Aayudh

राजस्थान में कल शपथ समारोह, इन दिग्गजों के आने की संभावना

हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने हिंदी बेल्ट के तीन राज्यों ( मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान) में प्रचंड जीत हासिल की थी। बीते दिन एमपी और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्रियों की शपथ समारोह का आयोजन हुआ। जिसके बाद सवैंधानिक तौर पर दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार बन गई है लेकिन राजस्थान में अभी शपथ समारोह का आयोजन नहीं हुआ है। भाजपा द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, राजस्थान में 15 दिसंबर को राजधानी जयपुर में शपथ समारोह का आयोजन होगा। यह कार्यक्रम सुबह 11:30 बजे तय किया गया है. पार्टी केआलाकमा ने राजस्थान में नए सीएम के रूप में भजनलाल शर्मा को चुना है, जो 15 दिसंबर को राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। शपथ समारोह में शामिल होंगे ये दिग्गज जानकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल होने वाले हैं। इसके अलावा बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के आने की संभावना है। बीते दिन एमपी और सीजी के मुख्यमंत्रियों के शपथ समारोह में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल और महाराष्ट्र के मुखिया एकनाथ शिंदे जैसे तमाम दिग्गज शामिल हुए थे। बताया जा रहा है कि ये सभी दिग्गज एक बार फिर राजस्थान के सीएम शपथ समारोह में भाग ले सकते हैं। हर पांच सालों में बदलती रही है राजस्थान की सरकार राजस्थान में हर पांच साल बाद सरकार बदलने परंपरा रही है, इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ. करीब 27 सालों से राजस्थान में सरकार बदलती रही है। कोई भी पार्टी सरकार में रहते हुए दुबारा प्रदेश की सत्ता में चुनकर नहीं आई है। साल 2018 में कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से दूर करके प्रदेश की कमान अपने हाथ में ले लिया था। वहीं परंपरा बरकरार रखते हुए इस बार के चुनाव में प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को सत्ता से दूर करके बीजेपी को प्रदेश की कमान सौंप दी। बीजेपी की प्रचंड जीत बीते चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को करारी शिकस्त देते हुए प्रदेश की 200 विधानसभा सीटों में से 115 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं कांग्रेस के खाते में महज 69 सीटें ही आई थी। जबकि बसपा को 2 और भारतीय आदिवासी पार्टी को 3 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। यह भी पढ़ें- अयोध्या के श्रीराम मंदिर में कौन बनेगा मुख्य पुजारी

जानिए कौन हैं मध्य प्रदेश के नए मुख्य मंत्री डॉ मोहन यादव

मध्य प्रदेश में हर किसी को जिस घड़ी का बेसब्री से इंतजार था वो पल आ गया। प्रदेश के नए मुख्य मंत्री का नाम सामने आ ही गया है। जी हां अब प्रदेश की कमान मोहन यादव के हाथ रहेगी इस लेख में जानिए कि कौन हैं प्रदेश के नए मुख्य मंत्री मोहन यादव और कैसा रहा इनका अब तक का राजनैतिक जीवन। कौन है एमपी के सीएम मोहन यादव प्रदेश की कुल 230 सीटों में से भाजपा ने 163 सीटें अपने नाम की थी। भाजपा ने प्रचण्ड बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बनाई थी लेकिन मुख्य मंत्री का नाम का ऐलान लम्बे समय के इंतजार के बाद आज हुआ है। प्रदेश के नए मुख्य मंत्री के तौर पर आज डॉ मोहन यादव शपथ लेंगे। बतादें कि मोहन यादव का जन्म 1965 में हुआ था।वह अपनी पढ़ाई के दौर से ही राजनीति में आ गए थे। यादव को पहली बार 1982 में छात्र संघ का सहसचिव बनाया गया था। 1984 में उन्हें छात्र संघ का अध्यक्ष और एवीबीपी का नगर मंत्री बनाया गया था। यादव को 1989 में प्रदेश इकाई की परिषद का मंत्री और 1991 में राष्ट्रीय इकाई परिषद का मंत्री बनाया गया। यादव पहली बार साल 2011 में केंद्रीय मंत्री चुने गए। साल 2013 में वह पहली बार और 2018 में दूसरी बार उज्जैन की दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक चुने गए।साथ ही यादव को साल 2020 में केंद्रीय उच्च शिक्षा मंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया था। यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री का हुआ ऐलान..

