छा गया है, जुबिन नौटियाल और पायल देव का राम भजन ‘मेरे घर राम आये हैं’.

जैसे- जैसे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का दिन करिब आ रहा है. वैसे- वैसे राम भक्तों के दिल में हलचल हो रही है। पुरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है, और राम मंदिर के उद्घाटन के समय में देशभर में राममय माहौल बन रहा है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर जुबिन नौटियाल और पायल देव का राम भजन ‘मेरे घर राम आये हैं’ लोगों की जुबान पर छा गया है। इसके पहले सबकी जुबान पर था कि ‘राम आएंगे’ लेकिन अब राम आ दए है. अब सबकी जुबान पर यही भजन है कि ‘मेरे घर राम आये हैं’. यही नहीं जुबिन नौटियाल और पायल देव के राम भजन का जादू देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी छा गया है। प्रधानमंत्री ने की राम भजन की तारीफ उन्होंने अपने ‘X’ हैंडल से एक पोस्ट शेयर किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने राम भजन की उच्चारण की तारीफ करते हुए लिखा, “भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा के सुअवसर पर अयोध्या के साथ-साथ पूरा देश राममय हो रहा है। राम लला की भक्ति से ओतप्रोत जुबिन नौटियाल जी, पायल देव जी और मनोज मुंतशिर जी का यह स्वागत भजन दिल को छू लेने वाला है।” प्रधानमंत्री ने इस पोस्ट के साथ श्रीराम भजन का यूट्यूब लिंक भी साझा किया है, ताकि लोग इसे सुन सकें। श्रीराम भजन का वीडियो यूट्यूब पर 100 मिलियन के पार ‘मेरे घर राम आये है’ नामक इस भजन का वीडियो यूट्यूब पर 100 मिलियन से अधिक व्यूज हासिल कर चुका है और इसकी लोकप्रियता और बढ़ती जा रही है। राम मंदिर के उद्घाटन का समय 22 जनवरी है, और इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी सहित बड़े नेता और सेलेब्रिटीज़ भी शामिल होंगे। अयोध्या में इस आयोजन की तैयारियाँ पूरी गति से चल रही हैं। ये भी पढ़े- कैसे हुई सूर्यवंश और रघुकुल की उत्पत्ति, देखिए श्रीराम की सम्पूर्ण वंशावली
नए साल में अपनाएं नए लक्ष्य
कुछ दिन बाद 2023 बीत जाएगा और नए साल का सबके जीवन में स्वागत होगा. नए साल का इंतजार तो बसको होगा लेकिन इसी के साथ नए लक्ष्य भी निर्धारित किए जा रहे होंगे. इस आर्टिकल में हम आपको कुछ एैसी बाते बताएंगे जो आने वाले नए साल के साथ-साथ आपके जीवन को भी नया बना देगी. अपने नए साल के लाथ नए लक्ष्य भी स्थापित कीजिए. कल्याण की दिशा में आगे बढ़े और हमारे बताए हुए बदलावों को अपने जीवन में अपनाएं. सोशल मीडिया की दुनिया से बाहर निकले आज कल के लोग सोशल मीडिया को ही अपना साथी बना लिए हैं. पर नए साल में आप को एैसा नही करना है. अब आप सोशल मीडिया और फोन पर बात करने के बजाय लोगों से जाकर मिले, बाते करें. अगर आपके पास समय नही है तो कोशिश करे की अपने आस-पास के लोगों से ही मिल लें. अपनी धारणा को बदलें अपने नए जीवन में एक ऐसी संस्कृति का निर्माण करिए जहां आप उस चीज का सम्मान करें जिससे दूसरों को खुशी मिले, जो हानि रहित भी हो. ऐसी बाते बोलिए जिसे सुनने में सबको अच्छा लगे. सबका भला सोचे व्यक्तिगत लाभ के बजाय सभी का भला कर उनका ध्यान अपनी तरफ केंद्रित करे. ऐसे कार्य करे जिससे सबका भला हो. नींद को महत्व दें नींद सेहत के लिए कितनी फायदेमंद और महत्वपूर्ण है, यह जानें और पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करे. प्रकृति प्रेमी बने शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति के बीच समय बिताएं. प्रकृति को अपने जीवन में शामिल करें. असल जीवन जिए सोशल मीडिया पर केवल उस पोस्ट को महत्व और प्रोत्साह दें जो दिखावे पर नही हो. ऐसी पोस्ट को बढावा दे जो असली जिंदगी पर आधारित हो. ये भी पढ़े- अपनाए कुछ ऐसे आहार जो अपको बनाए स्वस्थ
