Aayudh

विक्की जैन ने अंकिता और सुशांत के रिश्तें पर उठाए सवाल

विक्की जैन

भारतीय टेलीविजन का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला शो बिग-बॉस का 17वां सिजन चल रहा है। ये दिल, दिमाग और दम के साथ खेला जाने वाला खेल है। बिग बॉस में इस हफ्ते वीकेंड वार एपिसोड काफी रोमांचक चल रहा है। वैसे तो इसे सलमान खान होस्ट करते है लेकिन इस बार सलमान की जगह करण जौहर ने शो को होस्ट किया। करण ने कंटेस्टेंट्स की खूब क्लास लगाई। इस हफ्ते करण जौहर ने ईशा मालवीय और विक्की जैन को निशाने पर लिया। दरअसल शो में विक्की की मां आई थी, उन्होंने विक्की की पत्नी अंकिता को नेशनल टीवी पर सबके सामने बहुत कुछ सुनाया। जिसके बाद करण ने विक्की को बोला आपको अपनी पत्नी का साथ देना चाहिए था। विक्की ने अंकिता से पूछा नाराजगी की वजह करण के जाने के बाद विक्की ने अपनी पत्नी अंकिता से पुछा मेरी मां ने तुमसे एैसा क्या कह दिया है? जिसके बाद अंकिता ने बताया कि- मेरी मम्मी को आपके पापा ने फोन करके कहा था कि क्या आप भी अपने पति को ऐसे ही चप्पल-जूतें फेंककर मारती थीं। साथ यें भी बोला की आपकी औकात क्या है? जिसके बाद विक्की नेशनल टेलीविजन पर अपने माता-पिता को विलेन बनते देख अंकिता को काफी बातें सुनाई। विक्की ने अंकिता से बोला, अगर तुम्हारे माता-पिता ऐसा कुछ तुम्हारे साथ होता देखते तो उनको भी अच्छा नहीं लगता वह भी ऐसा ही बोलते उनको भी ये अच्छा नहीं लगता। विक्की बोले दुनिया वालों के सामने उनकी फैमिली को इगोइस्टिक दिखाया जा रहा है और अंकिता की फैमिली को विक्टिम दिखाया जा रहा है। विक्की ने अंकिता और सुशांत के रिश्ते पर उठाया सवाल आगे विक्की ने अंकिता और सुशांत के साथ रिलेशनशिप पर भी सवाल उठाए। विक्की बोले मुझे तुम्हारे और सुशांत सिंह राजपूत संग पास्ट रिलेशनशिप की वजह से बहुत कुछ झेकना पड़ा। शादी के बाद तुम मेरे घर मेरे माता-पिता के साथ 10 दिन भी नहीं रही, मैं अपने ससुराल जाता हूं तो कभी अमीर दामाद वाला एटीट्यूड नहीं दिखाता, हमेशा एक बेटे की तरह आपके परिवार के साथ रहता हूं। जिसके बाद अंकिता ने विक्की से माफी मांगी, लेकिन विक्की का गुस्सा तब भी कम नहीं हुआ। विक्की बोलें- सॉरी चीजों को रिपेयर नहीं करता है। एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि अंकिता अब विक्की से अलग होने की बात कर रही है। आगे ये देखना है कि अंकिता लोखंडे और विक्की जैन का रिश्ता किस मोड़ पर जाकर रूकता है। ये भी देखें-Bigg Boss 17 : Karan Johar ने लगाई Vicky Jain और Isha Malviya की क्लास।

