वन-विभाग के दफ्तर में क्लर्क ने झलकाएं जाम के गिलास

मध्यप्रदेश के सिंगरौली में वन मंडल कार्यालय में पदस्थ क्लर्क के दफ्तर में बैठकर शराब पीने का मामला सामने आया है। वह दफ्तर में बैठकर शराब के जाम झलकाते नज़र आ रहा है तो वहीं साथी वन-विभाग की महिला कर्मचारी के वीडियो बनाने पर उसे धमकाते हुए भी दिख रहा है। वन मंडल कार्यालय मे पदस्थ क्लर्क को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए समिति बनाई गई है। साथी महिला कर्मचारी का कहना है कि जिला वन मंडल मे लिपिक के पद पर तैनात शिवराज अक्सर शराब पीकर ड्यूटी पर आता है। 8 फरवरी को वह दफ्तर में ही बैठकर शराब पी रहा था । शराब पीकर महिला कर्मचारी से की बदतमीजी महिला नें मना किया तो वह बदतमीजी करने लगा जिसके बाद महिला ने अपने फोन से वीडियो बनाना शुरू किया। इसके बाद भी वह नहीं माना और महिला को अपशब्द कहने लगा । वीडियो मे शराबी शिवराज सिंह कहते हुए दिख रहा है फोटो खीचना है तो लो अब खींच लो, इसके बाद वह दराज से शराब की बोतल निकालता है। शराब कप में डालने के बाद बोतल दिखातें हुए कहता है-ऐसा फोंटो रख दूगां कि हालात भूल जाएगी । हम तो नहीं रहूगां तो तुमको बर्बाद करके जाऊंगा । इसको लिख लो । अब इस ऑफिस में केवल तू रहेगी या मैं । वन-विभाग अधिकारी से की शिकायत महिला कर्मचारी ने इस घटना की शिकायत वन मंडल अधिकारी अखिल बंसल से करते हुए शिकायत पत्र आरोप में कहा है कि शिवराज ने रात में भी उसे कॉल कर गालियां दी औऱ धमकाया, इसके आधार पर रविवार शाम को शिवराज को निलंबित कर जांच शुरू कर दी गई है । महिला का आरोप है कि क्लर्क धारदार हथियार साथ रखता है,वह लायसेंसी रिवॉल्वर से डराता है औऱ पूरे परिवार को खत्म करने की धमकी देता है। यह भी पढ़ें- Indore: नगर निगम असिस्टेंट कमिश्र्नर ने की महिला से छेड़छाड़
Indore: नगर निगम असिस्टेंट कमिश्र्नर ने की महिला से छेड़छाड़

इंदौर नगर निगम के असिस्टेंट कमिश्र्नर ने महिला से छेड़छाड़ की।महिला कर्मचारी ने निगम कमिश्र्नर से शिकायत की है। वही निगम कमिश्र्नर ने तत्काल प्रभाव के साथ इसके लिए एक जांच कमेटी बना दी है। वही मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि रिपोर्ट में अगर असिस्टेंट कमिश्र्नर दोषी पाए गए तो सख्त कार्रवाई होगी। अधिकारी ने की महिला से छेड़छाड़ मामला बीते सोमवार का बताया जा रहा है। वह ऑफिस के ही काम से अधिकारी के पास गई थी, इसी दौरान अधिकारी ने उसके साथ छेड़छाड़ की तो उसने विरोध किया। बाद में उसने निगम कमिश्र्नर को इसकी शिकायत की। निगम कमिश्र्नर ने बनाई जांच कमेटी इसके लिए निगम कमिश्र्नर ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय विशाखा कमेटी का गठन किया। चार सदस्यीय कमेटी में एक सब इंजीनियर, एक एनजीओ के अधिकारी और दो महिलाएं है। यह कमेटी जल्द से जल्द इसकी पूरी रिपोर्ट निगम कमिश्र्नर को सौंपेगी। इसमें अगर अधिकारी के खिलाफ आरोप सही पाए गये तो एफआईआऱ व विभागीय कार्रवाई की जा सकती है। यह भी पढ़ें- Indore: रिटायर्ड फौजी ने गार्ड पर तानी रिवाल्वर, इस बात पर हुआ बवाल
अयोध्या में चल रही है बड़े आतंकवादी हमले की साज़िश

अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम जोरशोर से जारी है। रामलला की नई मूर्ति की 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी, जिसके लिए मंगलवार 16 जनवरी से अनुष्ठान शुरू हो गया है। इस दौरान, खुफिया एजेंसियों ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले आतंकी हमले की साजिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। खुफिया एजेंसियों ने जारी किया अयोध्या में अलर्ट खुफिया एजेंसियों के अलर्ट के अनुसार, फर्जी पास और सरकारी वर्दी का सहारा लेकर आतंकी साजिश को अंजाम देने की आशंका है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, अयोध्या से 100 किलोमीटर के दायरे में सुल्तानपुर, बाराबंकी, और गोंडा तक शिकंजा कस दिया गया है। उत्तर में, दिल्ली और आसपास के होटलों में पुलिस और खुफिया एजेंसिंयों की जांच जारी है, ताकि कोई संदेहास्पद व्यक्ति या सामान ना रखा जा सके। भारतीय एजेंसियों को मिली ये जानकारी सूत्रों के मुताबिक, भारतीय एजेंसियों की चौकसी को देखते हुए आतंकवादी ने नई साजिश रची है, जिसमें आतंकवादी और उनसे जुड़े लोग अब तकनीकी संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं, जिससे वे आसानी से दिल्ली, अयोध्या, और आसपास के क्षेत्रों में प्रवेश कर सकते हैं। अलर्ट में यह भी बताया गया है कि आतंकवादी और उनसे जुड़े व्यक्तियों को सैनिक या स्थानीय पुलिस की नकली वर्दी का उपयोग करने की संभावना है। अयोध्या की सुरक्षा के किए बड़े इंतज़ाम इस साजिश का जवाब देने के लिए सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों की एक बैठक हुई, इस बैठक में ये तय किया गया है कि 22 जनवरी के दिन सुरक्षा कर्मियों को एक विशेष तरह का पास दिया जाएगा. आपको बता दें सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों का कहना है कि ये पास सुरक्षा कर्मियों को उसी दिन दिया जाएगा ताकि कोई इनकी नकल कर दूसरा पास ने बना पाए. यह भी पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी नहीं तो कौन है राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का मुख्य यजमान अयोध्या और दिल्ली में समारोह के पहले ही रूट वाले रास्तों के आसपास विशेष पूछत-ताछ केंद्र भी स्थापित किए गए हैं, जहां संदेहास्पद व्यक्तियों से पूछताछ की जा सकेगी। इन विशेष इंटेरोगेशन सेंटरों में स्थानीय पुलिस के साथ-साथ खुफिया अधिकारियों की भी उपस्थिति होगी।
मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर आया इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
अभी- अभी एक बड़ी खबर सामने आई है. मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि का फैसला आ गया है. आपको बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के सर्वे का फैसला न्यायाधीश ने सुरक्षित रखा है. ASI ने एक बंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंप दी है. शाही ईदगाह के मामले में फैसला सुरक्षित हो गया है. लेकिन अभी कोर्ट कमीशन की नियुक्ति होनी है जिसमें पता चलेगा कि कौन-कौन इसके सदस्य होंगे और कब सर्वे होगा. आज के फैसले में ये तय हो गया है कि कैसे फोटोग्राफी होगी वीडियो कैसे करनी है कौन-कौन वकील नियुक्त होंगे कैसे क्या किया जाएगा. ये भी पढ़ें- फरमान जिसमें औरंगजेब ने दिया श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर तुड़वाने का आदेश सर्वे के समय वहां कौन-कौन मौजूद होगा इन सारे सवालों पर फैसला सुना दिया जाएगा. हिंदू पक्ष के लिए खुशी की बात ये है कि फैसला सुरक्षित हो गया है. हम आपको बता दें कि अगला फैसला 9 जनवरी को होगा. हिन्दु और मुस्लिम दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी जिस पर कोर्ट का फैसला आ गया है. दूसरा जो पक्ष था उसने आज का फैसला टालने की मांग भी की थी, प्रार्थना भी की थी लेकिन आज सुनवाई हो गई है जिसमें फैसला सुरक्षित हो गया है. ये भी पढ़ें- ज्ञानवापी और मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर आया बड़ा फैसला जानिए पूरी रिपोर्ट
