिल्ली यात्रा के दौरान कई बार मुलाकात हुई। इतना ही नहीं जब टीएमसी के सांसदों ने दिल्ली में धरना किया तब आम आदमी पार्टी के नेता भी टीएमसी के समर्थन में मैदान में दिखे थे। यह भी पढ़ें- Loksabha Election 2024: इंदौर में दिखेगा बीजेपी VS नोटा की मुकाबला
Loksabha Election 2024: इंदौर में दिखेगा बीजेपी VS नोटा की मुकाबला

इंदौर लोकसभा सीट पर नोटा भाजपा के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी करता नज़र आ रहा है। क्षेत्र में एक ओर कांग्रेस पार्टी अलग अलग पैतरें आज़मा कर जनता से नोटा पर वोट करने की अपील कर रही है वहीं दूसरी ओर भाजपा कांग्रेस के इस अभियान से टेंशन में नज़र आ रही है। कांग्रेस ने दिया नोटा को समर्थन मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांती बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था और भाजपा के पाले में शामिल हो गए थे। इंदौर लोकसभा सीट से कोई प्रत्याशी ना होने के कारण अब कांग्रस पार्टी ने भाजपा को मात देने का नया तरीका निकाला है। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता व्यापारिक क्षेत्रों में जाकर लोगों को नोटा चाय का वितरण कर रहे हैं , NOTA के पोस्टर लगा रहे हैं और नोटा पर वोट करने की अपील कर रहे हैं। बीजेपी को खतरा कांग्रेस पार्टी के NOTA को समर्थन देने के बाद से ही भाजपा की टेंशन बड़ गई हैं। जहां पहले ये मुकाबला बीजेपी कांग्रेस के बीच था वहीं अब बीजेपी की टक्कर नोटा से होने वाली है। भाजपा ने कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी के नामांकन वापस लेने के बाद जीत की मार्जिन 8 लाख से बढ़ाकर 11 लाख कर ली है जिस के कारण पार्टी की टेंशन बड़ गई है। यह भी पढ़ें- क्या अमृतपाल सिंह जेल से लड़ सकते हैं चुनाव ?
पूर्व मंत्री दीपक जोशी की फिसली ज़ुबान, स्वीकारा अपना गुनाह

कांग्रेस पार्टी के पूर्व मंत्री दीपक जोशी हमेशा से ही अपने किसी ना किसी बयान के कारण चर्चा में बने रहते हैं । इस बार पूर्व मंत्री ने एक जनसभा को संबोधित करते हुआ एक बयान देकर अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार दी। मंत्री ने बीजेपी के विरोध में भाषण देते हुए खुद को लेकर बड़ा खुलासा कर दिया। पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने किया बड़ा खुलासा पूर्व मंत्री दीपक जोशी हालहीक में राजगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के लिए प्रचार करने पहुँचे थे। पूर्व मंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी के नेताओं पर निशाना साधना शुरू कर दिया और फिर कुछ ऐसा कह दिया कि खुद ही फंस गए। जोशी कहते हैं कि एक विधायक या सांसद को सबसे ज्यादा पैसा बस स्टॉप पर मिलता है,मैं झूठ नहीं बोलता मैंने भी लिया है थोड़ा बहुत। दीपक जोशी अपने इस बयान के कारण काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं। दिग्विजय के लिए बढ़ी मुश्किल दीपक जोशी उस वक्त से ही चर्चा का विषय बने हुए हैं जब सुरेश पचौरी ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा था। ऐसी खबरें सामने आ रही थी कि सुरेश पचौरी के साथ दीपक भी अपने पुराने दल में वापस जा सकते हैं यहां तक कि कमलनाथ ने भी उनके जाने को लेकर बयान दे दिया था लेकिन अब वह कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए प्रचार करते देखे जा रहे हैं। पूर्व मंत्री का ऐसा चुनावी प्रचार दिग्विजय के लिए क्षेत्र में मुश्किलें खड़ी करने वाला है। यह भी पढ़ें- पीएम मोदी पर 6 साल का बैन लगाने वाली याचिका पर हुई सुनवाई
पीएम मोदी पर 6 साल का बैन लगाने वाली याचिका पर हुई सुनवाई