अपनाए कुछ ऐसे आहार जो अपको बनाए स्वस्थ
हमारे चारों ओर बहुत सारी चीजें हैं जिन्हें नियमित आहार में शामिल करके आप अपने खाने को और भी स्वस्थ बना सकते हैं. यहां कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे आप अपने पोषण को एक नए स्तर पर ले जा सकते हैं. हमारे पास ऐसी कई चीजें हैं जो हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं. इन चीजों को नियमित भोजन के साथ मिलाकर आप अपने साधारण भोजन को सुपरफूड में बदल सकते हैं और उसे पूरी तरह से पौष्टिक बना सकते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसे खाद्य संरचनाओं के बारे में बताएंगे जो आपके स्वास्थ्य के लाभकारी साबित हो सकते हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं- मौसमी फल और बीजगाने सबसे पहले हेल्दी संरचना की बात करें, आप मौसमी फलों को कद्दू या सूरजमुखी के बीजों के साथ मिलाकर खा सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, फलों के साथ हेल्दी फैट्स का सेवन करने से आपका ब्लड शुगर स्तर नियंत्रित रहता है। बीज और फलों में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो आपकी भूख को नियंत्रित करने में मदद करती है। दही और रोस्टेड अलसी दूसरा संरचना दही और रोस्टेड अलसी का है। दही में प्रोटीन और अलसी के बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। इन्हें साथ में खाने से आपके शरीर को एनर्जी मिलती है और यह कॉम्बिनेशन आपके बालों के लिए भी फायदेमंद है। दूध और खजूर दूध के साथ खजूर का सेवन एक अच्छा संरचना माना जाता है। खजूर और दूध को मिलाकर पीने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैलोरी, प्रोटीन, और हेल्दी फैट्स मिलते हैं, जिससे वजन बढ़ता है और मांसपेशियों का सही विकास होता है। केला और इलायची केले के साथ इलायची खाना आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इससे गैस, अपच, और कब्ज की समस्या दूर होती है, और शरीर इनके पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित करता है। रोटी और सत्तू या तिल भारत के हर घर में दोनों टाईम रोटी खाई जाती है। वैसे तो रोटी काफी हेल्दी होती है, लेकिन आप सोचो रोटी को और हेल्दी बना दिया जाए. रोटी को बनाते समय आप गेहूं के आटे के साथ उसमें काली या कोई सी भी तिस और थोड़ा सा सत्तू मिला कर रोटी बनाए। ये रोटी खीने के बाद आपके शरीर को और ज्यादा प्रोटीन और कैल्शियम मिलने लगेगा। ये भी पढ़े- शादीशुदा जिन्दगी में नहीं चाहते दरार तो घर बैठे करें ये उपाय
नए साल पर करे नए तरीके से फिटनेस की तैयारी
नए साल के आगमन के साथ ही अपनी फिटनेस यात्रा की शुरुआत करने का समय आ गया है। यदि आप भी नए साल में अपनी स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का फैसला कर रहे हैं, हमारे कुछ सुझाव है जो आपकी मदद करेगा। अगर आप हमारे बताए हुए नियम का पालन करते है तो आप कुछ ही महिने में खुद को बदल सकते है. अगर आप चाहे तो अपने मन की संतुष्टि के लिए किसी अनुभवी से भी सलाह ले सकते हैं. नीचे कुछ नियम दिए गए हैं. लक्ष्य तय करें सबसे पहले अपने लक्ष्य को स्पष्ट रूप से तय करें। यह लक्ष्य किसी भी फॉर्म में हो सकता है, जैसे कि एक स्पष्ट किलोमीटर दौड़ना या नियमित रूप से पुश-अप्स करना। किसी साथी का चयन करें किसी साथी के साथ वर्कआउट करना आपको और भी प्रेरित करेगा। एक ऐसे साथी को चुनें जिसके लक्ष्य आपके समान हों, ताकि आप मिलकर रोजाना वर्कआउट