जानिए क्रिसमस से जुड़ी कुछ धार्मिक और सांस्कृतिक बातें
क्रिसमस, जो हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है, गहरी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जड़ों वाला एक व्यापक रूप से मनाया जाने वाला त्यौहार है। क्रिसमस का सार इसकी धार्मिक उत्पत्ति से परे तक फैला हुआ है, जिसमें दुनिया भर के लोगों द्वारा अपनाई गई परंपराओं और रीति-रिवाजों की विविध शृंखला शामिल है। ईसाइयों के लिए, क्रिसमस का गहरा आध्यात्मिक महत्व है, जो आशा, प्रेम और मुक्ति के वादे का प्रतीक है। प्रियजनों के बीच उपहारों का आदान-प्रदान तीन बुद्धिमान पुरुषों द्वारा शिशु यीशु को उपहार देने की बाइबिल कहानी को दर्शाता है। अंत में, क्रिसमस एक बहुआयामी उत्सव है जो धार्मिक महत्व को सांस्कृतिक परंपराओं के साथ जोड़ता है। यह चिंतन, कृतज्ञता और समुदायों के एक साथ आने की खुशी का समय है। जैसे-जैसे लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, भोजन साझा करते हैं और स्थायी यादें बनाते हैं, क्रिसमस विकसित होता रहता है, जो सीमाओं और मान्यताओं से परे परंपराओं की एक समृद्ध टेपेस्ट्री बुनता है। क्रिसमस का धार्मिक महत्व : इसके मूल में, क्रिसमस एक ईसाई अवकाश है जिस दिन यीशु मसीह के जन्म का जश्न मनाया जाता है। ईसाई परंपरा के अनुसार, ईसाई धर्म के केंद्रीय व्यक्ति यीशु का जन्म दो हजार साल पहले बेथलेहम में हुआ था। बाइबिल में मैथ्यू और ल्यूक के गॉस्पेल जन्म की कहानी बताते हैं, जिसमें यीशु के आसपास की परिस्थितियों का वर्णन किया गया है; जन्म, जिसमें चरवाहों और जादूगरों का दौरा शामिल है। सांस्कृतिक परंपराएँ : सदियों से, क्रिसमस ने अपने धार्मिक मूल को पार कर असंख्य सांस्कृतिक परंपराओं को अपना लिया है जो विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों में भिन्न-भिन्न हैं। सजावट, जैसे आभूषणों और रोशनी से सजे क्रिसमस पेड़, और उत्सव की पुष्पांजलि, एक गर्म और आनंदमय वातावरण बनाते हैं। उपहार देने की प्रथा, मैगी के प्रसाद से प्रेरित होकर, प्रेम और सद्भावना की एक सार्वभौमिक अभिव्यक्ति बन गई है। परिवार और दोस्त भोजन साझा करने, उपहारों का आदान-प्रदान करने और उत्सव के माहौल का आनंद लेने के लिए एक साथ आते हैं। सांता क्लॉज़, जो डच छवि सिंटरक्लास से लिया गया है, उपहार देने और मौज-मस्ती से जुड़ा एक प्रतिष्ठित प्रतीक बन गया है। क्रिसमस पर दिखता है उत्सव का माहौल : कालातीत क्लासिक्स और कैरोल्स के साथ क्रिसमस संगीत, उत्सव के माहौल में योगदान देता है। समुदाय अक्सर कैरोलिंग में संलग्न होते हैं, गीत के माध्यम से खुशी फैलाते हैं। यीशु के जन्म को दर्शाने वाले नैटिविटी दृश्य, घरों और सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित किए जाते हैं, जो छुट्टी की धार्मिक जड़ों को मजबूत करते हैं। वैश्विक उत्सव: जबकि क्रिसमस ईसाई धर्म का सबसे खास त्यौहार हैं, लेकिन विभिन्न धर्मों और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोगों द्वारा अपनाया जाने वाला एक वैश्विक उत्सव बन गया है। प्रेम, करुणा और एकजुटता के सार्वभौमिक विषय दुनिया भर के व्यक्तियों के साथ गूंजते हैं, छुट्टियों के मौसम के दौरान एकता की भावना को बढ़ावा देते हैं। ये भी पढ़ें- कुछ खास जगहं जहा आप नया साल 2024 पर घूमने जा सकते है
मोहन यादव की सरकार के लिए पांच साल बड़ा ही रहने वाला है कठिन, समझिए पांच प्वांइट्स में क्यों?
मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री की शपथ 13 2023 दिसंबर को ली। इसके बाद से ही यादव एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं लेकिन यादव को पांच साल सरकार चलाना बड़ा ही कठिन भरा रहने वाला है क्योंकि पिछली सरकार में प्रदेश पर लाखों करोड़ का कर्ज है जिसे पार पाना इतना आसान नहीं रहने वाला है। साथ ही महिलाओं के साथ घटी घटना, प्रदेश में बेरोजगोरी भी मोहन यादव की सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। तो आइए जानते हैं पांच वो प्वाइंट्स के बारे में जिस पर मौजूदा सरकार को सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है ताकि प्रदेश नए आयाम पर जा सके। एमपी पर बढ़ता हुआ कर्ज मध्य प्रदेश पर फिलहाल बहुत ही कर्ज है। जिसकी वजह से आम जनता पर भी प्रभाव पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एमपी पर 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। जबकि इस साल की एमपी सरकार की बजट 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रहा था। अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि कर्ज से लदे मोहन यादव की सरकार कैसे पार पाएगी? मोहन यादव सरकार पर बजट से ज्यादा कर्ज मध्य प्रदेश पर बजट से ज्यादा कर्ज है। इस साल शिवराज सरकार ने विधानसभा में 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। जिसमें कई तरह की योजनाओं का जिक्र किया गया था। इन्हीं योजनाओं में से एक मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना भी रहा। प्रदेश की पिछली शिवराज सरकार ने कई किश्तों में कर्ज लिया है। जिसका भरपाई करना मोहन यादव की सरकार के लिए मुश्किलों से भरा रहने वाला है। इस साल लिए गए कर्ज का विवरण25 जनवरी 2023- 2000 करोड़02 फरवरी 2023- 3000 करोड़09 फरवरी 2023- 3000 करोड़16 फरवरी 2023-3000 करोड़23 फरवरी 2023- 3000 करोड़02 मार्च 2023- 3000 करोड़09 मार्च 2023- 2000 करोड़17 मार्च 2023- 4000 करोड़24 मार्च 2023- 1000 करोड़29 मई 2023- 2000 करोड़14 जून 2023- 4000 करोड़12 सितंबर 2023-1000 करोड़ महिला अपराध के मामले में अव्वल नंबर पर एमपी मध्य प्रदेश में महिलाओं के साथ दुर्व्यहार में नबंर वन पर है। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के जरिए संसद में बताया था कि एमपी में साल 2019 से लेकर 2021 तक 1 लाख 60 हजार महिलाओं का अपहरण हुआ है। जिनमें 38 हजार से ज्यादा लड़कियां शामिल हैं। जानकारी के लिए बता दें कि ये आकंड़ा महज दो सालों का है अगर 2022 और 2023 के आकंड़े सामने आए तो ये दो लाख के पार भी जा सकता है। मोहन यादव की सरकार के लिए ये सबसे बड़ा चुनौती रहने वाला है कि वो महिलाओं की गुमशुदगी पर नियंत्रण कैसे रख पाते हैं। प्रदेश मे बेरोजगारी दर जबरदस्त मध्य प्रदेश की बेरोजगारी दर हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। मध्य प्रदेश में अगर बेरोजगारों की संख्या की बात की जाए तो राज्य में 24,77,000 बेरोजगार सूचीबद्ध हैं। इसमें पिछले साल के 5,46,000 बेरोजगारों के आंकड़े को और जोड़ गया है। जिसकी संख्या 30 लाख 23 हजार तक पहुंच गई है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में सबसे कम बेरोजगारी दर में मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है। यह भी पढ़ें- फरमान जिसमें औरंगजेब ने दिया