बीजेपी की दूसरी लिस्ट को लेकर कमलनाथ ने एक्स पर किया ये ट्वीट
मध्य प्रदेश चुनाव जितना पास आ रहा है उतनी ही लोगो में जिज्ञासा उत्पन्न हो रही है कि अब आगे क्या होने वाला है साथ ही नेताओं का वार पलटवार भी तेज़ हो गया है . हल ही में बीजेपी ने 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की है वहीं ऐसे में बीजेपी ने कमलनाथ के ट्वीट जवाब में कांग्रेस पर निशाना साधा है. बड़े केंद्रीय नेताओं के नाम भी हैं लिस्ट में शामिल मध्य प्रदेश में चुनाव समय बेहद नज़दीक है इस कड़ी में सभी पार्टी अपने अपने दावेदारों की लिस्ट जारी कर रही हैं हाल ही में बीजेपी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने कैंडिडेट्स की दूसरी लिस्ट जारी की इस लिस्ट में खास बात यह है कि इसमें कुछ बड़े केंद्रीय नेताओं के भी नाम शामिल हैं, जिसमें तीन केंद्रीय मंत्री समेत 7 सांसदों को टिकट दिया गया है .केंद्रीय मंत्रियों में मुरैना की दिमनी सीट से नरेंद्र सिंह तोमर, नरसिंहपुर से प्रह्लाद पटेल और निवास से फग्गन सिंह कुलस्ते को प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं BJP महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर विधानसभा क्रमांक 1 से टिकट दिया गया है। इसको लेकर पीसीसी चीफ कमलनाथ सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने एक्स पर ट्वीट करते हुए बीजेपा पर निशाना साधा है. इसके जवाब में बीजेपी से मुंह की खाए. दरअसल बीजेपी ने जवाब में मीम शेयर करते हुए पलटवार किया. कमलनाथ ने एक्स पर किया ये ट्वीट दरअसल हाल ही में बीजेपी की दूसरी लिस्ट जारी होने पर कमलनाथ ने एक्स पर ट्वीट करते हुए कहा इस लिस्ट पर एक ही बात फिट होती है नाम बड़े और दर्शन छोटे चुनाव में बीजेपी ने मध्य प्रदेश में अपने सांसदों को विधानसभा की टिकट देकर साबित कर दिया है बीजेपी ना तो 2023 मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत रही है ना ही 2024 के लोकसभा चुनाव में तो बड़े नामों पर दाव लगाकर देख रही है . https://x.com/OfficeOfKNath/status/1706538915489107971?s=20 पहले लिस्ट पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा था अपने को देश की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाली बीजेपी को जब आज ये दिन देखने पड़ रहे हैं कि उसको लड़वाने के लिए उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे हैं, तो फिर वोट देने वाले कहाँ से मिलेंगे. बीजेपी आत्मविश्वास की कमी के संकटकाल से जूझ रही है. अबकी बार बीजेपी अपने सबसे बड़े गढ़ में, सबसे बड़ी हार देखेगी. कांग्रेस बीजेपी से दोगुनी सीट जीतने जा रही है. बीजेपी की डबल इंजन की सरकार डबल हार की ओर बढ़ रही है. बीजेपी ने दिया ये जवाब इसके जवाब में बीजेपी ने भी एक्स पर मीम के जरिए कहा है कि ‘इतना घबरा क्यों रहे हो?’ साथ ही बीडी शर्मा ने कहा” यह हमारी ताकत है” . कुल मिला कर अब देखा जाये तो दूसरों के ऊपर ऊँगली उठाने वाले कांग्रेस के सामने अब चुनौती है की वो कौन से दमदार लोगों को मैदान में बीजेपी के द्वारा उतारे गए उमीदवारों के सामने खड़ी करती है ? ये भी पढ़ें- गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और पुलिस के बीच मचा बवाल .