कब है तुलसी विवाह ? जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि ….

हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे को न सिर्फ पवित्र और पूजनीय बल्कि मां लक्ष्मी के समान भी माना गया है। तुलसी पूजन का शास्त्रों में विशेष विधान है। तुलसी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। आइए आपको बताते है की किस दिन होगा तुलसी विवाह। इसके साथ ही जाने पूजन की विधि। कब है तुलसी विवाह ? कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह मनाया जाता है। तुलसी विवाह की तिथि का शुभारंभ 23 नवंबर को रात 9 बजकर 1 मिनट पर हो रहा है। वहीं, तिथि का समापन 24 नवंबर, शुक्रवार को शाम 7 बजकर 6 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, तुलसी विवाह 24 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन तुलसी पूजन के साथ व्रत रखना भी शुभ माना जाता है। आपको बता दें ,देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह का विधान है। हिन्दू धर्म में कार्तिक मास की एकादशी का बहुत ही महत्व है। माना जाता है कि तुलासी विवाह करने से कन्या दान के बराबर फल प्राप्त होता है। पूजन की विधि देवउठनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की आराधना करें। एक चौकी पर तुलसी का पौधा और दूसरी चौकी पर शालिग्राम भगवान को स्थापित करें। इसके बाद बगल में एक जल भरा कलश रखें और उसके ऊपर आम के पांच पत्ते रखें। तुलसी के गमले में गेरू लगाएं और घी का दीपक जलाएं। फिर तुलसी और शालिग्राम पर गंगाजल का छिड़काव करें और रोली, चंदन का टीका लगाएं। तुलसी के गमले में ही गन्ने से मंडप बनाएं। अब तुलसी को लाल चुनरी सिर में डालें। गमले को साड़ी लपेट कर उनका दुल्हन की तरह श्रृंगार करें। इसके बाद शालिग्राम को चौकी समेत हाथ में लेकर तुलसी की सात बार परिक्रमा की जाती है। इसके बाद आरती करें। तुलसी विवाह संपन्न होने के बाद सभी लोगों को प्रसाद बांटे। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार माता तुलसी ने भगवान विष्णु को नाराज होकर श्राप दे दिया था कि तुम काला पत्थर बन जाओगे। इसी श्राप की मुक्ति के लिए भगवान ने शालीग्राम पत्थर के रूप में अवतार लिया। शालीग्राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है और तुलसी को मां लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। एकादशी के दिन तुलसी विवाह किया जाता है। माना जाता है कि मां तुलसी की पूजा करने से घर में सुख शांति बनी रहती है। ये भी पढ़े – कहीं चली तलवारें,तो कहीं हुई फायरिंग ,एमपी चुनाव में जमकर हुई हिंसा