कर सकें। विभिन्न एक्सरसाइजेस को शामिल करें अपनी फिटनेस रूटीन में विभिन्न प्रकार की एक्सरसाइजेस शामिल करें, ताकि आपको बोरियत ना हो। योग, साइकिलिंग, स्विमिंग, और वेटलिफ्टिंग को आपकी योजना में शामिल करें। धीरे-धीरे शुरू करें शुरुआत में 15-20 मिनट की धीरे-धीरे वर्कआउट सत्रों से शुरू करना बेहतर है। धीरे-धीरे बढ़ाएं और अपनी टाइमिंग को बढ़ाने का प्रयास करें। रिवॉर्ड सेट करें कोई भी लक्ष्य पूरा करने पर खुद को रिवॉर्ड दें। यह आपको और भी प्रेरित करेगा और आप फिटनेस गैजेट्स से अपनी प्रगति को समर्थन कर सकते हैं। प्रोग्रेस को ट्रैक करें फिटनेस एप्लिकेशन्स का उपयोग करके अपनी प्रगति को निगरानी में रखें ताकि आप अपने कठिनाईयों और सफलताओं को सहारा लेकर आगे बढ़ सकें। रिकवरी को प्राथमिकता बनाएं फिटनेस यात्रा के दौरान रेस्ट और रिकवरी को महत्वपूर्ण बनाएं। हफ्ते में कम से कम एक दिन रेस्ट लेना न भूलें। पेशेवर की सहायता लें यदि आपको फिटनेस योजना बनाने में कठिनाई हो रही है, तो पेशेवर फिटनेस प्रोफेशनल्स या पर्सनल ट्रेनर की सलाह लें। ये भी पढ़े- रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत की पहली टेस्ट सीरीज
रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत की पहली टेस्ट सीरीज
आज (26 दिसंबर), सेंचुरियन में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट मैच है, जिसमें रोहित शर्मा पहली बार ‘बॉक्सिंग डे’ पर टेस्ट कप्तानी कर रहे हैं. प्लेइंग 11 का चयन चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि रोहित शर्मा 19 नवंबर 2023 को हुए वर्ल्ड कप फाइनल के बाद आज खेलने उतर रहे हैं. ऐसे में उनके सामने बतौर कप्तान सबसे बड़ी चुनौती फाइनल 11 खिलाड़ियों को लेकर रहेगी. शमी के अनुपस्थिति में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज का खेलनता तो तय ही माना जा रहा है. इनका तीसरा पार्टनर कौन होगा, ये तय करना थोड़ा मुसकिल है. केएल राहुल को विकेटकीपर बनाया जा सकता है और बल्लेबाजी में भी उन्हें देखा जा सकता है. रोहित की कप्तानी में होगी ये प्लेइंग 11 रोहित शर्मा, यशस्वी जयसवाल, शुभमन गिल, विराट कोहली, केएल राहुल, श्रेयस अय्यर, रविचंद्रन जडेजा, शार्दुल ठाकुर/आर अश्विन, जसप्रीत बुमराह, प्रसिद्ध कृष्णा, मोहम्मद सिराज – यह हो सकती है भारत की संभावित प्लेइंग 11. मैच में बारिश की आशंका लगाई जा रही है. हरभजन सिंह के अनुसार, अश्विन को 8वें नंबर पर खेलना चाहिए, भज्जी का कहना ये है कि, ‘मेरे अनुसार रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल ओपनिंग करेंगे. इसके बावजूद, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यह मैच रोमांचक होने का इंतजार कर रहा है, ये मैच रोहित के कप्तानी में भारत की पहली बार टेस्ट सीरीज है. मैच से पहले भज्जी ने दी रोहित शर्मा को सलाह हरभजन सिंह ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘मुझे लगता है कि यहां परिस्थितियां गर्म होंगी, पिच सख्त होगी, उछाल होगा और भारतीय टीम के पास तीन तेज गेंदबाज हैं इसलिए मेरा मानना है कि भारत को दो स्पिनरों के साथ जाना चाहिए. मुझे एैसा लगता है कि रोहित शर्मा की टीम को ताकत के आधार पर खेलना चाहिए. अश्विन को खेलना चाहिए लेकिन मुझे ऐसा होता नहीं दिख रहा है.’ ये भी पढ़े- नए साल (NEW YEAR) पर अब लोग नहीं कर सकेंगे आवारा गर्दी
श्री कृष्ण के भक्तों के लिए एक अद्भुत खबर, द्वारका नगरी के दर्शन अब आसान