देश के मशहूर शायर मुनव्वर राणा का दिल का दौरा पड़ने से हुई मृत्यु

मुनव्वर राणा

अगर आपको भी शायरी और ग़जल पसंद है तो आपने ये लाइन जरूर सुनी होगी। माँ के ऊपर लिखी गई इस ग़जल को मशहूर शायर मुनव्वर राणा द्वारा लिखा गया है। मुनव्वर राणा का रविवार रात लखनऊ के पीजीआई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनकी उम्र 71 वर्ष की थी। बताया जा रहा है की वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। लखनऊ के पीजीआई में भर्ती होने से पहले वो मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। जानकारी के मुताबिक मुनव्वर राणा को क्रोनिक किडनी नामक बीमारी थी जिसकी वजह से उन्हे हफ्ते में 3 बार डायलसिस से गुजरना पड़ता था। मुनव्वर को हफ्ते में 3 बार डायलसिस से गुजरना पड़ता था। कुछ दिनों पहले ही डायलिसिस होने के बाद उनके पेट में भीषण दर्द उठा, जिसके बाद उनका मेडिकल टेस्ट कराया गया। जिसमें पता चला कि उनके फेंफड़े में संक्रमण हो गया था। उन्हें निमोनिया के चलते सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। राणा के स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए उनकी बेटी सुमैय्या राणा ने बताया था कि उनके पिता को वेंटिलेटर पर रखा गया है। मुनव्वर को कई बड़े पुरुस्कारों से सम्मानित किया गया है बता दें कि देश के जाने माने शायर मुनव्वर राणा को साहित्य अकादमी और माटी रत्न जैसे पुरुस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उनकी उर्दू के अलावा हिंदी और अवधी में कई रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने कई अलग-अलग शैली में अपनी गजलें पब्लिश की हैं। राणा को उर्दू साहित्य के लिए साल 2014 में साहित्य अकादमी अवॉर्ड और साल 2012 में माटी रत्न सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। अपनी शेरों-शायरी के अलावा राणा अपने सत्ता विरोधी बयानों को लेकर भी चर्चा में बने रहते थे। वह कई बार मोदी और योगी सरकार के फैसलों को लेकर उनकी आलोचना भी कर चुके थे। उन्होंने देश में असहिष्णुता का आरोप लगाते हुए विरोध के रूप में अपना अकादमी अवॉर्ड वापस लौटा दिया था। ये भी देखें-Munawwar Rana Death News : Heart Attack से हुई शायर की मृत्यु। किडनी की भयंकर बीमारी से थे ग्रसित।

आखिर एैसा क्या हुआ जो पैसेंजर ने पायलट को ही जड़ दिए थप्पड़

पायलट

आपको बता दें खराब मौसम के चलते आज कल फ्लाइट और ट्रेन अपने निर्धारित समय से काफी देरी पर चल रही है। खराब मौसम के चलते कई सारी फ्लाईटें और ट्रेन रद्द भी कर दि गई है। इसी बीच एक घटना सामने आ रही है। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रविवार को इंडिगो की फ्लाइट में 13 घंटे की देरी से चल रही थी। जिससे नाराज हो एक पैसेंजर ने पायलट को ही थप्पड़ जड़ दिया। यह घटना सुबह 7:40 बजे दिल्ली से गोवा जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट (6ई-2175) की है। यह फ्लाइट कोहरे के कारण लेट हुई थी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। कौन है वह शक्स जिसने पायलट को जड़ा थप्पड वायरल वीडियो में पीले रंग की हुडी पहने पैसेंजर सीट से उठकर पायलट के पास गया और बिना कुछ पूछे एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया फिर पायलट पर चिल्लाकर बोला- चलाना है तो चल, नहीं तो गेट खोल दे। इसके बाद एयर होस्टेस उसे समझते हुए बोली- सर, यह गलत है। आप ऐसा नहीं कर सकते। फ्लाइट में मौजूद अन्य लोगों ने पैसेंजर की इस हरकत का विरोध किया। घटना के बाद पैसेंजर को विमान से बाहर कर सुरक्षाबलों के हवाले कर दिया गया। पैसेंजर की पहचान साहिल कटारिया के रूप में हुई है। इंडिगो प्रबंधन ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इस मारपीट का वीडियो सामने आने के बाद एक्स पर यूजर्स अपनी प्रतिक्रियाएं देते हुए पैंसेजर का नाम, नो-फ्लाई लिस्ट में डालने को कह रहे है। हमें प्राप्त जानकारी के अनुसार इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6ई-2175 को सुबह 7:40 बजे दिल्ली से गोवा रवाना होनी थी। लेकिन घने कोहरे के चलते उड़ान में लगातार देरी हो रही थी। यह भी कहा गया कि फ्लाइट में देरी पायलट की अदला-बदली के चलते भी हुई है। ये भी पढ़े- Munawwar Rana Death News : Heart Attack से हुई शायर की मृत्यु। किडनी की भयंकर बीमारी से थे ग्रसित।