मां सीता ने पहली बार इस घाट पर किया था छठ का व्रत , तबसे शुरू हुआ यह महापर्व

महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है। छठ पर्व के दूसरे दिन यानी आज खरना होता है। खरना के दिन व्रती महिलाएं केवल एक ही समय शाम में मीठा भोजन करती है। इस दिन मुख्य रूप से चावल और गुड़ की खीर का प्रसाद बनाया जाता है।मिट्टी के चूल्हे में आम की लकड़ी जलाकर इसे बनाया जाता है। छठ का व्रत चार दिन तक किया जाता है। चारो दिन अलग अलग विधिया की जाती है। बता दें , छठ पर्व विशेषकर बिहार में मनाया जाता है। इसके अलावा यूपी और झारखंड में भी छठ पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता सीता ने भी छठ का व्रत रखा था। ऐसा माना जाता है कि मां सीता ने अपनी पहली छठ पूजा बिहार के मुंगेंर में गंगा नदी के तट पर की थी। जब माता सीता भगवान राम के साथ वनवास गई थीं। तब उन्होंने छठ का व्रत रखा था। इसके बाद से ही छठ पर्व की शुरुआत हुई। आज भी मौजूद हैं चरण चिन्ह मान्यताओं के अनुसार, माता सीता ने कार्तिक मास की षष्ठी तिथि पर भगवान सूर्य देव की उपासना मुंगेर के बबुआ गंगा घाट के पश्चमी तट पर ही की थी। जहां उनके चरण चिन्ह आज भी मौजूद हैं। वहां मौजूद शिलपट पर आज भी मां सीता के व्रत रखने के अस्तित्व मिलते हैं। यहां सूप, डाला और लोटे के निशान भी बने हैं। यहां अब एक विशाल मंदिर बनाया गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मंदिर का गर्भगृह साल के छह महीने तक गंगा के गर्भ में समाया रहता है। इस कारण से माँ सीता ने किया था छठ का व्रत वाल्मीकि और रामायण के अनुसार , ऐतिहासिक नगरी मुंगेर के सीता चरण में कभी माता ने छह दिन तक रहकर छठ पूजा की थी। वहीं जब भगवान राम 14 वर्ष वनवास के बाद अयोध्या लोटे थे तो रावण वध से पाप मुक्त होने के लिए ऋषि-मुनियों के आदेश पर राजसूय यज्ञ करने का फैसला लिया गया।जिसके लिए मुद्गल ऋषि को आमंत्रण दिया गया था, लेकिन मुद्गल ऋषि ने भगवान राम एवं सीता को अपने ही आश्रम में आने का आदेश दिया। मुद्गल ऋषि ने तब माता सीता को सूर्य की उपासना करने की सलाह दी थी। जिसके बाद माँ सीता ने छठ पूजा की थी। ये भी पढ़े – बांस के सूप के बिना क्यों अधूरी होती है छठ पूजा

कहीं चली तलवारें,तो कहीं हुई फायरिंग ,एमपी चुनाव में जमकर हुई हिंसा

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए कल 17 नवंबर को जमकर वोटिंग हुई। वहीं कई जिलों में वोट फीसद के सालों पुराने रिकॉर्ड भी टूटे। इस बीच मतदान के दौरान बड़े स्तर पर हिंसा की घटनाएं भी देखने को मिली। कहीं तलवारें चलीं तो कहीं मतदान केंद्रों पर पथराव हुआ। इस हिंसा में कई लोग घायल हो गए। चुनाव में जबलपुर से पूर्व बीजेपी प्रत्याशी पर फायरिंग चुनावों की वोटिंग के दौरान विवाद शुरू हुआ और अब तक ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जबलपुर से बलवा से पूर्व के बीजेपी प्रत्याशी अंचल सोनकर को गोली मारने की खबर सामने आई है। इस घटना में सोनकर बुरी तरह घायल हो गए हैं और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा है। मुरैना और भिंड में हुई हिंसा चुनाव मतदान के दौरान कई मतदान केंद्रों पर पथराव हुआ है। जिसमें मुरैना का दिमनी और भिंड का मनहद गांव शामिल है। बता दें , इस हिंसा में कई लोग घायल हुए। इस दौरान भिंड में तो भाजपा प्रत्याशी राकेश शुक्ला को ही चोट आ गई। चुनाव मतदान के दौरान महू में चली तलवारें मतदान प्रक्रिया के बीच महू में हिंसा भड़क गई। जिसमें तलवारबाजी की घटना देखने को मिली। इस घटना में दो लोग बुरी तरह घायल हो गए हैं। मेहगांव में गोलीबारी में भाजपा उम्मीदवार घायल भिंड के मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में शुक्रवार को अज्ञात व्यक्तियों ने भाजपा उम्मीदवार राकेश शुक्ला पर गोली चला दी। घटना में एक आप समर्थक भी घायल हो गया। हालाँकि पुलिस ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। दिमनी में पथराव और गोलीबारी मुरैना के दिमनी में वोटिंग के दौरान मतदान केंद्र पर भारी हिंसा की बात सामने आई। यहां मतदान के दौरान पथराव और गोलीबारी हुई।हालाँकि ,घटना के बाद क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। ये भी पढ़े -बांस के सूप के बिना क्यों अधूरी होती है छठ पूजा