प्राचीन भारतीय साहित्य और धार्मिक कथाओं के क्षेत्र में हमें हमेशा से ही भगवान श्रीकृष्ण की द्वारका नगरी के प्रति विशेष आस्था रही है। इस आस्था को मजबूत करते हुए, सरकार ने धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई परियोजनाओं पर काम करना शुरू किया है। काशी विश्वनाथ मंदिर और उज्जैन महाकाल मंदिर के बाद, अब सरकार द्वारका मंदिर का विकास कर रही है और इसके तहत एक सबमरीन प्रोजेक्ट को भी लॉन्च कर रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत, समुद्र की गहराईयों में 300 फीट तक जाकर लोग द्वारका नगरी की यात्रा कर सकेंगे। इस सबमरीन प्रोजेक्ट की शुरुआत हो गई है. सबमरीन प्रोजेक्ट जन्माष्टमी या फिर दिवाली पर लॉन्च किया जा सकता है। इसमें 30 लोगों को समर्थित करने की क्षमता होगी, जो यात्रीगण को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का अद्वितीय अवसर देगी। सबमरीन में एयर कंडीशनिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा, और सुरक्षा साधनें शामिल होंगी। इस सांस्कृतिक और धार्मिक यात्रा का अनुभव करने के लिए यात्रीगण को विशेष रूप से तैयारी करनी होगी, जो ऑक्सीजन मास्क और स्कूबा ड्रेस के साथ यात्रा करेंगे। सरकार इस परियोजना में विशेष रूप से रियायतें प्रदान करने का प्रयास कर रही है ताकि आम आदमी भी इस अद्वितीय अनुभव का हिस्सा बन सके। इस सबमरीन प्रोजेक्ट के माध्यम से, हम आत्मा को शांति और ध्यान का अद्वितीय अनुभव कराने का अवसर प्राप्त कर सकते हैं, जो हमें हमारी संस्कृति और धार्मिक विरासत के प्रति और भी आत्मसमर्पण में मदद कर सकता है। कितना होना चाहिए द्वारका नगरी के दर्शन का किराया फिलहाल तो भगवान श्री कृष्ण की द्वारका नगरी के दर्शन के लिए जिस सबमरीन का आयोजन किया जा रहा है उसका किराया तय नही है. गुजरात सरकार ने ये तो बता दिया है कि आने वाली दिवाली तक आयोजन शुरू हो जाएगा पर अभी तक किराए की घोषना नही किए है. लेकिन ये भी सुनने में आया है कि इसका किराया थोड़ा महंगा हो सकता है. आम आदमी को ध्यान में रखते हुए गुजरात सरकार इसमें सब्सिडी जैसी रियायत देगी. ये भी पढ़े- प्राण प्रतिष्ठा के लिए कैसे सजाया जा रहा है राम मंदिर
प्राण प्रतिष्ठा के लिए कैसे सजाया जा रहा है राम मंदिर
अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियाँ उच्च गति से चल रही हैं. मंदिर के भूतल पर 14 दरवाजे लगने का कार्य तेजी से चल रहा है, जो सागौन, महाराष्ट्र से आए हुए हैं वह स्वर्ण जड़ित किए जा रहे हैं। 22 जनवरी को राम मंदिर के होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए तैयारियां जोरों पर हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विभिन्न वीवीआईपी मेहमानों की उम्मीद है। मंदिर के गर्भ गृह का काम लगभग पूरा हो चुका है, और दरवाजे महाराष्ट्र के कुश्तीकरों द्वारा तैयार किए जा रहे हैं, जिन्हें सोने से जड़ित किया जाएगा। मंदिर की नागर शैली में भी निर्माण कार्य हो रहा है, जिसमें लोहा और सीमेंट का प्रयोग नहीं हो रहा है। मंदिर में प्रवेश के लिए चार अलग-अलग गेट होंगे, और सभी दरवाजों पर भारतीय संस्कृति की झांकियां होंगी। मंदिर में पांच मंडपों के गुंबद का आकार बड़ा है और पूरे मंदिर को मकराना संगमरमर से भरा गया है। राम मंदिर के लिए तैयार किए गए दरवाजे सोने से जड़ित होंगे और उन पर विशेष नक्काशीदार डिज़ाइन होगा। ये भी पढ़े- इस बार Rohit sharma की कप्तानी में टीम को मिला इतिहास रचने का मौका राम मंदिर में जो पांच मंडप बन रहे है उनके गुंबद का आकार 34 फीट चौड़ा और 32 फीट लंबा और प्रांगण से ऊंचाई 69 फीट से लेकर 111 फीट तक है. मंदिर की लंबाई 380 फुट, चौड़ाई 250 फुट और चौड़ाई 250 फुट और प्रांगण से 161 फुट ऊंचा है. पूरे