भारत का शत्रु गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान के एक अस्पताल में अंतिम सांसें ले रहा है, जहां उसे जहर दिए जाने का दावा किया जा रहा है। एैसी खबर सामने आई है कि दाऊद को जहर उसी के किसी करीबी ने दिया है. दाऊद पिछले 30 सालों से पाकिस्तान में छिपकर बैठा था. दाऊद इब्राहिम, 1993 के मुंबई बम धमाके का आरोपी है और अमेरिका ने भी उसे आतंकी घोषित किया है।
दाऊद का मुख्य ठिकाना कराची के क्लिफ्टन रोड पर स्थित व्हाइट हाउस बंगला है, जहां वह अपने परिवार के साथ रहता है। इसके अलावा, कराची में डिफेंस हाउसिंग कॉलोनी में बंगला नंबर-37 भी है, जो उसका दूसरा ठिकाना है। भारतीय एजेंसियां ने उसकी कॉल डिटेल्स से लेकर उसकी आवाज तक का पता किया है। उसका परिवार हाजी मस्तान गैंग से जुड़ा हुआ था, लेकिन 90 के दशक में उसका नाम मुंबई के अंडरवर्ल्ड में बहुत ही तेजी से उभरा। एस हसन जैदी की किताब ‘डोंगरी टू दुबई’ के अनुसार, यह कहानी 1986 में हुई थी, जब पुलिस ने दाऊद की खोज में आगे बढ़ना शुरू किया था।
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दाऊद और मेहजबीन की शादी के सिरे सप्ताह बाद ही पुलिस ने अंडरवर्ल्ड सदस्यों पर कड़ी कार्रवाई करना शुरू किया था, जिससे दाऊद को समझ में आया कि मुंबई में रहना मुश्किल है। एक रात, क्राइम ब्रांच की टीम ने डी कंपनी के मुख्यालय मुसाफिरखाना में छापा मारा। पुलिस अधिकारी हैरान थे क्योंकि इमारत के लोग कभी भी सोते नहीं थे, खासकर दाऊद के आलीशान ऑफिस के लोग।
क्राइम ब्रांच ने हर कमरे की जाँच की और पुलिस ने उस रात दाऊद के चचेरे-ममेरे भाइयों और उनके गुर्गों को ही गिरफ्तार किया। पुलिस कमिशनर डीएस सोमन ने दाऊद को पकड़ने के लिए त्वरित वारंट जारी किया था, लेकिन दाऊद ने उच्चस्तरीय नेटवर्क के साथ भारत छोड़ने का निर्णय लिया और रातोंरात गायब हो गया। वह बिना पासपोर्ट के दुबई पहुंचा था, क्योंकि उसका पासपोर्ट पहले ही क्राइम ब्रांच की कस्टडी में था.
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