मान्यता के अनुसार, शंकराचार्य हिंदू धर्म में सर्वोच्च धर्म गुरु के रूप में माने जाते

शंकराचार्य

22 जनवरी का दिन पूरे भारवासीयों के लिए खुशी का दिन है। इस दिन हमारे भगवान राम अपने घर अयोध्या आ रहे है। इस खास मौके पर देश-विदेश से कई बड़ी हस्तीयां अयोध्या राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने आ रही हैं। कुछ एैसे राजनेता या गुरू जन है जो प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं हो रहे हैं। आपको बता दें कि 22 जनवरी को राम लला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में विपक्षी पार्टी के नेताओं के साथ-साथ हमारे चारों शंकराचार्य भी नहीं शामिल हो रहे है। आखिर क्या कारण है कि राम लला के प्राण प्रतिष्ठा में देश के महान गुरू चारों शंकराचार्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में नहीं शामिल हो रहे है। शंकराचार्य हिंदू धर्म में सर्वोच्च धर्म गुरु मान्यता के अनुसार, शंकराचार्य हिंदू धर्म में सर्वोच्च धर्म गुरु के रूप में माने जाते हैं। हिंदू धर्म में शंकराचार्यों को सम्मान और आस्था के साथ देखा जाता है, जिन्हें धार्मिक विचारशीलता के लिए भी जाना जाता है। आदि शंकराचार्य ने हिंदू धर्म के प्रचार प्रसार के लिए चार मठों की स्थापना की, जो धर्म के प्रचार प्रसार में सक्रिय हैं। इन मठों का कार्यक्षेत्र विभिन्न भागों में है, और इनका हिंदू समाज में महत्वपूर्ण स्थान है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तारीख के बारे में जब तय हुई, तो शंकराचार्यों को भी आमंत्रण भेजा गया। शंकराचार्य क्यों नहीं शामिल होंगे प्राण प्रति ज्योतिर्मठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस आयोजन में शामिल नहीं होने का स्पष्टीकरण किया, कहते हैं कि यह शास्त्रों के अनुसार नहीं हो रहा है। इसी बीच श्रृंगेरी मठ की ओर से एक संदेश आया है। शंकराचार्य भारतीतीर्थ की तस्वीर के साथ एक पोस्ट शेयर हो रहा है, जिससे ये महसूस होता है कि श्रृंगेरी शंकराचार्य प्राण प्रतिष्ठा का विरोध कर रहे हैं. लेकिन ऐसा कोई संदेश शंकराचार्य की ओर से नहीं दिया गया है. ये गलत प्रचार है. विभिन्न मठों के शंकराचार्यों के बयानों से यह दिखता है कि उनमें एकमत है। ये भी पढ़े- किसके कहने पर पंडित प्रदीप मिश्रा मे छोड़ी शिक्षक की नौकरी वहीं शारदापीठ के शंकराचार्य की ओर से भी इस बारे में सोशल मीडिया पर बयान साझा किया गया है। इस बयान में कहा गया है- ”शंकराचार्य सदानंद महाराज की ओर से कोई बयान प्रसारित नहीं किया गया है. राम मंदिर के लिए हमारे गुरुदेव ने कई कोशिशें की थीं, 500 साल बाद ये विवाद खत्म हुआ है।” साथ ही बयान में कहा गया है कि हम चाहते हैं कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह वेद, शास्त्र, धर्म की मर्यादा का पालन करते हुए हो। हालांकि इस बयान में भी नहीं बताया गया है कि द्वारका मठ के शंकराचार्य ख़ुद प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे या नहीं? ये भी पढ़े- जानिए पंडित धीरेंद्र शास्त्री से जुड़ी कुछ खास बातें