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और पुलिस के बीच मचा बवाल
मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों के बीच जमकर बवाल हुआ. प्रशासन का कहना है कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जनसभा के बाद जब रैली निकालने और बाजार बंद कराने की जिद की तो पुलिस ने उनको ऐेसा करने से रोका .तो पार्टी कार्यकर्ताओ ने पथराव कर दिया. कई पुलिसकर्मियों पर लाठियों से हमला भी किया. तब पुलिसकर्मियों ने भी जमकर लाठीचार्ज किया. जिला प्रशासन ने रैली निकालने की परमिशन नहीं दी थी. उसके बावजूद भी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी ने रैली निकाली और लाउड स्पीकर से बाजार में मौजूद दुकानों को बंद करने की अपील करना भी शुरू कर दिया. जिसके चलते पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बिच जमकर पथराव हुआ. पुलिस ने लॉ एंड ऑर्डर संभालने के लिए किया लाठीचार्ज उमरिया प्रशासन ने बताया कि जब मामला हद से ज्यादा बढ़ गया तो लॉ एंड ऑर्डर को संभालने के लिए हमें माहौल खराब कर रहे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करना पड़ा. जिसके बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी पथराव करना शुरू कर दिया. पुलिस प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वाटर कैनन से जमकर पानी की बौछार छोड़ी और आंसू गैस के गोले भी भीड़ पर छोड़े गए. इस घटना में पुलिस अधीक्षक सहित उमरिया जिले के दो टीआई, एसडीओपी, अन्य पुलिस अधिकारी और आरक्षक पुरी तरह से घायल हो गए. पुलिस ने पूरे शहर को छावनी बना दिया है ये भी पढ़ें- सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिए अपनी विदाई के संकेत
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिए अपनी विदाई के संकेत
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं.हालही में भाजपा ने भी अपने प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जाारी की है जिसमें पार्टि के दिग्गज नेताओं का नाम शामिल है.जिसके बाद ही शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को एक कैबिनेट बैठक की .बैठक में मुख्यमंत्री ने अपनी गतिविधियों से लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया. उनकी बातों से लग रहा था कि सीएम शिवराज सिंह चौहान की आखरी कैबिनेट बैठक है और अक्टूबर महीने में कभी भी आचार संहिता लागू हो सकता है. सीएम शिवराज ने अधिकारियों का जताया आभार मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सबसे पहले अपने सभी अधिकारियों को बुलाकर उनका आभार जताया और उनके साथ बैठक कर अपने कार्यकाल को याद किया फिर उसके बाद एक और कार्यक्रम किया जिसमें मध्यप्रदेश के सभी पुराने मुख्यमंत्रियों को याद कर उनके चरणों में वंदन किया.इनमें बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों से संबद्ध रहे मुख्यमंत्री शामिल थे. पुराने मुख्यमंत्रियों को भी किया याद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह से अपने अधिकारियों से बात की और पुराने मुख्यमंत्रियों को याद किया, उसे देखनेऔर सुनने वाले लोगों ने कहा कि इस तरह से बात तो व्यक्ति तब करता है, जब उसका फेयरवेल होता है. यही नहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर खुद ट्वीट कर बताया कि ‘ मध्यप्रदेश की प्रगति और विकास में सभी मुख्यमंत्रियों ने अतुलनीय योगदान दिया है; मैं आज उन सभी के चरणों में प्रणाम करता हूं’. कुछ ऐेसे नेताओं को भी याद किया जो अब इस दुनिया में तो नहीं रहे पर उनका मध्यप्रदेश के विकास में बड़ा योगदान रहा है. उनके चरणों में वंदन करता हूं. बैठक खत्म होने पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा मैं आज अत्यंत प्रसन्न हूं, जितने कठिन समय में हमने यह सरकार संभाली थी, और हमने आज जितनी उपलब्धियां हासिल की हैं वह अद्भुत हैं. ये भी पढ़ें- 50 साल पुरानी अनोखी परंपरा , साड़ी चढ़ाने से शांत होती नदी
