Aayudh

आख़िर कहाँ खर्च हुए 21 मिलियन डॉलर, जिसका जिक्र डोनाल्ड ट्रम्प कर रहे…क्या है USAID का सच ?

American President Donald Trump

नई दिल्ली। हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बयान दिया, जिसमें वो कह रहे हैं कि अमेरिका ने भारत को 2.1 करोड़ डॉलर भारत में ‘वोटर टर्नआउट’ बढ़ाने के लिए दिए थे। डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) ने बताया कि यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनैशनल डेवलपमेंट (USAID) ने भारत में चुनाव के लिए ये पैसे दिए थे। आखिर USAID है क्या ? USAID अमेरिकी सरकार की एक एजेंसी है, जो दुनियाभर के अलग – अलग देशों को आर्थिक मदद पहुँचाता है। USAID के कार्यालय 60 से अधिक देशों में मौजूद हैं और इनमें 10 हज़ार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। USAID पर अक्सर अपना एजेंडा चलाने का भी आरोप लगता है। आपको बता दें कि USAID जमीन पर सीधे काम नहीं करता, यह दूसरे संगठनों के साथ समझौता करता है और फिर उन्हें फंडिंग करता है। अमेरिका ने जिन पैसों की बात की, वो गए कहाँ ? एलन मस्क की अध्यक्षता वाले DOGE ने एक खुलासा किया कि USAID ने इंडिया को ‘वोटर टर्नआउट’ बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर दिए हैं। अब सवाल ये उठता है कि इन पैसों का इस्तेमाल कहाँ हुआ ? आइये जानते हैं। 2024 में देश के लोकसभा चुनाव हुए, इस चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले थे। क्यूंकि इस चुनाव में जो NDA 400 से अधिक सीटों का दावा कर रही थी उसे केवल 292 सीटें मिली। 2019 के लोकसभा चुनाव में इसी NDA को 351 सीटें मिली थीं। वहीं INDI गठबंधन को 2019 के चुनाव के मुकाबले 2024 में 140 सीटें अधिक मिलीं। यानी जिस UPA को 2019 में 90 सीटें मिली थीं, उसने 2024 के लोकसभा चुनाव में 230 सीटें हासिल की। जिसका ‘वोटिंग परसेंटेज’ 26.4 से बढ़कर 36.7 हो गया। जब चुनाव परिणामों के विश्लेषण किये गए तो लोगों ने कहा कि ये ‘एंटी-इंकम्बेंसी’ का मामला है। आसान शब्दों में इसे ‘सत्ता विरोधी लहर’ कहा जाता है। परिणाम ये निकलकर सामने आया कि देश के प्रधानमंत्री उतने लोकप्रिय नहीं रहे जितने वो 2014 में थे। आपको बता दें कि अमेरिका की एक संस्था DOGE ने खुलासा किया है कि USAID के जरिए भारत को 21 मिलियन डॉलर ‘वोटर टर्नआउट’ बढ़ाने के लिए दिए गए थे। आखिर पैसे भारत आए कैसे ? आपको बता दें कि 2013 में मनमोहन सरकार एक पॉलिसी लेकर आई थी। इसका नाम था ‘NO AID POLICY’, इसके अंतर्गत भारत ने साफ़-साफ़ दुनियाभर के देशों से कहा था कि हम विदेशी सहायता स्वीकार नहीं करते। तो जाहिर सी बात है कि जिन पैसों की बात अमेरिका कर रहा है वो NGOs के जरिए आये होंगे।