किसके कहने पर पंडित प्रदीप मिश्रा मे छोड़ी शिक्षक की नौकरी

पंडित प्रदीप मिश्रा

एक लोटा जल सभी समस्याओं का हल ये लाईन तो अब तक आपने कई बार सुन ही ली होगी। साथ ही ये लाईन बोलने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा को भी आप जानते ही होंगे। पर आज हम इस वीडियो में आपको मिश्रा जी के उपाय नहीं बताने वाले हैं बल्की खुद पंडित प्रदीप मिश्रा के बारे में ऐसी बाते बताएंगे जो हर कोई जानना चाहता है। पंडित प्रदीप मिश्रा का जीवन काफी रहस्यों से भरा है। बतादें कि शिवपुराण कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का बचपन ऐसे हालातों में बीता कि आज भी उसे याद कर मिश्रा जी की आँखे भर आती हैं। कितना कष्ठ भरा था प्रदीप मिश्रा का बचपन मिश्रा जी का जन्म 1980 में सीहोर में हुआ था। वह आठ भाई बहन थे जिनको पालने के लिए पिता रामेश्वर दयाल मिश्रा चने और चाय का ठेला लगाते थे। ठेला लगाने के लिए कोई निश्चित ज़मीन ना होने के कारण अक्सर पिता की पुलिस द्वारा पर्ची काट दी जाती थी जिसके कारण 100, 200 रूपए तो पुलिस ही ले लेती थी। टीन के मकान में रहते हुए उन्होंने अपना बचपन बिताया है। बतादें कि मिश्रा जी ने अपनी ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई पूरी की जिसके बाद उन्होंने शिक्षक की नौकरी में अपना हाथ आज़माया। बचपन से ही प्रदीप मिश्रा को भजन किर्तन करना पसंद था मिश्रा जी को बचपन से ही भजन किर्तन में रूचि थी जिसको देखते हुए उनके ही शहर की गीता बाई नामक एक महिला ने उन्हें सबसे पहले कथावाचक बनने के लिए प्रेरित किया था। जिसके बाद महिला के कहने पर मिश्रा जी ने इंदौर में रहने वाले श्री विठलेश काकाजी से दीक्षा ली और पुराणों का ज्ञान प्राप्त किया। सीहोर वाले पंडित जी खुद बताते हैं कि जब उन्होंने पहली बार कथा वाची तो उनके पास केवल दो धोती थी। एक जो कथा करवाने वाले ने दी थी और दूसरी जो गुरू दीक्षा के समय उनके गुरू ने उन्हें प्रदान की थी। उस समय उन्हें कथा सुनाने के केवल 51 रूपए प्रप्त हुए थे। वर्तमान में प्रदीप मिश्रा सबसे बड़े शिवपुराण कथावाचक है शंकर भगवान के भक्त इनकी कथा सुनने के बाद अपनी बड़ी से बड़ी समस्या भूल जाते हैं। ये भी देखें – Premanand Ji Maharaj के अद्भुत विचार, सुनकर हो जाएंगे प्रसन्न। Hit Premanand Ji Maharaj, Radhe Radhe

जानिए पंडित धीरेंद्र शास्त्री से जुड़ी कुछ खास बातें

पंडित धीरेंद्र शास्त्री

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ये नाम उस इंसान का है जिसे हर कोई बागेश्वर बाबा के नाम से जानता है। मध्य प्रदेश के रहने वाले धीरेंद्र शास्त्री को उनके भक्त भगवान हनुमान जी का अवतार मानते हैं। इसी के चलते मध्य प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में अपने चमत्कारों के चलते चर्चा में बने रहते है। भारतीय कैलेण्डर के हिसाब से इनका जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ागंज के एक छोटे से गाँव में हुआ था। बागेश्वर धाम मंदिर भी यहीं स्थित है, जिसके नाम से इनको जाना जाता है। बता दें धीरेंद्र शास्त्री एक कथा वाचक है। बागेश्वर सरकार जब 9 साल के थे तभी अपने दादा के साथ कथा सुनने जाते थे। दरअसल धीरेंद्र शास्त्री के दादा गुरू भगवान दास गर्ग भी मंगलवार और शनिवार को प्रवचन कहते थे और दिव्य दरबार लगाते थे, उस समय शास्त्री 9 साल के थे जब अपने दादा के साथ दरबार में जाने लगे। शास्त्री के पिता रामकृपाल गर्ग अपने जीवन में कोई कार्य नहीं करते थे वह नशे जैसी बुरी आदतों के आदि थे। इनकी माता सरोज गर्ग एक साधारण ग्रहणी है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहां से पूरी की अपनी पढ़ाई धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी शुरूआती पढ़ाई गढ़ा गाँव ही की थी। इन्होंने केवल 12 वीं तक ही पढ़ाई की है। इसके बाद वह अज्ञातवास के लिए चले गए थे। वापस लौटने के बाद धीरेंद्र शास्त्री लोंगो के मन की बात पढ़ने लगे। वर्तमान समय में धीरेंद्र शास्त्री की आयु 27 साल है और अब ये मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में पड़ने वाले प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थल बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर तथा पुजारी हैं। इनके दर्शन के लिए देश के कोने -कोने से कई श्रद्धालु छतरपुर जाते हैं और अपनी अर्जी लगाते हैं। जिसके बाद ये अपनी दिव्य शक्ति से लोगों के मन की बात जानकर इसे एक पर्ची पर लिखते है। ये भी देखें-Bageshwar Dham के Pandit Dhirendra Shastri ने उठाया बड़ा कदम, इस तरह से रख दी Hindu Rashtr की नीव।

प्रियंका चोपड़ा की बेटी से जुड़ी बड़ी खबर आई सामने

प्रियंका चोपड़ा

बॉलीवुड की फेमस एक्ट्रेस और ग्लोबल स्टार प्रयिंका चोपड़ा फिल्मों के साथ-साथ अपनी रियल लाइफ को लेकर भी काफी खबरों में छाई रहती है। प्रियंका चोपड़ा ने साल 2018 में हॉलीवुड के फेमस सिंगर निक जोनस से शादी की थी। राजस्थान के उदयपुर में दोनों ने शादी की थी। शादी के चार साल बाद प्रियंका सरोगेसी की मदद से एक प्यारी सी बेटी की मां बनी जिसका नाम मालती मैरी जोनस है। जन्म के समय प्रियंका और निक जोनस की बेटी मालती प्रीमैच्योर थी। जिसके कारण उनको 3 महिनें तक अस्पताल में ही रखा गया था। अब मालती 2 साल की हो गई है और वह काफी फिट है। छोटी बेबी मालती अक्सर अपने माता-पिता के साथ सोशल मीडिया पर छाई रहती है। आपको बता दें कि प्रियंका ने अपनी बेटी मालती मैरी जोनस की पहली सेल्फी सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा की, ये है उनकी पहली सेल्फी। 2 साल की मालती ने पहली बार खुद से सेल्फी ली है। जिसे देखने के बाद मां प्रियंका के साथ-साथ फैंस भी काफी खुश नजर आ रहे हैं। मालती की तीन फनी सेल्फी देखते हुए फैंस ने मजेदार कमेंट्स किए। फोटोज पर एक यूजर ने लिखा, ‘ उसकी छोटी-छोटी चोटी तो देखो, फिर दूसरे ने लिखा,’वो भी अपनी मां प्रियंका की तरह सेल्फी क्वीन है। प्यारी सी मलती की अपनी खुद की फैन फॉलोइंग काफी बड़ी हैं। मैरी जोनस की फोटो हमेशा सोशल मीडिया पर छाई रहती है। ये भी पढ़े- 32 साल से रामलला की सेवा करने वाले महंत ने चुना राम मंदिर का मुख्य पुजारी

