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पटवारी भर्ती परीक्षा को आसानी से नहीं मिली क्लीन चिट,ये है बैक स्टोरी

पटवारी भर्ती परीक्षा

मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा पास करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी आ गई है। एक लम्बे इंतजार के बाद पटवारी परीक्षा पास करने वालों की नियुक्ति होने जा रही है। पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली होने का मामले चल रहा था अब उस परीक्षा को क्लीन चिट मिल चुकी है। यानी ये पूरी तरह से साबित हो गया है कि परीक्षा में कोई घोटाला नहीं हुआ है। लेकिन ये साबित साबित होने में क्यों इतना समय लग गया इस बीच ऐसा क्या क्या हुआ जिसे जानना हर व्यक्ति के लिए बेहद ज़रूर।

इस तरह लगा धांधली करने का मामला

नवंबर 2022 में पटवारी परीक्षा के लिए कर्मचारी चयन आयोग की ओर से नोटिस आया था । जिसके बाद 15 मार्च से लेकर 26 अप्रैल तक परीक्षाएं हुई। बतादें कि 12 लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन दाखिल किया था पर केवल 9 लाख 78 हजार 270 उम्मीदवार ही शामिल हुए । 30 जून को रिजल्ट आया इसमें 9200 पदों में से 8617 के परिणाम घोषित किए गए बाकी का रिजल्ट रुक गया। मामला तब गरमा गया जब ग्वालियर के एक सेंटर इनआरआई कॉलेज से 10 में से 7 टॉपर्स के नाम सामने आए जिसके बाद परीक्षा में धांधली होने के सुर उठने लगे।

पटवारी भर्ती परीक्षा में जल्द नियुक्ति

इस दौरान परीक्षा में चयनित न होने वाले परिक्षार्थियों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। जिनका चयन हुआ उन्होंने अपना रिजल्ट रुकने का विरोध करना शुरू कर दिया। विधानसभा चुनाव से पहले छात्रों के ऐसे प्रदर्शन को देखकर तत्काल सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 13 जुलाई को परीक्षा की जांच के निर्देश दे दिए और कमिटी का निर्माण हो गया। आयोग को जांच के लिए पहले 31 अगस्त तक का समय दिया, फिर 31 अक्टूबर, 15 दिसंबर, और फिर मोहन यादव की सरकार में 31, जनवरी तक का समय दिया गया। जिसके बाद अब जाकर नियुक्ति के निर्देश दे दिए गए है और जल्द ही ग्रुप 2 और 4 के रिजल्ट भी घोषित होंगे।

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