गर्भगृह को मकराना के संगमरमर से उकेरा गया है. मंदिर में 392 पिलर है. राम मंदिर के लिए 2100 किलो का घंटा 6 फुट ऊंचा और 5 फुट चौड़ा है. इसे घंटा घूंघरू-घंटी नगरी के नाम से मशहूर जलेसर में तैयार किया गया है. माह दिन-रात काम कर इस घंटे को तैयार करवाया गया है. इसकी लागत 25 लाख रुपये के करीब आई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रद्द कराई राम मंदिर के पास कि बुकिंग एयरपोर्ट का उद्घाटन 30 दिसंबर को होगा और प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन एक हफ्ते पहले होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होटलों की पूर्व-बुकिंग को रद्द करने का निर्देश दिया है ताकि समारोह के समय आए हुए मेहमानों को किसी भी तरह की समस्या ना हो। 31 दिसंबर के श्री राम एयरपोर्ट का आखरी दिन तय किया गया इसी के चलते इसे तेजी से तैयार किया जा रहा था। ये भी पढ़े-राजनीति में अटल बिहारी वाजपेयी का योगदान विशाल और बहुआयामी है
राजनीति में अटल बिहारी वाजपेयी का योगदान विशाल और बहुआयामी है
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन भारतीय इतिहास में एक विशेष दिन है, जो एक ऐसे नेता के उत्सव के रूप में चिह्नित है जिसका प्रभाव आज भी गूंजता रहता है। राजनीतिक दायरे से परे, यह उनके द्वारा प्रतिपादित आदर्शों का सम्मान करने और उनके नेतृत्व से प्रेरणा लेने का दिन है। यह एक ऐसे राजनेता की स्थायी विरासत की पुष्टि करता है जिसने भारत की नियति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देश के पहले प्रधान मंत्री थे जो चाहते थे कि भारत में शिक्षा का माध्यम मातृ भाषा होनी चाहिए। ऊँची से ऊँची शिक्षा मातृ भाषा के माध्यम से दी जानी चाहिए। ये भी पढ़े- गीता जयंती के महत्व के साथ जानिए क्या है श्रीमद्भगवतगीता का सार अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन समारोह राजनीतिक नेताओं को, पार्टी से जुड़े होने के बावजूद, एकता की भावना से एक साथ आने और पूर्व प्रधान मंत्री द्वारा किए गए सकारात्मक योगदान को स्वीकार करने का अवसर प्रदान करता है। यह एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि राज्य कौशल राजनीतिक विभाजन से परे है, और नेता राष्ट्र के व्यापक हित के लिए सामान्य आधार ढूंढ सकते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीति के बाहर की दुनिया राजनीति से परे अटल बिहारी वाजपेयी अपनी वाक्पटुता और काव्यात्मक अभिव्यक्ति के लिए जाने जाते थे। एक प्रतिभाशाली वक्ता, उनके भाषणों में बुद्धि, बुद्धिमत्ता और राजनेता कौशल का एक दुर्लभ मिश्रण होता था। उनके शब्दों में लाखों लोगों को प्रेरित करने और समाज के विभिन्न वर्गों में गूंजने की शक्ति थी। “मेरी इक्यावन कविताएँ” जैसे संग्रहों में प्रकाशित वाजपेयी की काव्य रचनाएँ, नेता के एक नरम, अधिक चिंतनशील पक्ष को प्रदर्शित करती हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के कुछ खास उद्देश्य ये भी पढ़े- इस बार Rohit sharma की कप्तानी में टीम को मिला इतिहास रचने का मौका
इस बार Rohit sharma की कप्तानी में टीम को मिला इतिहास रचने का मौका