एक्टर संजय दत्त ने बिहार के गया में किया माता-पिता का पिंड दान

संजय दत्त

संजय दत्त हाल ही में बिहार के ‘गया’ गए थे और वहां अपने स्वर्गीय माता-पिता के पिंड दान कराए. पिंड दान करीने के बाद अपने माता-पिता की आत्मा की शांति के लिए भगवान से कामना भी की. इसी बीच मीडिया से बातचीत करते समय उन्होंने बताया कि वह अयोध्या के राम मंदिर भी जाना चाहते है. संजु, जो एक प्रमुख बॉलीवुड एक्टर हैं, और जाने-माने एक्टर सुनील दत्त और नरगिस के बेटे संजय अक्सर ही चर्चा में रहते हैं. ये भी पढ़े- शाहरूख खान ने कितनी मुश्किलों से बचाया था आर्यन को ड्रग केस से गया से मुन्ना भाई की तस्वीरें आई हैं, जहां उन्हें सफेद धोती और कुर्ता पहने देखा जा सकता है. गले में गमछा डाले हुए, संजय दत्त पंडितों के साथ पूजा करते हुए नजर आए. इस दौरान, गया की फल्गु नदी, विष्णुपद मंदिर और अक्षय वट वृक्ष पर पिंड दान करने में उन्होंने दो घंटे बिताए. गुरुवार को पिंड दान करने के बाद, संजय दत्त ने मीडिया से बातचीत में राम मंदिर जाने की इच्छा जताई. अयोध्या जाने के बारे में मीडिया ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘क्यों नहीं जाएंगे, जरूर जाएंगे.’ इसके साथ ही संजु ने ‘जय भोले’ और ‘जय श्री राम’ का नारा भी लगाया. उनकी फिल्म ‘द वर्जिन’ ट्री जल्द ही रिलीज होने वाली है, जिसमें मौनी रॉय, सनी सिंह और पलक तिवारी भी होंगे. संजय दत्त की आगामी फिल्म ‘वेलकम टू द जंगल’ में भी वह, अक्षय कुमार के साथ नजर आएंगे, जो 20 दिसंबर 2024 को रिलीज होगी. ये भी पढ़े- Shahrukh Khan ने बेटे Aryan Khan के बारे में पहली बार की बात। बताया कितना मुश्किल था ड्रग केस।

विधायक कमलेश्वर डोडियार ने दिया विधानसभा में हैरान कर देने वाला भाषण

विधायक कमलेश्वर डोडियार

आज हम उस विधायक के बारे में बात करेंगे जिन्होंने हमेशा से आदिवासी जनजाति के लिए कार्य किया है। जिसने विधानसभा में तो जीत हासिल की ही लोकसभा में भी हर हालात में जीतने का दावा किया ये विधायक कभी बाईक से हजारों किलोमीटर का सफर तय करते देखे जाते है तो कभी अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते। अब तक तो आप समझ ही गए होंगे हम बात कर रहे है, भारत आदिवासी पार्टी के विधायक और मध्यप्रदेश के सबसे गरीब विधायक कमलेश्वर डोडियार की जो एक लम्बी यात्रा के बाद अपना सफर पूराकर विधानसभा में पहुचे है। विधानसभा में कमलेश्वर डोडियार द्वारा दिया गया भाषण एक बार आप सभी को सुनना चाहिए। कमलेश्वग डोडियार ने बताया कि मैं ना तो सत्ता पक्ष से आया हुं और ना ही विपक्षी पार्टी से आया हुं मैं एक बीच के रास्ते से आया हुं और लोगों की भलाई करना चाहता हुं। कमलेश्वर डोडियार पश्चिम मध्यप्रदेश के रतलाम जिले सैलाना से विधायक के रूप में चुने गए है। आगे का भाषण देते हुए कमलेश्वर डोडियार ने बताया कि मैं आदिवासी इलाके से चुनकर आया हुं। महोदय अब मैं बीच के रास्ते से निकलना चाहता हुं ताकि लोगों का भला हो सके। मैं ये कहना चाहता हुं की आदिवासी जनजाति के लोगों की जमीनों पर व्यापार करने से पहले उनकी आजीविका का इंतज़ाम किया जाए। ये भी पढ़े- कौन है मुन्नन खाँ जिसने सत्ता का गलत इस्तेमाल कर कारसेवकों की करी हत्या पढ़े कमलेश्वर डोडियार का भषण आज मुझे ये बात रखने का अवसर मिला है। आदिवासी इलाके में जो बड़े-बड़े तालाब बनाए जा रहे हैं और जो बड़े-बड़े डैंम बनाए जा रहे हैं। मेरा कहना है कि तालाब और डैम छोटे-छोटे बनाए जाए जिससे आदिवासी लोगों की जमीने ज्यादा ना जाए। जिन गरीब, अनपढ़ और आदिवासी लोगों की जमीनों पर ये कार्य किए जा रहे है उन लोगों की आजीविका की व्यवस्था की जाए ताकि वह बाहर के प्रदेशों में जाकर ना भटके। इसके आगे कमलेश्वर डोडियार ने महोदय से कहा कि आदिवासी इलाके में शराब पूरी तरह से बंद कर देनी चाहिए। आदिवासी लोगों के शराब पीने से लोंगो की जिन्दगियां बर्बाद हो रही हैं। इसी लिए मैं चाहता हुं कि आदिवासी इलाके में शराब ही ना बेचा जाए। आदिवासी इलाकों में जो स्कूल है उनकी व्यवस्था सुधारी जाए ताकि हमारे बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सके। ये भी पढ़े- शाजापुर में राम फेरी पर पथराव करने वालों पर हुआ बड़ा एक्शन

प्रेमानंद महाराज ने बताया ज्यादा विचार ना करे सब प्रभु के भरोसे छोड़ दें

प्रेमानंद महाराज

एक बार फिर हम प्रेमानंद महाराज के अद्भूत विचारों के साथ आपके समक्ष पधारे है। जैसा की आप सभी को पता है कि महाराज हमेशा भगवान की भक्ती में डुबे रहते है। इस बार उनका कहना है कि मनुष्य अपने जीवन में जो कुछ भी करता है सदैव वह भगवान की मर्ज़ी से ही करता है। इंसान जो कुछ भी करता है भगवान की शक्ति से ही करता है। करवा भी वही रहे है, और कार्य करने का सामर्थ्य भी वही दे रहे है। मनुष्य को कभी भी किसी भी अच्छे विचार या अच्छी क्रिया में अपने को भुल कर भी कर्ता नहीं मानना चाहिए। एैसा करने से बुरी क्रिया कभी होगी ही नहीं। यदि क्रियाओं के कर्ता आप बनोगे तो बुरी क्रियाओं से बच नहीं सकते है। अगर आप कोई अच्छा कार्य करते समय यह सोचते है कि ये कार्य प्रभु करा रहे है तो आप बुरी क्रियाओं का संकल्प भी नहीं करेंगे। मनुष्य को हर समय प्रभु के सामने कृतज्ञ रहना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को अपने भविष्य या वर्तमान को लेकर ज्यादा विचार नहीं करना चाहिए। आपके विचार करने से कुछ नही बदलने वाला क्योंकि प्रभु ने पहले से ही सब कुछ लिख दिया है। महाराज का कहना है कि कभी भी जीवन में मुश्किल परिस्थिति से उबना नही या घबराना नहीं चाहिए। ये भी पढ़े- क्यों भोगने पड़ते हैं पूर्व जन्मों के पाप ‘प्रेमानंद महाराज’ ने बताए इसके उपाय हमेशा अपने भगवत विश्वास पर भरोसा रखना चाहिए। इंसान को कभी भी अपने भगवत विश्वास में कमी नहीं आने देनी चाहिए। प्रेमानंद महाराज का कहना है कि अगर भगवान ने आपके जीवन में दुख लिखा है तो एक सुबह के बाद जरूर आपके जीवन में सुख आएगा। आपके जीवन में कितना सुख है और कितना दुख है ये सब पहले से लिखा हुआ है। वह भगवान है उनको सब चीजों का ज्ञान है। उनका सब पता है किसे क्या देना है किसे क्या नहीं। बस आपको प्रभु के निर्णय पर विश्वास रखना है। अपने दुखों से हार नहीं मानना है। सभी परिस्थितियों से मुक्ति पाने का एक ही उपाय है। प्रभु का नाम जपते रही ये एक ना एक दिन सब ठिक हो जाएगा। ये भी देखें- Bageshwar Dham के Pandit Dhirendra Shastri ने उठाया बड़ा कदम, इस तरह से रख दी Hindu Rashtr की नीव।