Aayudh

यूनियन कार्बाइड के कचरे को तीन चरणों में जलाया जाएगा, 27 फरवरी से शुरू होगा ट्रायल

Union Carbide Plant

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 2 दिसंबर 1984 की आधी रात एक हादसा हुआ। इस हादसे में 2660 निर्दोष लोगों की मौत हुई। 10 हज़ार से अधिक लोग विकलांग हुए। 3 हजार से ज्यादा जानवर मारे गए। तक़रीबन 5 लाख से अधिक लोग एमआईसी के रिसाव से प्रभावित हुए।

1999 में जब अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण संस्था ग्रीनपीस ने प्लांट के आस-पास के इलाकों की जांच की तो पता चला कि यहाँ की जमीन और पानी में प्रदूषित तत्व बड़ी मात्रा में मौजूद हैं।

हाई कोर्ट ने कचरे को जलाने की दी मंजूरी

30 सालों से पड़े यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने कचरे को तीन चरणों में जलाने की अनुमति दी है। कोर्ट ने 30 मैट्रिक टन कचरे के विनष्टीकरण के लिए तीन चरणों में ‘ट्रायल रन’ की मंजूरी दी। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने कचरे के निपटान के लिए 6 सप्ताह का समय मांगा था, जो आज खत्म हो गया।

हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को पहले चरण में 135 किलो वेस्ट प्रति घंटे नष्ट करने की अनुमति दी है। कचरे के विनष्टीकरण का पहला चरण 27 फरवरी से शुरू होगा। दूसरे चरण में 180 किलो वेस्ट और तीसरे चरण में 270 किलो कचरे को नष्ट किया जाएगा।

कचरे को जलाने के लिए जर्मनी था राजी

आपको बता दें कि वर्ष 2007 में गुजरात सरकार ने यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने से इंकार कर दिया था। 2012 में जब राज्य सरकार कचरे को जलाने का प्रस्ताव लेकर नागपुर (DRDO) पहुंची तो वहां भी इस प्रस्ताव से इंकार कर दिया गया। हालांकि जर्मनी की एक कंपनी इसे अपने यहाँ जलाने के लिए तैयार थी, लेकिन अब यह कचरा मध्य प्रदेश और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के नजदीक जलाया जाएगा।

साल 2012 में जर्मन की एक कंपनी ‘GIZ’ इस कचरे को जलाने के लिए तैयार थी, मगर उस वक़्त राज्य सरकार ने मना कर दिया था। बता दें की आज से 12 साल पहले इस कचरे के निपटान में मात्र 23 करोड़ रूपए खर्च होने थे। वर्ष 2025 आते-आते इसके खर्च में भी इजाफा हुआ। अब इसके निपटान के लिए 125 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे।

यूनियन कार्बाइड के इस जहरीले कचरे का निपटान अब इंदौर के नजदीक स्थित पीथमपुर में होगा।

पीथमपुर में हो रहा विरोध

जब प्रदेश सरकार ने यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने के लिए पीथमपुर का चुनाव किया तो लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। आपको बता दें की पीथमपुर एक औद्योगिक क्षेत्र है और फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल के कारण यहाँ वातावरण प्रदूषित हो रहे हैं। ऐसे में यूनियन कार्बाइड का कचरा लोगों के लिए चिंता का विषय बन रहा है।

पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार इस कचरे को जलाने से ऑर्गेनोक्लोरीन बड़ी मात्रा में निकल सकता है। ऑर्गेनोक्लोरीन से तात्पर्य कई तरह के निकलने वाले रसायनों से है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे निकलने वाले तत्व लोगों के साथ-साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाएंगे।

सरकार ने जन जागृति अभियान शुरू किया

प्रदेश सरकार ने कहा है कि यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर लोगों के बीच जो भी गलत जानकारियां पहुंची हैं, हम उसे दूर करेंगे। इसके लिए सरकार और प्रशासन के द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। लोगों को पर्चे वितरित करके जागरूक किया जा रहा है। वहीं नगर निगम और जिला प्रशासन ने वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के जरिए लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने का काम किया है। इसे वैज्ञानिक विधि से जलाने से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा।

Read More : अखिल भारतीय पुलिस वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता का शुभारंभ, CM Mohan Yadav ने दी बधाई

Watch : https://youtu.be/7XtzFEfZ5VU?si=9XaKU3nw7mKvTqrt

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *