ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर वाराणासी कोर्ट ने हिंदु पक्ष में फैसला लिया. कोर्ट ने मस्जिद परिसर के एएसआई(ASI) सर्वे करने की इजाज़त दे दी है. यह फैसला चीफ जस्टिस प्रितिंकार दिवाकर की एकल पीठ द्वारा लिया गया था.
वहीँ दूसरी तरफ फैसले से नाखुश मुस्लिम पक्ष ने अब सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है. कुछ शर्तों के साथ शुक्रवार से यहाँ एएसआई सर्वे की शुरुआत की जाएगी.
ज्ञानवापी का पूरा मामला
गुरूवार को वाराणासी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में ASI सर्वे को मंज़ूरी दे दी है. चीफ जस्टिस ने फैसला लेते हुए इसे ज़रूरी बताया. बता दें फैसला कुछ शर्तों के आधार पर लिया गया है.
इन शर्तों में मस्जिद की इमारतों को नुकसान ना पहुँचाने की बात कही है परिसर में किसी भी प्रकार की खुदाई ना करने की बात भी शामिल है. यानी यह सर्वे पूर्ण रूप से आधुनिक तकनीक के उपकरणों से किया जाएगा.
ASI सर्वे के पक्ष में हिंदुओ की राय
- हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन का कहना है कि कमीशन किसी भी याचिकाकर्ता के अधिकारों का हनन नहीं करता हैं.
- मस्जिद में हिंदू कलाकृतियाँ, संस्कृत के लेख मिले हैं. इसके मूल चित्र को छिपाने के लिए इसे बार बार चित्रित किया गया है.
- सुनवाई के दौरान ASI अधिकारी ने कहा था कि उनका काम है पुरातन स्मारकों की रक्षा करना तो वह ज्ञानवापी मामले में भी ऐसा ही करेंगे और इमारत को कोई नुकसान नहीं होने दिया जाएगा.
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ASI सर्वे के पक्ष में मुसलमानों की राय
- मस्जिद कमिटी का कहना है कि ASI के सर्वे के पक्ष में ना होते हुए भी उसे ऐसा करने पर मजबूर किया गया है.
- कोर्ट का इस्तेमाल ऐसे वादी के लिए नहीं करना चाहिए जिसके पास कोइ सबूत ना हो.
- अगर सर्वे किया गया तो वह मस्जिद परिसर के ढ़ाचे को नुकसान पहुँचा सकते हैं
- जिला कोर्ट ने काफी जल्दबाज़ी की जिसके कारण मुस्लिम पक्ष को फैसले को चुनौती देने तक का समय नहीं मिला.