हम आपको बता दे कि दिल्ली में शरद पवार के निवास पर हुई कई घंटो की बैक के बाद ये तय किया गया था कि चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में इंडिया गठबंधन की पहली बड़ी रैली की जाएगी. उस समय कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने खुद मीडिया से बात करते हुए उस रैली का ऐलान किया था. लेकिन अब कमलनाथ ने साफ इनकार कर दिया है कि जो इंडिया गठबंधन की पहली रैली भोपाल में होने वाली थी, वो कैंसील कर दी गई है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे से बात करने के बाद ही आगे का कोई फैसला लिया जाएगा, अभी बातचीत जारी है. अब इस रैली के कैंसिल होने के बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या इंडिया गठबंधन में सब कुछ ठीक चल रहा है? क्या सौफ्ट हिन्दुत्व की राजनिती करने वाले कमालनाथ इंडिया गठबंधन से दुर भाग रहे है?
क्या इंडिया गठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी करेगा सनातन विवाद
बात यह है कि स्टालिन की पार्टी डीएमके भी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है. उदयनिधि स्टालिन के द्वारा जब सनातन धर्म को डेंगू एवं मलेरिया कहा गया तो सीधे कांग्रेस पर बात आ गई. इसी पे CM शिवराज ने कहा की कांग्रेस में इन दिनों लट्ठम लट्ठ मचा हुआ है. आपस में ही लड़ रहे हैं. कमलनाथ कई बार खुद को सनातनी और हनुमान भक्त बता चुके हैं. कई बड़े धार्मिक आयोजन भी करा चुके हैं, अब इंडिया गठबंधन की रैली होने से जाहिर है इन सारी मेहनत पर असर पड़ता है. फिर रैली कैंसिल होने की जानकारी भी कमलनाथ ने खुद ही दी है.