बांस के सूप के बिना क्यों अधूरी होती है छठ पूजा

लोक आस्था का महापर्व छठ दिवाली के छह दिन बाद मनाया जाता है। विशेषकर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में महापर्व छठ धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पूजा की शुरुआत शुक्रवार 17 नवंबर 2023 से हो चुकी है और छठ व्रतियों ने नहाय-खाय में स्नान आदि के बाद कद्दू चनादाल की सब्जी और अरवा चावल का प्रसाद ग्रहण किया। इस बार छठ का पर्व 17 से 20 नवंबर तक मनाया जाएगा।छठ पूजा बांस के सूप के बिना अधूरी होती है। छठ पूजा में हर दिन होती अलग-अलग विधियां छठ का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाता है। इस पूजा में भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाती है। यह पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है। छठ पूजा में हर दिन अलग-अलग विधियां होती है। पहले दिन नहाय-खाय किया जाता है। दूसरे दिन खरना होता है और तीसरे व चौथे सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। संध्या और ऊषा अर्घ्य के लिए व्रती और पूरा परिवार नदी, तालाब या घाट पर जाते हैं।इस पर्व में बांस के सूप का विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है। इसके बिना छठ का व्रत अधूरा माना जाता है। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में व्रती महिलाएं अपनी संतान की सलामती के लिए और परिवार की खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं। वहीं छठ की पूजा को लेकर ऐसी मान्यता है कि जिस भी दांपत्य को संतान की प्राप्ति नहीं होती है, उसे छठ पूजा जरूर करनी चाहिए। छठ पूजा मूल रूप से संतान के लिए ही किया जाता है। आपको बता दें कि , छठ पूजा में बांस के बने सूप का इस्तेमाल किया जाता है। यह इस बात का प्रतीक है कि जिस तरह से बांस तेजी से बढ़ता है, ठीक उसी तरह से प्रगति होती है। इसलिए छठ पूजा बांस के सूप के बिना अधूरी मानी जाती है। ये भी पढ़े -World Cup Final देखने जाएंगे पीएम मोदी , ऑस्ट्रेलिया पीएम को भी न्योता

World Cup Final देखने जाएंगे पीएम मोदी , ऑस्ट्रेलिया पीएम को भी न्योता

19 नवंबर 2023 का दिन भारत के लिए बेहद खास है, क्योंकि इस दिन टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के साथ ICC World Cup 2023 का फाइनल मैच खेलेगी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मैच देखने गुजरात पहुंचेंगे। यहां तक कि ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और डिप्टी पीएम रिचर्ड मार्लस को भी मैच में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। हालाँकि ,अभी तक उनकी तरफ से स्तिथि साफ़ नहीं की गयी है। इस खास मैच को यादगार बनाने के लिए म्यूजिक इंडस्ट्री के कई सिंगिंग सेंसेशन आने वाले हैं। दर्शकों के बीच जुनून भरने के लिए सिंगर-कंपोजर प्रीतम चक्रवर्ती, कैनेडियन प्लेबैक सिंगर जोनिता गांधी, और तमाम सिंगर्स शानदार परफॉरमेंस देंगे। इसके साथ ही भारतीय वायु सेना की सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम विश्व कप के ख़िताबी मुकाबले से पहले नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर फ्लाईपास्ट करेगी। नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होगा World Cup Final भारतीय क्रिकेट टीम ने लगातार 9 मैचेस जीतने के बाद आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल मैच में पहुंची है। टीम इण्डिया वर्ल्ड कप के इतिहास में तीसरी बार खिताब जीतने के लिए रविवार को मैदान में उतरेगी। वर्ल्ड कप का फाइनल मैच अहमदाबाद स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होगा। 20 साल पुरानी हार का हिसाब लेगी इण्डिया आपको बता दें की , सेमीफइनल मैच में न्यूज़ीलैण्ड को 70 रन से हराकर भारतीय टीम आईसीसी विश्व कप के फ़ाइनल में पहुंची है। तो वहीँ गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया ने साऊथ अफ्रीका को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। वनडे विश्व कप में अब ऐसा दूसरी बार हो रहा है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच में फाइनल मैच हो रहा हो। 2003 में ऑस्ट्रेलिया भी अपने सभी मैच एकतरफा अंदाज में जीतते हुए फाइनल में आई थी, और फाइनल मैच को भी उसी अंदाज में जीतकर विश्व विजेता बनी थी। इस बार 2023 वर्ल्ड कप में भारत भी उसी अंदाज में अपने सभी मैच जीतते हुए फाइनल में पहुंची है, और अगर अब भारत भी ऑस्ट्रेलिया को एकतरफा अंदाज में हराकर फाइनल मैच जीत जाए, और विश्व विजेता बन जाए, तो 20 साल पुरानी हार का हिसाब चुकता हो जाएगा। ये भी पढ़े – World Cup Semifinal:भारत की जीत के बाद गूंज रहा एक ही नाम

