सोमवार को मध्य प्रदेश के इंदौर हाईकोर्ट की पीठ ने भोजशाला के एएसआई सर्वे को इजाजत दे दी है। जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और देवनारायण मिश्रा की पीठ ने कहा कि दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों की उपस्थिती में सर्वे होगा। यह सर्वे वैज्ञानिक तरीकों से मस्जिद परिसर के 50 मीटर के दायरे में होगा जिसमें अगर ज़रूरत लगी तो खुदाई भी कराई जाएगी।
भोजशाला में हिंदू पक्ष की याचिका
मध्य प्रदेश के धार में स्थित कमाल मौलाना मस्जिद को लेकर हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद के स्थान पर पहले मां सरस्वती का मंदिर भोजशाला था जिसका निर्माण साल 1034 में राजा भोज ने कराया था। माना जाता है कि भोजशाला का निर्माण राजा भोज ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया था।
हाईकोर्ट ने दी एएसआई सर्वे की मंजूरी
इंदौर की पीठ ने भोजशाला की कार्बन डेटिंग करने और उसका वैज्ञानिक परिक्षण करने की मंजूरी दी जिससे जमीन के नीचे और उपर की संरचना कितनी पुरानी है ये पता चल सके। इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 29 अप्रेल को होगी जिसके पहले एएसआई टीम को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। इसके अलावा सर्वे की वीडियोग्राफी भी कोर्ट को सौंपनी होगी।