लोकसभा चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं इसी बीच कई नेताओं पर एफआईआर और आचार संहिता का उलंघन करने के भी आरोप लगाए जा चुके हैं ऐसे में पीएम मोदी पर भी कुछ लोगों ने आदर्श आचार संहिता का उलंघन करने का आरोप लगाया है। दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि मोदी पर 6 साल का बैन लगाया जाना चाहिए। मोदी पर 6 साल का बैन वकील आनंद एस जोंधले ने पीएम मोदी के खिलाफ वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट में दायर किया। जोंधले ने कोर्ट से रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट अधिनियम के तहत पीएम को 6 साल के लिए बैन करने का चुनाव आयोग को आदेश जारी करने की मांग की। उनका कहना है कि पीएम ने जनता से धर्म के नाम पर वोट मांगे हैं जो आचार संहिता का उलंघन है। वकील का कहना है कि 9 अप्रैल को पीएम ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में भाषण देते हुए राम मंदिर बनाने का जिक्र किया साथ ही अन्य देवी देवताओं का भी नाम लिया। कोर्ट ने खारिज की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में सचिन दत्ता की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि चुनाव आयोग तक मामला पहले ही पहुँच चुका है ऐसे में वह विशेष दृष्टीकोण अपनाने का कोई दबाव नहीं डाल सकते हैं, चुनाव आयोग स्वतंत्र है। सुनवाई में चुनाव आयोग की तरफ से उपस्थित हुए सिद्धांत कुमार ने कोर्ट से कहा कि मामला संज्ञान में ले लिया गया है जल्द ही कार्रवाई से संबंधित आदेश जारी कर दिए जाएंगे। यह भी पढ़ें- क्या अमृतपाल सिंह जेल से लड़ सकते हैं चुनाव ?
क्या अमृतपाल सिंह जेल से लड़ सकते हैं चुनाव ?

असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ सकता है। यह जानकारी उनके वकील राजदेव सिंह ने दी है कि पंजाब के खडूर साहिब से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर अमृतपाल सिंह जैसे आतंकवादी समर्थक को जेल से चुनाव लड़ने का अधिकार मिल सकता है तो केजरीवाल जिसपर घोटाले का आरोप है वह मतदान क्यों नहीं कर सकता। क्या कहता है कानून करीब 15 साल पहले पटना हाईकोर्ट में एक मामला सामने आया था जिसमें एक कैदी ने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। पटना हाईकोर्ट ने उस वक्त यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया था कि जब जेल में रहते हुए मतदान करना कानून के खिलाफ है तो किसी कैदी का जेल से चुनाव लड़ना कैसे संभव हो सकता है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का रुख भी समान रहा। लेकिन कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षता वाली यूपीए सरकार में इस कानून का संशोधन किया गया। इस कानून के तहत अमृतपाल सिंह लड़ सकते हैं चुनाव लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 62(5) में संशोधन कर कैदियों को भी चुनाव लड़ने की मंजूरी दे दी गई है। इस फैसले पर सरकार का कहना था कि कई बार विपक्ष के नेताओं द्वार झूठे इल्जामों में अच्छे नेताओं को फंसा दिया जाता है जिस कारण वह चुनाव नहीं लड़ पाते। हालांकि कैदियों को वोट देने पर आज भी प्रतिबंध है। ऐसे में यदि कोई चुनाव लड़ना भी चाहता है तो वह अपने प्रतिनिधि या अपने परिवार के किसी सदस्य के द्वारा नामांकन भर सकता है और उनके द्वारा ही चुनाव का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। वहीं अगर बात करें अमृतपाल सिंह के चुनाव लड़ने की तो फिल्हाल उनकी मां ने इस तरह की खबरों का खंडन किया है। यह भी पढ़ें- बॉलीवुड एक्टर धर्मेंद्र ने अपनी पत्नी हेमा मालिनी के लिए जनता से मांगे वोट