श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर तुड़वाने का आदेश अगस्त 2022 के हिसाब से मध्य प्रदेश की बेरोजगारी दर 3.52% रही। जिनमें पुरुषों की बेरोजगारी दर 3.48% और महिलाओं की 4.91% भागीदारी है। हालांकि, इस दर पर कांग्रेस पार्टी हमेशा से सवाल उठाती रही है। उनका कहना है कि ये आंकड़े सत्य से परे हैं। हाल ही में कांग्रेस के पूर्व विधायक पीसी शर्मा ने दावा किया था कि प्रदेश में 49 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार है जिन पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। अगर सरकार द्वारा दिए गए आकंड़ों की मानें तो फिलहाल प्रदेश में 30 लाख लोग बेरोजगार हैं जिन पर मोहन यादव को काम करना और उन्हें रोजगार दिलाना चुनौती भरा हो सकता है। क्या एमपी को टॉप-5 में ला पाएंगे मोहन यादव? देश की जीडीपी में मध्य प्रदेश का योगदान 4.8 फीसदी है। पहले ये आंकड़ा 3.6 फीसदी था। मौजूदा समय में प्रदेश के हर व्यक्ति की वार्षिक आय 1 लाख 40 हजार है। GSDP के आकंड़े (2021-22) के मुताबिक, मध्य प्रदेश की देश की जीडीपी में 10वां स्थान है। इसकी साल भर की GSDP( Gross State Domestic Product) 120 बिलियन डॉलर है। मोहन यादव को अपने आप को एक अच्छे प्रशासक के तौर पर स्थापित करना है तो राज्य की जीडीपी पर ध्यान देना होगा ताकि मध्य प्रदेश टॉप पांच राज्यों की लिस्ट में आ सके। यह भी पढ़ें- कुछ खास जगहं जहा आप नया साल 2024 पर घूमने जा सकते है
ABVP के दोनों छात्रों की रिहाई की उठी मांग, कल होगा बड़ा आंदोलन
ABVP के छात्रों को मदद करना महंगा पड़ गया है. जी हां आप सही सुन रहे हैं. ABVP के दो छात्रों को अदालत से इसलिए जमानत नहीं मिल रही है क्योंकि उन्होंने बिना इजाजत के हाईकोर्ट के जज की गाड़ी का उपयोग कर एक मरीज को हॉस्पिटल तक पहुंचाया ताकि उसकी जान बच जाए लेकिन अब इसी मामले में ABVP के दो छात्र फंसते हुए नजर आ रहे हैं। इस पूरे मामले पर ABVP का कहना है कि इंसानियत बची नहीं है किसी मरीज को अस्पताल में भर्ती करना क्या पाप हो गया है? कोर्ट को इस पूरे घटनाक्रम में अपनी इंसानियत दिखानी चाहिए। लेकिन ऐसा लग रहा है कि आज के जमाने में मदद करना गुनाह हो गया है। क्या है मामला? दरअसल, शिवपुरी पीके यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर रणजीत सिंह यादव दिल्ली से झांसी जा रहे थे। तभी अचानक ट्रेन में उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। उसी ट्रेन में ABVP संगठन से जुड़े कुछ छात्र सफर कर रहे थे। पूर्व वाइस चांसलर की बिगड़ती तबीयत को देख सभी छात्र घबरा गए और उन्हें उपचार देने के लिए ट्रेन में काफी प्रयास की लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ। जान बचाने के लिए किया था गाड़ी का प्रयोग जब ट्रेन ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर पहुंची तभी सभी छात्रों ने मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती कराने का फैसला किया। पूर्व चांसलर को ट्रेन से उतारकर स्टेशन से बाहर आए और इधर उधर एंबुलेंस की खोज करने लगे लेकिन कहीं नहीं दिखा इसके अलावा छात्रों ने लोकल गाड़ी को भी देखा लेकिन कुछ नहीं मिला। इसके बाद छात्रों ने वीआईपी एरिया में हाईकोर्ट के एक जज की गाड़ी खड़ी देखी। जिसके बाद छात्रों को थोड़ी राहत मिली लेकिन जज के ड्रावर ने उन्हें अस्पताल ले जाने से माना कर दिया। इसके बाद