कांग्रेस के साथ साथ अब I.N.D.I.A. गठबंधन में भी फुट, क्या है इसके कारण
हम आपको बता दे कि दिल्ली में शरद पवार के निवास पर हुई कई घंटो की बैक के बाद ये तय किया गया था कि चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में इंडिया गठबंधन की पहली बड़ी रैली की जाएगी. उस समय कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने खुद मीडिया से बात करते हुए उस रैली का ऐलान किया था. लेकिन अब कमलनाथ ने साफ इनकार कर दिया है कि जो इंडिया गठबंधन की पहली रैली भोपाल में होने वाली थी, वो कैंसील कर दी गई है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे से बात करने के बाद ही आगे का कोई फैसला लिया जाएगा, अभी बातचीत जारी है. अब इस रैली के कैंसिल होने के बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या इंडिया गठबंधन में सब कुछ ठीक चल रहा है? क्या सौफ्ट हिन्दुत्व की राजनिती करने वाले कमालनाथ इंडिया गठबंधन से दुर भाग रहे है? क्या इंडिया गठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी करेगा सनातन विवाद बात यह है कि स्टालिन की पार्टी डीएमके भी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है. उदयनिधि स्टालिन के द्वारा जब सनातन धर्म को डेंगू एवं मलेरिया कहा गया तो सीधे कांग्रेस पर बात आ गई. इसी पे CM शिवराज ने कहा की कांग्रेस में इन दिनों लट्ठम लट्ठ मचा हुआ है. आपस में ही लड़ रहे हैं. कमलनाथ कई बार खुद को सनातनी और हनुमान भक्त बता चुके हैं. कई बड़े धार्मिक आयोजन भी करा चुके हैं, अब इंडिया गठबंधन की रैली होने से जाहिर है इन सारी मेहनत पर असर पड़ता है. फिर रैली कैंसिल होने की जानकारी भी कमलनाथ ने खुद ही दी है.
क्या है आदि शंकराचार्य की मूर्ति को ओंकारेश्वर में बनाने की बड़ी वजह
तीर्थस्थल ओंकारेश्वर के ओंकार पर्वत पर 28 एकड़ में अद्वैत वेदांत पीठ और आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। आदि शंकराचार्य की प्रतिमा को ” “स्टेच्यू ऑफ़ वननेस ” कहा जाता है।देश का चतुर्थ ज्योतिर्लिंग ओम्कारेश्वर शंकराचार्य की दीक्षा स्थली है। जहां वे अपने गुरु गोविंद भगवत्पाद से मिले और यहीं 4 वर्ष रहकर उन्होंने विद्या अध्ययन किया। 12 वर्ष के आचार्य शंकर की यह प्रतिमा श्रद्धांजलि के रूप में स्थापित की जा रही है। यह पूरी दुनिया में शंकराचार्य की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। 18 सितंबर को होगा लोकार्पण आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का लोकार्पण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 18 सितम्बर को करेंगे। इस दौरान देश के कोने-कोने से आए साधू संत भी मौज़ूद रहेंगे। 18 तारीख को दो प्रोग्राम होंगे,फर्स्ट हाफ में मान्धाता पर्वत पर और सेकंड हॉफ में सिद्धवरकूट में प्रोग्राम होगा। मान्धाता पर्वत पर एक पूजा चल रही है और आज से भी एक पूजा आरम्भ होगी, जो लगातार तीन दिन जारी रहेगी। सिद्धवरकूट में भी 2-3 हजार साधु संत धार्मिक अनुष्ठान करेंगे। वैश्विक केंद्र होगी शंकराचार्य की प्रतिमा मध्यप्रदेश की करीब दो हजार करोड़ रुपयों की धार्मिक एवं आध्यात्मिक योजना के तहत आकार ले रही आदि शंकराचार्य की प्रतिमा प्रथम चरण में बनकर तैयार हो चुकी है, जबकि शेष कार्यो का भूमिपूजन होना है. सनातन धर्म के पुनरुद्धारक, सांस्कृतिक एकता के देवदूत व अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रखर प्रवक्ता ‘आचार्य शंकर’ के जीवन और दर्शन के लोकव्यापीकरण के उद्देश्य के साथ मध्य प्रदेश शासन ने ओंकारेश्वर को अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित किया जा रहा है। 8 वर्ष की उम्र में ओम्कारेश्वर पहुंचे शंकराचार्य आदि शंकराचार्य मात्र 8 वर्ष की उम्र में अपने गुरु को खोजते हुए केरल से ओमकारेश्वर आये थे, और यहां गुरु गोविंद भगवत्पाद से दीक्षा ली। यही से उन्होंने पूरे भारतवर्ष का भ्रमण कर सनातन की चेतना जगाई। इसलिए ओम्कारेश्वर के मान्धाता पर्वत पर यह 108 फीट ऊंची बहुधातु की प्रतिमा है, जिसमें आदि शंकराचार्य बाल स्वरूप में है। ये भी पढ़ें- राजनीति के बाद अब बॉलीवुड और क्रिकेट में भी इंडिया vs भारत की चर्चा
पवित्र प्रेम का प्रतीक है रक्षाबंधन का पर्व
किसी को अपने भाई का इंतजार है तो किसी को भाई को राखी बांधने के लिए घर जाने की जल्दी. रक्षा बंधन आते ही हर तरफ खुशियों का मौहौल होता है. जो भाई या बहनें आपस में मिल नहीं पाते उन भाईयों को इंतजार रहता है राखी का. बहनें बहुत प्यार से लिफाफे में राखी के साथ भरती हैं अपना ढेर सारा प्यार और भाई की लंबी आयु की कामना. आज हर बहन के साथ उसका भाई तो मौजूद नहीं होता है इसलिए आज हर भाई अपनी बहन को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है. मामूली से दिखने वाले धागे में होती है असीम शक्ति : यूं तो राखी का धागा दिखने में एक धागा मात्र होता है पर इसमें किसी भी बाधा से बचाने की शक्ति होती है. कई लोग परमात्मा को साक्षी मानकर भाई के रूप में राखी बांधते हैं. भगवान भी उनहें रक्षा करने का वचन देते हैं. राखी बांधने से पहले तिलक लगाना इस बात का सूचक है की जब इस कलियुग रूपी रात्रि में आत्मायें परमात्मा को पवित्र रहने का वचन देती हैं तब उन्हें स्वराजय का टीका यानि आने वाली सतयुगी दुनिया में उंच पद पाने के अधिकार मिल जाता है. मुख मीठा कराने का अर्थ होता है सर्व वरदानों से भरपूर कर देना. जब पांच विकारों काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार को मनुष्य त्याग देता है तब सच्ची राखी होती है.
पवित्रता की प्रतिज्ञा करना ही सच्ची राखी मनाना है
राखी सिर्फ एक धागा नहीं है बल्कि पवित्रता की प्रतिज्ञा करना है. एक परमात्मा की याद में रहना ही सच्ची राखी मनाना है. भोपाल के राजयोग भवन में रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. सभी को रक्षा सूत्र बांधकर परमात्मा शिव की याद में रहने और अपने जीवन में दिव्य गुणों की धारणा करने का संदेश दिया. बी.के. आकृति दीदी ने रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताया: बी.के. आकृति दीदी ने रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट करते हुए बताया कि जब बहनें भाई को तिलक लगाए तो आत्मिक स्मृति का तिलक लगाए. सभी के प्रति आत्मिक दृष्टि हो. जब बहनें भाइयों को राखी बांधे तो वह रक्षा सूत्र सिर्फ एक के लिए नहीं हो बल्कि सभी को एक सूत्र में पिरोने के लिए हो. भाई संसार की हर बहन और बेटी का सम्मान करें. मिठाई खिलाने का अर्थ है अपनी सोच, बोल और कम से हर किसी को सुख देना और सब के प्रति शुभ भावना रखना. रक्षा बंधन का पर्व वसुधैव कुटुंबकम् को फिर से जागृत करने का पर्व है. सभी ने रक्षा बंधन पर प्रतिज्ञा की जो इस प्रकार है:
राजयोग भवन में मनायी गई दादी प्रकाशमणि जी की पुण्य तिथि