World Cup Semifinal:भारत की जीत के बाद गूंज रहा एक ही नाम

शमी .. ये नाम क्रिकेट प्रेमियों से लेकर सोशल मिडिया पर छाया हुआ है। भारतीय क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी ने World Cup के सेमीफइनल में भारतीय टीम को जिताने में एहम किरदार निभाया। टीम इंडिया ने न्यूज़ीलैंड पर शानदार जीत दर्ज की जिसके बाद टीम इंडिया विश्व कप 2023 के फाइनल में पहुंच गई है। इस जीत के कई हीरो रहे , लेकिन मोहम्मद शमी की गेंदबाज़ी ने महफ़िल लूट ली। सेमीफाइनल मैच के बाद चारों तरफ सबसे ज्यादा एक ही नाम गूंज रहा है और वो है मोहम्मद शमी। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 7 विकेट लेकर अपना नाम भारतीय गेंदबाजों की लिस्ट में सबसे ऊपर पहुंचा दिया है। वे वनडे क्रिकेट के इतिहास में भारत की ओर से एक पारी में 7 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बन गए हैं। साथ ही World Cup में 50 विकेट लेने वाले वह पहले भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। उन्हें इस सेमीफाइनल मैच में मैन ऑफ द मैच चुना गया। अगर वर्ल्ड कप 2023 की बात करें, तो मोहम्मद शमी को पहले 4 मैच में मौका नहीं मिला था। इसके बाद हार्दिक पंड्या के चोटिल होने के बाद वे आए और विश्व कप में छा गए। शमी पर लगे तमाम गंभीर आरोप उत्तर प्रदेश के अमरोहा के रहने वाले मोहम्मद शमी की सफलता ने सभी को चकित कर दिया है।आइए आपको बताते है की किन संघर्षों से निकल कर शमी ने ये मुकाम हासिल किया है। ये वही मोहम्मद शमी है जिनकी पत्नी ने उनपर बलात्कार और दहेज का मुकदमा लगवाया था। ये वही शमी है जिस पर उनकी पत्नी ने पाकिस्तान के साथ मैच फिक्सिंग के पैसे लेने का आरोप लगाकर जांच शुरू करवाई थी। ये वही शमी है जिसकी मां, बहन, भाई को जेल भिजवाने की कोशिश की गयी थी। और ये वहीँ शमी है जिसकी आज तारीफों के पुल बांधे जा रहे है। उनके संघर्ष के समय के साथी उत्तराखंड की खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार अब मोहम्मद शमी के सफर को शब्दों में बयां करने वाले है। वह शमी के ऊपर एक किताब लिखेंगे जिसका नाम होगा- “30 Days With Shami ।” कठिन दौर के वो एक महीने हम सब ने शमी की सफलता तो देखी है लेकिन उमेश कुमार ने उनके संघर्षों से जुड़ी कुछ ऐसी चीज़े बताई जिसे शायद ही कोई जानता होगा। उमेश कुमार कहते है की शमी के जीवन के सबसे कठिन दौर के एक महीने पर किताब लिखनी शुरू कर दी है। उस एक महीने में शमी ने पाकिस्तान के साथ फिक्सिंग के आरोप लगने पर दो बार आत्महत्या तक का प्रयास कर डाला था। उस वक़्त ये लड़का मेरे घर की 19वी मंज़िल से कूदकर अपनी जान देना चाहता था। झूठे आरोपों के चलते वर्ल्ड कप शुरू होने से दो दिन पहले कोलकाता कोर्ट के कठघरे में मुजरिम की तरह आंख में आंसू लेकर जमानत के लिए खड़ा होना पड़ा था। आखरी में वह कहते है की ,कहानी अभी बाकि है मेरे दोस्त मोहम्मद शमी। ये भी पढ़े -लोकतंत्र के महापर्व के लिए इंडस्ट्रियल एरिया में लिया गया ऐतिहासिक फैसला