छात्रों ने मरीज की हालत बिगड़ते देख जबरदस्ती कार में बैठया और उसे जिले के जयारोग्य अस्पताल में भर्ती करवाया लेकिन पूर्व चांसलर की जान नहीं बच पाई। डॉकटर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। ABVP के दोनों छात्रों की रिहाई की उठी मांग इस पूरे मामले में दो छात्रों को आरोपी बनाया गया है। जिनका नाम हिमांशु श्रोत्रिय और सुकृत शर्मा है। फिलहाल दोनों जेल में बंद हैं। इनकी रिहाई पर कोर्ट में सगंठन की ओर से दलील दी गई कि दोनों ने कुलपति की जान बचाने के लिए कार ली थी। जिस पर अदालत ने कहा कि किसी से मदद विनम्रता पूर्वक मांगी जाती है न की बलपूर्वक। यह भी पढ़ें- मांस मछली की दुकान पर सियासत, मोहन यादव सरकार को मिला मुस्लिम मंच का साथ यह कहते हुए न्यायालय ने दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी। जमानत याचिका खारिज होने पर संगठन के लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि जान बचाना क्या गुनाह हो गया है। दोनों छात्रों को जमानत के लिए संगठन की ओर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटया गया है जिसकी सुनवाई सोमवार को होने वाली है। कल से होगा ABVP के छात्रों के लिए आंदोलन सुनवाई होने से पहले संगठन आज सांकेतिक तौर पर विरोध प्रदर्शन करने वाला है। साथ ही संगठन कल पूरे प्रदेश मेंप्रदर्शन करने वाला है। जानकारी के लिए बता दें कि, हिमांशु श्रोत्रिय और सुकृत शर्मा पर मप्र डकैती और व्यापार प्रभाव क्षेत्र अधिनियम (एमपीडीवीपीके अधिनियम), डकैती विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज कराया गया है। जेल में बंद दोनों छात्रों की तबीयत खराब बाताई जा रही है। एक छात्र को वायरल फीवर तो दूसरे का यूरिन इंफेक्शन हुआ है। जिसका इलाज जयारोग्य अस्पताल में चल रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सोमवार की सुनवाई में इन दोनों छात्रों को कोर्ट से रिहाई मिलती है या अभी इन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा। यह भी पढ़ें- ओरछा में ढोल नगाड़े के साथ भगवान राम की निकाली जाएगी बारात
मांस मछली की दुकान पर सियासत, मोहन यादव सरकार को मिला मुस्लिम मंच का साथ
मध्य प्रदेश की सरकार ने बीते दिन एक फरमान जारी किया था कि धार्मिक स्थलों से 100 मीटर के आसपास, अवैध तरीके और खुले में मांस मछली की दुकान नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा करता हुआ कोई पाया गया तो उन पर सरकार उचित कार्रवाई करेगी। सरकार के इस आदेश के बाद देश की सियासत एक बार फिर से गरमा गई है। बीते दिन मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा था कि, बीजेपी को बस मुद्दा चाहिए ताकि गरमाहट बनी रहे। अब इसी मामले पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की पहली प्रतिक्रिया आई है। मायावती ने क्या कहा ? एक्स पर मायावती लिखती हैं “मध्य प्रदेश की नई बनी भाजपा सरकार द्वारा बेरोजगारों व अन्य गरीब मेहनतकशों को रोटी-रोजी उपलब्ध कराने का जरूरी फैसला करने के बजाय, रोजगार के अभाव में मछली, अण्डा, मीट आदि का खुले में स्वरोजगार करने वालों पर दमन शुरू कर देना कितना उचित? इस विवादित फैसले पर पुनर्विचार जरूरी।” एक अन्य ट्वीट में मायावती ने लिखा, “मध्य प्रदेश सरकार ही नहीं बल्कि सभी सरकारों से महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि को दूर करने पर