दादी प्रकाशमणि ने बनवाया था राजयोग भवन का विशाल हॉल: भोपाल के राजयोग भवन में ब्रह्मकुमारीज की दूसरी मुख्य प्रसाशिका दादी प्रकाशमणि को पुष्पांजलि अर्पित करने के निमित विशेष भोग लगाया गया. इस मौके पर राजयोग भवन की प्रमुख राजयोगिनी बी.के. अवधेश दीदी उपस्थित रही.उन्होंने बताया की राजयोग भवन का विशाल हॉल दादी जी के कहने पर बनवाया गया था. दरअसल जब राजयोग भवन का हॉल बनना था तब दादी का ही ये विचार था की ये हॉल बड़ा बनाया जाए और आज इतने लोग आते हैं की ये हॉल ही कम पड़ने लगा. उनका भोपाल आना भी भगवान का ही इशारा था. दीदी ने बताया की शिव बाबा ने ये कहा था की देश के दिल में नहीं गए तो कुछ भी नहीं किया. दादी को सभी ने अपने मन के श्रद्धा सुमन अर्पित किेए और उनके गुणों को जीवन में धारण करने का संक्ल्प लिया. सभी ने दादी को अर्पण किए गए स्नेह सुमन: दादी ने विशाल दिल वाली मां का पार्ट बजाया था और सभी को मां जैसा प्रेम देती थी. दादी ने संस्था के प्रथम संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के देह त्यागने के बाद 1969 -2007 तक दादी जी संस्था की मुख्य प्रसाशिका रही लेकिन दादी के अंदर कोई रोब वा जोश नहीं आया. वो सदा ही भगवान का कार्य समझ कर काम करती रहीं और निमित्त बनकर संस्था को चलाया. उन्होंने अमीर गरीब सभी को समान रूप से आदर वा सम्मान दिया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे और सभी ने दादी के प्रति अपने मन के उद्गार प्रकट किए और दादी जी के गुणों को अपने जीवन में धारण करने का संकल्प लिया.
अगस्त महिने में फिल्में और वेब सीरीज कर रही जबरदस्त कमाई
फिल्मों की बात करें या वेब सीरीज की अगस्त का महीना दोनों के लिहाज से ही बहुत उम्दा रहा है। जहां एक ओर फिल्म गदर 2 और ओ माई गॉड 2 ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाया है तो वहीं दूसरी ओर जियो सिनेमा पर स्ट्रीम हो रही वेब सीरीज ताली दर्शकों को खूब भा रही है. ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट गौरी सावंत की भूमिका लोगों को काफी पसंद आ रही है. फिल्म घूमर बन गई है स्पेशल फिल्म : अभिषेक बच्चन और सैयमी खेर स्टारर फिल्म घूमर ने लोगों के दिलों में अपनी अलग जगह बनाने में कामयाब हो गई हैं. अनीना दीक्षित के संघर्ष, जुनून और हौसले की कहानी लोगों को काफी पसंद आ रही है. फिल्म में दिखाया गया है की कैसे अपना एक हाथ हादसे में खो देने के बाद आत्महत्या करने जा रही होती है तब उसके गुरू का किरदार निभा रहे अभिषेक बच्चन सैयमी का मनोबल बढाते हैं. फिर वो उठ कर खङी होती है और पूरी शिद्त के साथ अपने जज्बे और मेहनत के साथ किर्केट खेलती है और जीत हासिल कर इतिहास रचती है. आयुष्मान खुराना की कॉमेडी करेगी दर्शकों को लोटपोट: फिल्मों की बात करें तो आयुष्मान खुराना और अनन्या पांडे स्टारर फिल्म 25 अगस्त को रिलीज होने वाली है. फिल्म एक कॉमेडी ड्रामा है और दर्शकों को खूब पसंद आ सकती है.इससे पहले बनी ड्रीम गर्ल जो 13 सितंबर 2019 में रिलीज हुई थी. फिल्म में आयुष्मान के साथ नुशरत भरूचा नजर आई थी जिनकी एक्टिंग दर्शकों को खूब पसंद आई थी.इ 2018 बुरारी केस पर आधारित है “आखिरी सच” वेब सीरीज: दिल्ली में 1 जुलाई 2018 में हुए बुरारी कांड जिसमें एक ही घर के 11 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी. इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. आखिरी सच उसी घटना को बहुत ही बखूबी दिखाता है. परिवार के सदस्यों ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी. मुख्य किरदार में तमन्ना भाटिया, अभिषेक बैनर्जी, शिविन नारंग, दानिश इकबाल, निशु दीक्षित, कृति विज और संजीव चोपड़ा शामिल हैं. ट्रेलर में तमन्ना भाटिया लेडी डिटेक्टिव के दमदार किरदार में नजर आ रही हैं जो 11 लोगों के मौत के रहस्य को सुलझाती नजर आएगी. 25 अगस्त को ये सीरीज डिसनीप हॉटस्टार पर रिलीज हो जायेगी.सीरीज में तमन्ना भाटिया के अलावा अभिषेक बैनर्जी, शिविन नारंग, दानिश इकबाल, निशु दीक्षित, कृति विज, संजीव चोपड़ा नजर आएंगे.
