Abdul Rehman Death : 31 मार्च 2025 को पाकिस्तान के कराची में एक सनसनीखेज घटना ने सुर्खियां बटोरीं, जब लश्कर-ए-तैयबा के फाइनेंसर और कुख्यात आतंकी हाफिज सईद के करीबी रिश्तेदार अब्दुल रहमान की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना ईद के मौके पर हुई, जब कराची की सड़कों पर दो मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने अब्दुल रहमान पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं।
Abdul Rehman का Hafiz Saeed के साथ गहरा रिश्ता
अब्दुल रहमान को लश्कर-ए-तैयबा के लिए धन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला माना जाता था। अब्दुल का कनेक्शन 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद के साथ भी था, जो भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी है। यह हत्या कराची के एक व्यस्त इलाके में हुई, जहां हमलावरों ने सुनियोजित तरीके से अब्दुल रहमान को निशाना बनाया। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें साफ़ नजर आ रहा है कि हमलावर हमले के बाद मौके से फरार हो गए।
लश्कर-ए-तैयबा के लिए करता था फंडिंग
अब्दुल रहमान का लश्कर-ए-तैयबा के संचालन में अहम योगदान था। वह संगठन के लिए फंडिंग के नेटवर्क को संभालता था, जिससे आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता था। उसकी हत्या को आतंक के खिलाफ एक बड़े प्रहार के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन यह सवाल भी उठता है कि क्या यह हमला किसी आंतरिक विवाद का नतीजा है या फिर किसी बाहरी ताकत की साजिश।
आतंकियों की रहस्यमयी हत्याएं
हाल के महीनों में पाकिस्तान में कई आतंकियों की रहस्यमयी हत्याएं हुई हैं, जिसमें लश्कर और अन्य संगठनों के बड़े नाम शामिल हैं। अब्दुल रहमान की मौत इस कड़ी में एक और नाम जोड़ती है।
यह घटना उस समय हुई, जब हाफिज सईद खुद पाकिस्तान की जेल में कैद है। हालांकि, उसकी गिरफ्तारी के बावजूद लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियां कम नहीं हुई थीं। अब्दुल रहमान जैसे लोग संगठन को आर्थिक रूप से मजबूत करने में जुटे थे। उसकी हत्या से लश्कर के फंडिंग नेटवर्क को गहरा झटका लग सकता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला पाकिस्तान के भीतर आतंकी संगठनों के खिलाफ बढ़ते दबाव का परिणाम हो सकता है, जबकि अन्य इसे आपसी रंजिश या बदले की कार्रवाई मान रहे हैं।
हालांकि, हमलावरों की पहचान और उनके मकसद का खुलासा अभी बाकी है। यह घटना वैश्विक आतंकवाद के बदलते स्वरूप को भी उजागर करती है।
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