भारतीय क्रिकेट टीम, रोहित शर्मा ( Rohit sharma) के नेतृत्व में, साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने की तैयारी में है। पहला टेस्ट मैच कल (26 दिसंबर) से सेंचुरियन में होगा, जबकि दूसरा टेस्ट मैच 3 जनवरी से केपटाउन में खेला जाएगा। टीम ने पहले सूर्यकुमार यादव के कप्तानी में तीन मैचों की टी20 सीरीज को 1-1 से ड्रॉ करके पूरा किया, फिर केएल राहुल के नेतृत्व में तीन मैचों की वनडे सीरीज को 2-1 से जीता। हालांकि, टीम का रिकॉर्ड अफ्रीका के खिलाफ बेहद निराशाजनक है, क्योंकि अब तक उन्होंने यहां कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती है। इस सफलता का अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों में सचिन तेंदुलकर, कपिल देव, और सौरव गांगुली शामिल हैं। इस बार रोहित शर्मा (Rohit sharma) के कप्तानी में टीम को इतिहास रचने का मौका है, भारतीय टीम ने अब तक साउथ अफ्रीका में 8 द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज खेलीं हैं, जिनमें से 7 हार और 1 ड्रॉ है। ये भी पढ़े- क्रिसमस के दिन लोग कैसे मांगते है सांता से उपहार यदि हम टेस्ट मैचों की बात करें, तो भारतीय टीम ने यहां 23 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से 4 जीते, 12 हारे और 7 ड्रॉ हैं। इससे साफ है कि टेस्ट मुकाबलों में भी भारतीय टीम को कठिनाईयों का सामना करना होगा, लेकिन रोहित शर्मा के नेतृत्व में टीम ने पहले ही सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया है और वे आगे बढ़ने के लिए पूरी तैयारी में हैं। इस बार भारतीय फैंस की नजर टीम के कप्तान रोहित शर्मा पर ही है। भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टेस्ट टीम- रोहित शर्मा (कप्तान), जसप्रीत बुमराह (उपकप्तान), केएस भरत (विकेटकीपर), शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, ऋतुराज गायकवाड़, केएल राहुल (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद सिराज, मुकेश कुमार और प्रसिद कृष्णा. दोनों टीमों के बीच के मुकाबलें कुल टेस्ट सीरीज- 15अफ्रीकी टीम जीती- 8भारतीय टीम जीती- 4ड्रॉ- 3 ये भी पढ़े- नए साल (NEW YEAR) पर अब लोग नहीं कर सकेंगे आवारा गर्दी
क्रिसमस के दिन लोग कैसे मांगते है सांता से उपहार
क्रिसमस, खुशी, प्यार और देने की भावना से भरा मौसम है, जिसका दुनिया भर के सभी उम्र के लोगों द्वारा बेसब्री से इंतजार किया जाता है। आमतौर पर लोग सांता को पत्र लिखकर उनसे अपनी पसंद के उपहार मांगते हैं। यह जादुई कार्य अक्सर सांता को पत्र लिखने की सदियों पुरानी परंपरा के माध्यम से किया जाता है, जिससे उत्तरी ध्रुव पर हंसमुख बूढ़े व्यक्ति और उसकी यात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रहे बच्चों के बीच एक आकर्षक संबंध बनता है। ये भी पढ़ें- अब स्कूल अपनी मर्जी से नहीं बना सकेंगे छात्रों को सांता क्लॉज बच्चे अक्सर अपनी इच्छाओं को व्यक्त करते हुए हार्दिक पत्र लिखते हैं और फिर उन्हें या तो उत्तरी ध्रुव को भेज देते हैं या क्रिसमस की पूर्व संध्या पर उन्हें चिमनी के पास रख देते हैं। पत्र लिखने के बाद सांता तक पहुचाने की एक और प्रक्रिया है बच्चे अपना पत्र लिखने के बाद पत्र को अपने मोजे में रख कमरे के बाहर टांग देते है। एैसा माना जाता है कि उस दिन जब बस सो जाते है। उसके बाद सांता क्लॉज़ आते है और पत्र में जो लिखा होता है उस उपहार को कमरे के बाहर रख के चले जाते है। कुछ परिवार एैसे भी है जो अपने बच्चों को क्रिसमस की इच्छा सूची बनाने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं, जिसमें उन उपहारों का विवरण होता है जिन्हें वे प्राप्त करना चाहते हैं। इन सूचियों में बच्चों की पसंदीदा चीजें जैसे खिलौने, किताबें, वीडियों गेम्स, स्टोरी बुक्स,या अन्य बच्चों के उपयोगिक वस्तुएँ शामिल हो सकती हैं। सांता क्लॉज़ को पत्र लिखने की परंपरा बच्चों के लिए अपनी छुट्टियों की शुभकामनाएँ साझा करने का एक आकर्षक और शाश्वत तरीका है। ये भी पढ़ें-शाहरुख खान की नई फिल्म ‘डंकी’ हो रही है बड़ी हिट!