पवित्र प्रेम का सूचक है हरियाली तीज
सत्यम शिवम सुनदरम. सावन का यूं तो पूरा महिना ही भगवान शिव की याद करने और आत्मिक और शारीरिक शुद्धिकरण का महिना होता है. सावन के सोमवार का भी विशेष महत्व होता है जिसमें भगवान शिव की आराधाना और पूजन का भी महत्व है. इस महिने की शुक्ल पक्ष की तर्तिया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है. इस साल यह पर्व 18 अगस्त को 8:01 मिनट से शुरु होकर 19 अगस्त को रात 10:19 बजे तक चलेगा. यह त्योहार विशेष रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखण्ड और उतर प्रदेश में मनाया जाता है. इस दिन सुहागिनें अपनी पति की लंबी आयू के लिए निर्जला उपवास रखती हैं. यह पर्व पति और पत्नि के पवित्र प्रेम का प्रतिक है. जयपूर में हरियाली तीज तो वहीं हाङौती में कजली तीज के नाम से जाना जाता है. माता पार्वती और भगवान शिव के मिलन का है त्योहार : हरियाली तीज की कथा सुनाते हुए भगवान शिव माता पार्वती से कहते हैं कि हे पार्वती ! तुमने मुझे पति के रूप में पाने के लिए वर्षों तक कठोर तप किया. अन्न और जल का भी त्याग कर दिया और सर्दी, गर्मी, बरसात जैसे मौसम की भी कोई फिक्र नहीं की. तब जाकर तुम्हें मैं प्राप्त हुआ हूं. अब से पूजा के दौरान तुम्हारे इसी कठोर तप की कथा को ही पढ़ा जाएगा और सुना जाएगा. इससे अन्य महिलाओं को भी तुम्हारे तप के समान पुण्य की प्राप्ति होगी और उनकी कामना की पूर्ति होगी. महादेव कथा सुनाते हुए कहते हैं कि हे पार्वती ! एक बार नारद मुनि तुम्हारे घर पधारे और उन्होंने तुम्हारे पिता से कहा कि मैं विष्णुजी के भेजने पर यहां आया हूं. भगवान विष्णु स्वयं आपकी तेजस्वी कन्या पार्वती से विवाह करना चाहते हैं. नारद मुनि की बात सुनकर पर्वतराज बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने शादी के इस प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार कर लिया. लेकिन जब तुम्हारे पिता ने ये बात तुम्हें बताई तो तुम बहुत दुखी हुईं क्योंकि तुम तो पहले ही मन से मुझे अपना पति मान चुकी थीं. क्रोध नहीं करती हरतालिका तीज व्रती इस त्योहार में मन की शुद्दि का विशेष मह्तव होता है. गुस्सा करना वर्जित होता है. इसके अलावा बता दें सुहागिनें मेंहदी रचाती हैं. यूं तो मेंहदी सुहाग का प्रतीक है लेकिन इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण ये है की मेंहदी शीतलता प्रदान करती है. मंगलसूत्र पहनने से नकारात्मक एनर्जी दूर रहती है. चांदी की पायल पहनने से एङियां मजबूत होती है. विवाहित कन्याओं को मायके के तरफ से उपहार स्वरुप भेंट की जाने वाली वस्तुओं को सिंघारा कहते हैं. निस्वार्थ प्रेम का संदेश देती है हरियाली तीज: कलियुग में जहां आज हर रिशते में दरार आती दिखाई देती है वहीं हरतालिका तीज का ये त्योहार पति और पत्नी के पवित्र प्रेम को जाग्रत कर रिशते की डोर को मजबूत कर देता है. रिश्ते में खोए हुए प्रेम को पुन: वापस ले आती है. ये त्योहार रिश्ते में एक दूसरे के प्रति सम्मान भी वापस ले आता है. पत्नी का निर्जला उपवास रखना संपूर्ण समर्पण को दिखाता है.