रिसर्च करने पर पता चला कि अमेरिका ने वो पैसे एक NDI नाम के गैर सरकारी संगठन(NGO) को दिए हैं। ये संस्था दुनियाभर के देशों को अच्छे से चुनाव करवाने के लिए फंड देती है। इसी संस्था के एक सदस्य हैं, RICHARD F. CELESTE . रिचार्ड 1997 से लेकर 2002 तक अमेरिका के राजदूत के तौर पर भारत में रहे हैं। ये वो दौर था जब अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने अपना पूरा कार्यकाल पूरा किया था। लेकिन उनके कार्यकाल पूरा करने के बाद जब सभी अनुमान लगा रहे थे कि वाजपेयी एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे तब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठते हैं। NDI कहाँ-कहाँ काम करती है ? NDI वही संस्था है जो दुनियाभर के देशों को चुनाव कराने के लिए फंड देती है। जब हमनें इसकी वेबसाइट को खंगाला तो पता चला कि ये संस्था बांग्लादेश, म्यांमार, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, नेपाल, और पाकिस्तान जैसे अन्य देशों में काम करती है मगर भारत में काम नहीं करती। ये भारत में सीधे तौर पर नहीं लेकिन एक संस्था ‘अमेरिकन्स फॉर इंडिया’ (AFI) के साथ मिलकर काम करते हैं। इस संस्था के सलहाकार मंडल में एक सदस्य हैं, जिनका नाम है ‘विजय महाजन’ कौन हैं विजय महाजन ? जब हमनें और पड़ताल की तो पता चला कि ‘विजय महाजन’ राजीव गाँधी फाउंडेशन के CEO हैं। साथ ही ये ‘राजीव गाँधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ कंटेम्पररी स्टडीज’ के भी डायरेक्टर हैं। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर विजय पटेल ने थ्रेड में एक पोस्ट किया था कि कैसे विजय महाजन अमेरिका से फंडिंग लेकर उन पैसों का उपयोग भारत और अन्य देशों के चुनावों में करते हैं। यहाँ तक कि बांग्लादेश में जो तख्तापलट हुआ उसमें इनकी भी भूमिका है। देश में हुए किसान आंदोलन से लेकर शाहीन बाग तक में इनका हाथ था। इन्हें इन सारे प्रोटेस्ट का ‘मास्टरमाइंड’ बताया गया। JNU से लेकर जामिया में लग रहे नारों में भी इनका कनेक्शन निकलकर सामने आता है और ये उसी ‘राजीव गाँधी फाउंडेशन’ के सीईओ हैं, जिसकी अध्यक्ष सोनिया गाँधी हैं। आपको बता दें की विजय महाजन ने अपने लिखे एक आर्टिकल में भारत में ‘कास्ट सेन्सस’ की मांग कर रहे थे। इसी ‘कास्ट सेन्सस’ का जिक्र अपनी हर रैली में करते हैं। इसी 2024 के लोकसभा चुनाव में अमेरिका भारत पर बड़े सवाल खड़े कर रहा था कि भारत में चुनावी स्वतंत्रता नहीं है। भारत के लोकतांत्रिक व्यवस्था को बदलने की जरुरत है। ये आंकड़ें और बयान जिस तरफ इशारा कर रहे हैं, उसे आप भी समझ गए होंगे। इतनी फंडिंग के बावजूद INDI गठबंधन 2024 का लोकसभा चुनाव हार गई। इसे लेकर जांच होगी ? DOGE ने जब आंकड़े जारी किए तो डोनाल्ड ट्रम्प ने इसकी जांच के लिए भी कहा है। उन्होंने कहा कि इंडिया को डेटा मुहैया करने में अमेरिका पूरी सहायता करेगा। जब जांच होगी तो सबकुछ सामने आ जाएगा। इस जांच के बाद कई NGO, पत्रकार और नेता सभी सामने आएंगे जो देश में चुनाव जीतने के लिए विदेशों से फंडिंग लेते हैं। Read More : जानिए क्‍या है स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) जिसका PM मोदी ने किया है उद्घाटन Watch : https://youtu.be/6Abvkb2C2o4?si=8riht4h89ucVR0-I