लोकतंत्र के महापर्व के लिए इंडस्ट्रियल एरिया में लिया गया ऐतिहासिक फैसला

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान किए जाएंगे। आज यानि 15 नवंबर से प्रचार प्रसार भी बंद कर दिए गए है। लोकतंत्र के इस महापर्व में निर्वाचन आयोग ने कई नए फैसले भी लिए। जैसी की इस बार “वोट फ्रॉम होम ” मुहीम शुरू की गई। इसके ज़रिए 80 साल से अधिक उम्र के बुज़ुर्ग और दिव्यांग घर बैठे ही अपना मतदान कर सके। एक ओर लोकतंत्र के इस महापर्व को और खास बनाने के लिए जहां मतदाताओं में उत्साह नजर आ रहा है, वहीं दूसरी ओर भोपाल के गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में ऐतिहासिक फैसला लिया गया है।एमपी में दो दिन बाद मतदान किया जाएगा। प्रदेश वासियों में भरपूर उत्साह बना हुआ है। पहली बार लोकतंत्र के महापर्व चुनाव मतदान के लिए गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया की 1207 फैक्ट्रियों को बंद रखने का फैसला लिया गया है। बता दें , गोविंदपुरा औद्योगिक संगठन ने यह निर्णय लिया है। इस फैसले से फैक्ट्री में काम कर रहे कर्मचारी वोट डाल सकेंगे।हालांकि, फ़ैक्टरिया बंद रहने से एक दिन में 70 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान है। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा मतदान के दिन फैक्ट्री बंद करने के अनुरोध पर औद्योगिक संगठन ने यह फैसला लिया है। ये भी पढ़े -चुनाव से पहले सपा प्रत्याशी मिर्ची बाबा के ख़िलाफ़ दर्ज हुई FIR

चुनाव से पहले सपा प्रत्याशी मिर्ची बाबा के ख़िलाफ़ दर्ज हुई FIR

मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान है और आज प्रचार का आख़री दिन है। इस अंतिम दौर में बीते कुछ समय से सभी राजनितिक दल ज़ोर-शोर से प्रचार प्रसार कर रहे थे। जिस दौरान कहीं प्रत्याशी तो कहीं कार्यकर्ताओं पर आचार संहिता के उलंघन में केस भी दर्ज हुए है। इस बीच प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट बुधनी से समाजवादी पार्टी प्रत्याशी मिर्ची बाबा के खिलाफ चुनाव से पहले एफआईआर दर्ज की गई है। सीहोर की बुधनी विधानसभा सीट से मिर्ची बाबा सीएम शिवराज के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। वे कांग्रेस के विक्रम मस्ताल को भी चुनौती दे रहे हैं। इसी के चलते बाबा विधानसभा में जनसम्पर्क कर रहे थे। लेकिन कुछ दिन पहले ही जनसम्पर्क के दौरान बाबा का साड़ी बांटते हुए वीडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद रिटर्निंग अधिकारी राधेश्याम बघेल ने उन्हें नोटिस जारी किया गया था। नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर देर रात बुधनी पुलिस ने मिर्ची बाबा के खिलाफ धारा 171-B भी 171-E और 188 के तहत मामला थाने में दर्ज किया। बुधनी सीट से समाजवादी पार्टी ने वैराग्यानंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा को चुनाव में उतारा है। जिसके चलते मंगलवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव बाबा के समर्थन में सभा करने के लिए बुधनी पहुंचे थे। जिसके बाद ही उनके ऊपर बड़ी कार्रवाई की गई है। बता दें की सोशल मीडिया पर मिर्ची बाबा का साड़ी बांटने वाला वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मिर्ची बाबा एक महिला को साड़ी देते हुए कह रहे हैं, ” लीजिए माता जी आशीर्वाद दीजिए मुझे आप मेरी बहन हैं। वही एक और महिला को साड़ी दे रहे, कह रहे एक संन्यासी आपके द्वार पर आया है।” ये भी पढ़े – अब पार्टी के समर्थक वोट मांगने के लिए ले रहे है बंदूक का सहारा