ही पूरी तन्मयता से काम करने की जरूरत। फिर भी इन वस्तुओं के खुले में व्यापार करने पर इतनी ज्यादा आपत्ति है तो उन्हें उजाड़ने से पहले दुकान एलाट करने की व्यवस्था सरकार क्यों नहीं करती?” यह भी पढ़ें- श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सपा सांसद ने नकारा बरसे कमलनाथ मायावती के अलावा कमलनाथ ने भी बीजेपी पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने कहा कि, ये कुछ न कुछ बहाना विवाद के लिए खोजते हैं। ये कुछ भी करें समाज में विवाद नहीं होना चाहिए। ये हमारा लक्ष्य है। हमारी संस्कृति जुड़ कर रहने की है, प्यार मोहब्बत की है। यादव सरकार को मिला राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का साथ वहीं इस पूरे मामले पर मध्य प्रदेश की सरकार को राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का साथ मिलता हुआ नजर आ रहा है। मुस्लिम मंच ने व्यापिरयों से आग्रह किया है कि वो खुले में मांस,मछली की दुकान न लगाए और न ही इसे बेचें। सगंठन की ओर से लोगों को बताया जा रहा है कि कोई भी ऐसा काम न करें जिससे समाज में सांप्रदायिक माहौल न पैदा हो। बिहार में भी दिखा मांस मछली विवाद बता दें कि, मध्य प्रदेश में ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में भी योगी सरकार ऐसी फरमान ला चुकी है। धार्मिक जगहों के पास किसी प्रकार की मांस, मछली बेचने की मानाही है। वहीं हाल ही में खुले में मांस-मछली बेचने के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई 12 जनवरी 2024 को होने वाली है। इस याचिका में पटना सहित राज्य के अन्य जिलों में खुलेतौर पर मांस बेचने पर बैन लगाने की मांग की गई है। यह भी पढ़ें- श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले पर ओवैसी ने दिया बड़ा बयान
ओरछा में ढोल नगाड़े के साथ भगवान राम की निकाली जाएगी बारात
राम राजा सरकार की नगरी ओरछा दुल्हन की तरह सज धज के तैयार है। नगर को सजाने का मुख्य कारण बुंदेली रीति-रिवाजों से राम राजा सरकार का विवाह करना है। इस मंदिर की साज सज्जा का काम मंदिर प्रशासन अपने हाथों में लिया है। बता दें कि, बारात के दिन पूरी सड़कों पर झंडे व लाइटनिंग झालरों से सजावट की जाएगी। जानकी मंदिर पर विशेष फूलों की सजावट होने वाली है। पारंपरिक विवाह महोत्सव की तैयारी शुरू राम की नगरी ओरछा में सदियों से ये उत्सव मनाया जा रहा है। मनाए जाने वाले राम जानकी विवाह महोत्सव को लेकर नगर सहित बुंदेलखंड के लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। इसका आयोजन 15 से 17 दिसंबर को होना है। इस पारंपरिक विवाह महोत्सव की तैयारी मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन की ओर से की जा रही है। ये भी पढ़ें- श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले पर ओवैसी ने दिया बड़ा बयान भगवान राम को दिया जाएगा गॉर्ड ऑफ ऑनर 17 दिसम्बर को रात्रि 8 बजे ढोल नगाड़े, गाजेबाजों और राजसी ठाटबाट के साथ श्री रामराजा सरकार की बारात निकाली जाएगी। वरयात्रा के मंदिर से निकलते ही सशस्त्र पुलिस बल दूल्हा बने राजा राम को गॉर्ड ऑफ ऑनर देगा। इसके बाद श्री राम जी अपने छोटे भाई लक्ष्मण जी के संग पालकी में विराजमान होकर पूरे नगर वासियों को दर्शन देते हुए नगर मुख्य चौराहे पर स्थित जनक भवन मंदिर के लिए निकलेंगे। सरकार की नगरी में आयोजित इस कार्यक्रम को