MP Laptop Yojana : MP के छात्रों को CM मोहन यादव की सौगात, UPSC की तैयारी में मिलेगी मदद

Free Laptop Yojana ; CM mohan yadav with students

भोपाल। राजधानी भोपाल के प्रशासन अकादमी में आयोजित कार्यक्रम में CM मोहन यादव ने गुरुवार को 89 हज़ार 710 मेधावी छात्रों को लैपटॉप दिए। आपको बता दें कि लैपटॉप की राशि 12वीं के बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को मिला है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की नई पीढ़ी को शिक्षा के प्रति जागरूक करना है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने “काक चेष्टा, वको ध्यानम्” के श्लोक का उल्लेख करते हुए कहा कि इस श्लोक में संसोधन की जरुरत है। उन्होंने कहा कि यह केवल विद्यार्थियों के लिए नहीं बल्कि नेताओं और अधिकारीयों के लिए भी जरुरी है। बच्चों के बौद्धिक विकास में लैपटॉप सहायक – CM मोहन यादव गुरुवार को मुख्यमंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के आधुनिक युग में लैपटॉप बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए बहुत आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने समाज के सभी वर्गों के लिए निरंतर योजनाएं बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं के स्वरूप में कोई बदलाव नहीं किया गया है। छात्रों ने सीएम को कहा ‘शुक्रिया’ आज का दिन प्रदेश के 89 हज़ार से अधिक विद्यार्थियों के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण दिन रहा। आज उनकी मेहनत और उनके परिश्रम को प्रदेश के मुखिया ने सराहा। उन्होंने कहा कि इस देश के युवाओं में इतनी क्षमता है कि वो किसी भी चुनौतीपूर्ण काम को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने ख़ुशी जताते हुए कहा कि – आज मुझे प्रदेश के होनहार बच्चों को लैपटॉप देते हुए बहुत खुशी हो रही है। छात्रों ने भी सीएम को धन्यवाद दिया। ज्योति प्रजापति ने कहा कि मैं आगे चलकर बीटेक और फिर यूपीएससी करना चाहती हूँ। मेरे पिता का निधन हो गया है और माँ मजदूरी करके पढ़ा रही हैं। ऐसे में मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप देने के लिए मुख्यमंत्री जी का आभार। न जाने कितने बच्चे ऐसे होंगे जो तकनीक और पैसों की कमी की वजह से अपने सपनों को नहीं पूरा नहीं कर पाते होंगे। पढ़ना तो चाहते होंगे मगर घर के हालत इसकी इजाजत नहीं देते होंगे। मध्य प्रदेश सरकार की यह योजना उन लाखों बच्चों के सपने साकार करने में मदद कर रही है। Read More : जानिए क्‍या है स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) जिसका PM मोदी ने किया है उद्घाटन Watch : https://youtu.be/iCIBlOlXJPg?si=umWsEOmPwe6p_BJa

‘अन्नपूर्णा योजना’ के चावल का धर्मांतरण के लिए हो रहा उपयोग, पूरा मामला जानने के लिए पढ़िए Aayudh की रिपोर्ट

'अन्नपूर्णा योजना' Conversion in Chhatisgarh

रायपुर। देश के अलग-अलग राज्यों से हर रोज धर्मांतरण की खबरें आती हैं। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मासूम लोगों को भी ‘अन्नपूर्णा योजना’ के चावल का इस्तेमाल करके ईसाई मिशनरियों और इस्लाम समुदाय के कुछ लोगों द्वारा हिन्दू समाज के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। धर्मांतरण की पूरी प्रक्रिया कोई एक दिन में नहीं होती बल्कि इसके लिए एक पूरा षड़यंत्र रचा जाता है। छत्तीसगढ़ में भी इसी षड़यंत्र के तहत ‘अन्नपूर्णा योजना’ के चावल का इस्तेमाल करके लोगों को हिन्दू से ईसाई बनाने की कोशिश की जा रही है। ‘अन्नपूर्णा योजना’ का चावल लोगों को ईसाई बना रहा जी हाँ, सही पढ़ा है आपने केंद्र सरकार के द्वारा चलाई जा रही ‘गरीब कल्याण अन्न योजना’ और राज्य सरकार की ‘अन्नपूर्णा योजना’ के तहत दिए जा रहे चावल का ईसाई मिशनरियों द्वारा गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। आपको बता दें कि ईसाई मिशनरियों ने एक योजना चलाई है ‘एक मुट्ठी चावल योजना’ . इस योजना के तहत वो प्रदेश में रह रहे क्रिश्चियन परिवारों से चावल इकठ्ठा करते हैं और इस चावल को बाजार में बेचकर पैसों का इंतेज़ाम करते हैं। आप सोच रहे होंगे कि मिशनरियां ऐसा क्यों कर रही हैं तो आपको बता दें कि 2019 में ‘विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम’ के तहत मिशनरियों को विदेशों से मिलने वाली फंडिंग पर रोक लगा दिया गया था। जिससे धर्मांतरण गतिविधियों में गिरावट आई थी और विदेशों से मिलने वाली फंडिंग बंद हो गई थी। लेकिन अब मिशनरियों ने एक नया रास्ता निकाला है, सरकार के दिए गए चावल को बेचकर पैसों के इंतेज़ाम करने का। आपको बता दें कि ‘एक मुट्ठी चावल योजना’ से मिशनरी सालाना 100 करोड़ों रूपए इकट्ठा कर रहे हैं और इन पैसों का इस्तेमाल हिन्दू समुदाय के लोगो को ईसाई बनाने के लिए किया जा रहा है। ईसाई जनसंख्या में तेजी से हो रही बढ़ोतरी एक रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों के अनुसार 2011 में छत्तीसगढ़ के जशपुर में केवल 1.89 लाख लोग ईसाई थे। वर्तमान में यह संख्या 3 लाख को पार कर गई है। आपको ये सोंचकर हैरानी होगी कि इन लाखों लोगों के धर्मांतरण में केवल 210 लोगों ने ही क़ानूनी प्रक्रिया से ईसाई धर्म को अपनाया है। ये आंकड़े किसी किताब या फिर रिसर्च का हिस्सा नहीं हैं बल्कि 2024 में फाइल किए गए RTI के हैं। सरकार के इतने प्रयासों के बावजूद धर्मांतरण के ये आंकड़े हैरान करने वाले हैं। Read More : जानिए क्‍या है स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) जिसका PM मोदी ने किया है उद्घाटन Watch : https://youtu.be/6Abvkb2C2o4?si=8lniboW2zBnnJhiJ

PFI से जुड़े लोगों ने 8 साल के बच्चे का किया खतना…आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई सजा