देखने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। सुरक्षा को देखते हुए पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। तीन दिन होता है कार्यक्रम मंदिर के प्रांगण में बहुत ही सुंदर पंडाल लगाए गए हैं। नगर की जितनी भी महिलाएं हैं वो सभी सांस्कृतिक बुंदेली गाना गाने शुरू कर दिए हैं। दुल्हन की तरह से सज चुकी ओरछा में तीन दिवसीय राम विवाह कार्यक्रम में पहले दिन तेल और हल्दी का कार्यक्रम होता है। जिसमें नगर की महिलाएं भगवान श्री राम को तेल हल्दी चढ़ाती हैं। दूसरे दिन मंडप का कार्यक्रम विधि विधान से जिले के प्रशासन द्वारा कराई जाती है। जिसमें भगवान श्री राम की पूजा की जाती है। ये भी पढ़ें-साल 2024 में देश के इन पांच खूबसूरत शहरों का करें भ्रमण
साल 2024 में देश के इन पांच खूबसूरत शहरों का करें भ्रमण
कुछ ही दिनों में साल 2023 खत्म होने जा रहा है और साल 2024 का लोग खुले बाहों से स्वागत करते हुए नजर आएंगे। नए साल को लोग अपने-अपने तरीके से वेलकम करते हैं कुछ लोग इस दिन पिकनिक पर तो कुछ घूमने के लिए अन्य शहर जाते हैं। तो चलिए आपको देश की उन पांच शहरों के नाम बताते हैं जहां आप अपने पूरे परिवार या दोस्तों के साथ घूमने के लिए जा सकते हैं मनाली न्यू ईयर और साल 2024 के आने पर आप हिमाचल प्रदेश के मनाली का दौरा कर सकते हैं। ठंड के दिन में आप यहां बर्फबारी का लुत्फ उठा सकते हैं। विंटर के सीजन की वजह से इस इलाके में आपको चारों तरफ बर्फ की चादर बिछी हुई नजर आएगी जो आपके मन को काफी लुभावन लगेगा। गंगटोक सिक्किम की राजधानी गंगटोक भी हैप्पी न्यूर ईयर के मौके पर बेहतर हैं। यहां आप अपने प्रेमिका के साथ घूमने जा सकते हैं। इस शहर में आपको नेचर से जुड़ी चीजें देखने को मिलेगी। चारों तरफ पहाड़ और पेड़-पौधे ही देखने को मिलेंगे। नए साल के मौके पर आप गंगटोक शहर को घूमने की लिस्ट में रख सकते हैं। गुलमर्ग जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग शहर प्राकृतिक से लबरेज है। नए साल के खास मौके पर इस शहर में जा सकते हैं। ठडं की वजह से यहां चारों ओर आपको बर्फ ही बर्फ देखने को मिलेंगे। अगर आप मध्य भारत के रहने वाले हैं तो एक बार आपको इस मौसम में गुलमर्ग का दौरा जरूर करना चाहिए और न्यू ईयर से अच्छा मौका कुछ नहीं हो सकता। दोस्तों या परिवार वालों के साथ गुलमर्ग का दौरा कर सकते हैं। ऊटी नए साल की शुरुआत दूर तक फैले चाय के बागानों के बीच करनी है तो आप ऊटी घूमने का प्लान कर सकते हैं। यहां के मनमोहक दृश्य, झीलें और शानदार पहाड़ियां आपने न्यू ईयर को खूबसूरत बना देंगी।ऊटी उन लोगों के लिए घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है, जो शोर-शराबे वाली पार्टियों की बजाय नेचर को इंजॉय करना चाहते हैं। नीलगिरि पहाड़ियों में बसे इस स्वीट से शहर की खूबसूरती आपका मनमोह लेगी। भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी न्यू ईयर माना सकते हैं। झीलों की नगरी से प्रसिद्ध भोपाल में आपको चारों तरफ प्राकृतिक के नजारें देखने को मिलेंगे। भोपाल नेचर के बहुत ही नजदीक है। अगर आप भोपल में न्यू ईयर को सेलिब्रेट करना चाहते हैं तो आप सैर सपाटा, वन बिहार, राजा भोज मंदिर जैसे तमाम फेमस जगहों का भ्रमण कर सकते हैं जो आपके मनमोहने का काम करेंगी। ये भी पढ़ें- मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमी का पूरा इतिहास