PFI

इंदौर। मध्य प्रदेश का इंदौर शहर PFI के लोगों के कारण एक बार फिर से सुर्ख़ियों में है। इन दिनों देश के अलग-अलग हिस्सों से धर्मांतरण और जिहाद से जुड़ी खबरें आती हैं, कुछ दिनों पहले ही इंदौर से भी एक ऐसी ही खबर आई। जहाँ बच्चों को ईसाई धर्म के लोगों द्वारा राम और कृष्ण की पूजा करने से मना किया जा रहा था। एक बार फिर से देश के सबसे स्वच्छ शहरों में अव्वल रहने वाले इंदौर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। एक बार फिर से दूसरे धर्म के लोगों द्वारा एक मासूम बच्चे को अपना शिकार बनाया गया है। क्या है पूरा मामला ? आपको बता दें कि ये मामला 2023 का है, जब एक मासूम बच्चे को धर्मांतरण का शिकार बनाया गया था। ये जानकार आपको आश्चर्य और दुःख दोनों होगा कि इस अपराध में बच्चे की माँ भी शामिल थी। एक मुस्लिम समुदाय के युवक ने महिला को अपने प्रेम जाल में फंसाकर इस अपराध को अंजाम देने की कोशिश की थी। महिला ने उस व्यक्ति के बहकाबे में आकर अपने ही बेटे का खतना कर दिया। बड़ा आश्चर्य हो रहा होगा आपको कि एक माँ अपने बच्चे का खतना कैसे कर सकती है, मगर ये सच है। ये सच है कि एक बच्चे की माँ ने एक मुस्लिम युवक के साथ मिलकर अपने ही बेटे का खतना किया। बच्चे के पिता का कहना है कि महिला ने अपने बॉयफ्रेंड इलियास अहमद के साथ मिलकर इसे अंजाम दिया। ये घटना समाज को शर्मशार करने वाली है। इस महिला को माँ की उपाधि नहीं दी जा सकती। बच्चे के पिता से 5 लाख की डिमांड आपको बता दें कि जब इस बात की खबर बच्चे के पिता तक पहुंची और पिता अपने बेटे को वापस लाने पहुंचे तो आरोपी ने उनसे 5 लाख रूपए की मांग की। बच्चे के पिता 1.5 लाख रूपए देने के लिए राजी थे, मगर फिर आरोपी इलियास ने कोई संपर्क नहीं किया। इसके बाद पिता ने शाजपुर कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और बेटे की कस्टडी और पत्नी से डिवोर्स की अर्ज़ी लगाई। कोर्ट ने भी मामले में गंभीरता दिखाई और बच्चे को सुनवाई के दौरान ही पिता के हवाले कर दिया। PFI से जुड़े थे आरोपी आपको बता दें जब पुलिस इस मामले के तह तक गई तो पता चला कि आरोपी का कनेक्शन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से है। परिवार के बाकी लोग भी इसी PFI से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने जब सबूत इकट्ठा करना शुरू किया तो पता चला कि इलियास के रिश्तेदार पहले से ही इन मामलों को लेकर जेल जा चुके हैं। पुलिस ने इस मामले की गहन जांच की और सबूत इकठ्ठा किए। कोर्ट ने भी सबूतों के आधार पर तुरंत फैसला लिया और आरोपियों को सख्त सजा सुनाई। सतर्क रहने की आवश्यकता इंदौर से आया ये कोई पहला मामला नहीं है। Aayudh ने देश और मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों से आई ऐसी हज़ारों कहानियां आप तक पहुंचाई है। हर बार हम ‘लव जिहाद’ और ‘धर्मांतरण’ से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता देते हैं और आपको आगाह करते हैं इन लोगों से जो मासूम हिन्दू बेटियों को अपनी जाल में फंसाकर अपने मकसद को अंजाम देते हैं। सावधान रहें, सुरक्षित रहें। Read More : Mamata Banerjee के बयान पर CM Mohan Yadav का पलटवार Watch : https://youtu.be/lazyxKa79LE?si=8uuTAWEx1TPSE2Vu

UP बजट में सरकार ने जनता को दिए कई उपहार…मेधावी छात्रों को मिलेगी स्कूटी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में प्रदेश सरकार ने आम लोगों को कई उपहार दिए। यूपी सरकार के बजट में प्रदेश के हर एक वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया। राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 8 लाख से अधिक का बजट पेश किया। वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा पर आधारित है। बजट सत्र के बाद योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस बार का बजट गरीब, अन्नदाता किसान, युवाओं और महिलाओं के उत्थान के लिए समर्पित है। आपको बता दें कि इस बार के बजट में वर्ष 2024-25 के बजट के मुकाबले 9.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। UP बजट के प्रमुख बिंदु शिक्षा अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग महिला एवं बाल विकास समाज कल्याण Read More : रात में चुन-चुनकर बस्तियों को लूटा…विधानसभा में गरजे CM योगी आदित्यनाथ Watch : https://youtu.be/qlJ0c8tTwAg?si=ZrM8M7qZKB2TCp90

पंजाब बना धर्मांतरण की प्रयोगशाला…सिख स्कॉलर ने किया खुलासा, पढ़िए Aayudh की रिपोर्ट

Religion conversion in Punjab

अमृतसर। गुरुगोविंद सिंह और गुरुनानक देव जी कि पावन भूमि अब ईसाई मिशनरियों का अड्डा बन चुकी है। आपको बता दें कि हिन्दू और सिख धर्म के लोगों को लालच देकर ईसाई धर्म में परिवर्तित करवाया जा रहा है। पिछले दो वर्षों में 3.50 लाख हिन्दुओं और सिखों का धर्मांतरण हो चूका है, जो पंजाब और देश के लिए चिंता का विषय है। आज पंजाब में हालात ये हैं कि गुरुद्वारों और मंदिरों से अधिक चर्च दिखाई देते हैं। ईसाइयों की बढ़ती संख्या पर सिख स्कॉलर डाॅ. रणबीर सिंह ने व्यापक रिसर्च किया है। उनका कहना है कि पंजाब में स्थितियां काफी गंभीर हैं। डाॅ. रणबीर ने अपनी रिसर्च में बताया है कि 2011 की जनगणना के मुकाबले वर्तमान में हिन्दुओं और सिखों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है। 2011 की जनगणना के अनुसार पंजाब में हिन्दुओं और सिखों की संख्या 48 और 57 प्रतिशत थी। जो वर्तमान में घटकर 36 और 38 प्रतिशत हो गई है। लालच देकर किया जाता है धर्मांतरण पंजाब में लोगों का धर्मांतरण एक सोंची समझी साजिश के तहत किया जा रहा है। शहरों के मुकाबले गांव के लोगों को अधिक शिकार बनाया जा रहा है। लोगों को लालच देकर, उन्हें बहला-फुसलाकर ईसाई मशीनरियों के द्वारा उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित करवाया जा रहा है। डाॅ. रणबीर के अनुसार 2023-24 में 1.26 लाख लोग मानतांत्रित हुए तो वहीं 2024-25 में 3.50 लाख लोगों ने ईसाई धर्म को कुबूल किया। ईसाई मशीनरी दलित समुदाय को बनाते हैं निशाना आपको बता दें कि रिसर्चर की रिपोर्ट के अनुसार शहरों के मुकाबले गाँवों के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। डाॅ. रणवीर ने कहा कि ईसाई पादरी पहले दलित समुदाय के सिख और हिन्दुओं को प्रार्थना के बहाने चर्च बुलाते हैं और उन्हें मुफ्त शिक्षा और मुफ्त इलाज का प्रलोभन देते हैं। उनसे उनकी समस्याएँ लिखवाकर चर्च में बने बक्से में डलवाते हैं और जिस गांव में अधिक समस्या होती है उन्हें वो गोद ले लेते हैं। गाँवों को गोद लेने के बाद ही धर्मांतरण की साजिश शुरू होती है और लोगों को मुफ्त में प्रलोभन दिए जाते हैं। इन प्रलोभनों में पैसा देना भी शामिल है। रिसर्चर का कहना है कि ज्यादातर लोग इन्हीं प्रलोभनों के चलते अपना धर्म परिवर्तित करते हैं। धर्म परिवर्तन के दौरान नाम नहीं बदलते इस पूरे अपराध को इस तरीके से अंजाम दिया जाता है कि किसी को कानों-कान खबर भी नहीं होती है। इसाईओं के द्वारा सिखों या फिर हिन्दुओं का जब धर्मांतरण करवाया जाता है तो उनके नाम में कोई बदलाव नहीं किए जाते हैं। केवल उनके नाम के आगे मसीह जोड़ दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि किसी को शक न हो। पास्टर को दिया जाता है टारगेट सिख स्कॉलर रणवीर सिंह के अनुसार पूरे पंजाब में कुल 65 हज़ार पास्टर हैं। एक पास्टर को एक साल में 30 से 300 हिन्दू और सिखों को ईसाई बनाने का टारगेट दिया जाता है। आपको बता दें कि मिशनरियों के द्वारा पास्टरों को धर्मांतरण की ट्रेनिंग दी जाती है। जिसे बाइबिल का ज्ञान हो जाता है, उसे पास्टर बना दिया जाता है। कौन करता है फंडिंग ? आपको बता दें कि रिसर्चर डॉ. रणवीर सिंह के अनुसार जिनका भी धर्मांतरण किया जाता है, उन्हें कुछ महीनों तक धन राशि दी जाती है। पास्टरों पर भी खूब पैसे खर्च किये जाते हैं। अब सवाल ये है कि इनके पास इतने पैसे आते कहाँ से हैं, कौन करता है इन्हें फंड ? इस सवाल के जवाब में रणवीर सिंह कहते हैं कि ईसाइयत के प्रचार के लिए पश्चिमी देशों सहित पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई से फंडिंग होती है। Read More : Indian Deportation : अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों को हथकड़ी क्यों पहनाई गई? एस जयशंकर का संसद में जवाब Watch : https://youtu.be/qlJ0c8tTwAg?si=AZeQtrx4dQ7cUXwD

दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री आज लेंगी शपथ…मंत्री पद के लिए इन नामों पर लगी मुहर

Delhi New CM : Rekha Gupta

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली की नई महिला मुख्यमंत्री का नाम घोषित कर दिया है। गुरुवार को दिल्ली में उनके शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। रामलीला मैदान में अपने मंत्रियों के साथ के रेखा गुप्ता रामलीला मैदान में शपथ लेंगी। कौन हैं रेखा गुप्ता ? रेखा गुप्ता इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग से बीजेपी की दावेदार थीं। उन्होंने आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार वंदना कुमारी को 30 हज़ार वोटों से हराया। चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने सीएम पद के लिए इनके ही नाम का चुनाव किया है। आपको बता दें कि बीजेपी 2025 में 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने वाली है। रेखा गुप्ता बीजेपी शासित 21 राज्यों में एकमात्र महिला मुख्यमंत्री होंगी। इससे पहले 1998 में बीजेपी से दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में सुषमा स्वराज ने 52 दिनों के लिए पदभार संभाला था। RSS की सक्रिय सदस्य आपको बता दें की रेखा गुप्ता अपने कॉलेज के ही दिनों से छात्र राजनीति में काफी सक्रिय रही हैं। उन्होंने B.COM और LLB की पढाई की है। दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई के दौरान वो आरएसएस की स्टूडेंट विंग एबीवीपी की भी सदस्य रहीं। 1994-95 में दौलत राम कॉलेज की सचिव रहीं1995-96 में दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ (DUSU) में सचिव के पद पर रहीं1996-97 में दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ (DUSU) की अध्यक्ष चुनी गयीं2003-04 में दिल्ली प्रदेश महिला मोर्चा की सेक्रेटरी बनीं2004-06 में बीजेपी युवा मोर्चा की नेशनल सेक्रेटरी रहीं2007 में पीतमपुरा नॉर्थ से पार्षद बनीं2009 में दिल्ली प्रदेश महिला मोर्चा की महासचिव चुनी गईं2010 में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य बनीं कौन-कौन बनेंगे मंत्री ? गुरुवार (20 फरवरी) को दिल्ली के रामलीला मैदान में दिल्ली की नई मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह है। इस समारोह में मुख्यमंत्री के बाद कई विधायक भी मंत्री पद की शपथ लेंगे। मंत्री मंडल में प्रवेश वर्मा समेत पंकज सिंह, मनजिंदर सिंह सिरसा और कपिल मिश्रा जैसे दिग्गज नाम शामिल हैं। नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए दिल्ली में भव्य तैयारियां की जा रही हैं। इस कार्यक्रम में 50 हज़ार से अधिक लोगों के इकट्ठा होने की संभावना है। यह पल भारतीय जनता पार्टी और दिल्ली के लोगों के लिए ऎतिहासिक होने वाला है। Read More : रात में चुन-चुनकर बस्तियों को लूटा…विधानसभा में गरजे CM योगी आदित्यनाथ Watch : https://youtu.be/qlJ0c8tTwAg?si=DZqiqQoLfHnqhMZl

दिल्ली की नई मुखयमंत्री का हुआ स एलान…जानने के लिए पढ़िए Aayudh की पूरी रिपोर्ट

Delhi New CM face - Rekha Gupta

नई दिल्ली। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री का सभी को बेसब्री से इंतेजार था। अब वो इंतेज़ार भी ख़त्म हो चूका है क्यूंकि बीजेपी ने दिल्ली के नए चेहरे की घोषणा कर दी है। कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री ? बीजेपी की विधायक दल में दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का फैसला लिया जा चुका है। सीएम पद की रेस में कई नाम शामिल थे मगर अब ये तय हो चूका है कि 20 फरवरी को दिल्ली के रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री की शपथ कौन लेगा। BJP ने दिल्ली के मुख्यमंत्री का एलान कर दिया। कई घंटों के लंबे इंतेज़ार के बाद अब दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के रूप में रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लग चुकी है। 20 फरवरी को रामलीला मैदान में दोपहर 12 बजे रेखा गुप्ता सीएम पद की शपथ लेंगी। Read More : रात में चुन-चुनकर बस्तियों को लूटा…विधानसभा में गरजे CM योगी आदित्यनाथ Watch : https://youtu.be/qlJ0c8tTwAg?si=f8y3z6cUERmOZYJe

Mamata Banerjee के बयान पर CM Mohan Yadav का पलटवार

CM mohan yadav fired on Mamta Banerjee

भोपाल। पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री Mamata Banerjee ने महाकुम्भ को लेकर एक भद्दी टिपन्नी की थी। जिसपर अब सियासी पारा गर्म हो चुका है। सीएम मोहन यादव ने ममता बनर्जी के बयान का विरोध करते हुए कहा कि यह उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आगे कहा कि ‘महाकुंभ’ को ‘मृत्यु कुंभ’ कहकर उन्होंने हिन्दू धर्म का अपमान किया है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री Mamata Banerjee को पूरे देश से माफ़ी मांगने के लिए कहा है। Mamata Banerjee ने क्या कहा था ? आपको बता दें कि पिछले दिनों Mamata Banerjee का एक वीडियो सोशल मीडिया पे वायरल हो रहा था, जिसमें वो महाकुंभ को लेकर आपत्तिजनक टिपण्णी करती नजर आ रही थीं। इस वीडियो में उन्होंने ‘महाकुंभ’ को ‘मृत्यु कुंभ’ कहा था। जिसपर कई लोगों ने उनकी आलोचना की है। देश और दुनिया के सबसे बड़े आयोजन को लेकर उनकी मानसिकता गंदी है। इस बयान के जरिए उन्होंने देश-विदेश के लाखों श्राद्धलुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। यह केवल एक आयोजन पर नहीं बल्कि हिन्दू धर्म और सनातन की स्मिता पर सवाल है। इस तरह की अभद्र टिप्पणियां एक समृद्ध राज्य के मुखिया के मुँह से शोभा नहीं देती। Read More : Global Investors Summit : मेहमानों को ‘इंडियन मोनालिसा’ की रेप्लिका की जाएगी भेंट…टेंट सिटी का हो रहा है निर्माण Watch : https://youtu.be/NTp_NDOaRGQ?si=bHO58yBErHgnTLOU

मध्य प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी…सीएम मोहन यादव ने की घोषणा

CM Mohan Yadav with Students

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने 12वीं पास करने वाले विद्यार्थियों को बड़ी खुशखबरी दी है। 21 फरवरी को प्रदेश सरकार की तरफ से अपने-अपने सरकारी स्कूलों में टॉप करने वाले छात्र-छात्राओं को लैपटॉप की राशि दी जाएगी। पिछले दिनों ही सीएम मोहन यादव ने विद्यार्थियों को स्कूटी भी दी थी। बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए खूब मन लगाकर पढ़ने की सलाह दी। उन्होनें छात्रों से कहा कि वो सरकारी नौकरी के साथ-साथ उद्योग में भी अपनी भागीदारी दें। रोजगार और स्वरोजगार सहित जीवन के हर क्षेत्र में मुकाम हासिल करें। आपको बता दें कि प्रदेश में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मोहन सरकार आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही है। Read More : Global Investors Summit : मेहमानों को ‘इंडियन मोनालिसा’ की रेप्लिका की जाएगी भेंट…टेंट सिटी का हो रहा है निर्माण Watch : https://youtu.be/dYfsxLxL0Lg?si=C9qfdgYdEwCkuWjc