गुरुवार को सिनेमा पर्दों पर रिलीज़ हुई फिल्म “द वैक्सीन वॉर’’ आते ही विवादों में फंस चुकी है. हालाँकि विवेक अग्निहोत्री की ये फिल्म उन भारतीय वैज्ञानिकों पर बेस्ड है जिन्होंने कोवैक्सिन COVID-19वैक्सीन बनाई थी .यह विवाद भारत में फिल्म के रिलीज़ होने से एक दिन पहले से शुरू हुआ है जब कांग्रेस के बड़े सांसद शशि थरूर ने इस कन्वर्सेशन में अपनी इन्टेर्फेरेंस दिखाई
शशि थरूर लेंगे लीगल एडवाइस
एक्स पर ट्वीट करते हुए शशि थरूर ने कहा हाल ही में एक फिल्म के प्रमोशन के दौरान उन पर विदेशी टीकों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है निर्देशक की ओर से प्रचार के लिए यह बेहद ही सस्ता प्रयास किया गया है यह कहते हुए कि उनहोंने कहा वह इसके खिलाफ लीगल एडवाइस लेंगे, थरूर ने कहा कि यह बेहद ही चिंताजनक है क्योंकि अगर किसी झूठ को बार-बार बोला जाए तो वह कहीं न कहीं लोगों के मन में बैठ जाता है और सच मान लिया जाता है इसके लिए मैं लीगल एडवाइस ले रहा हूँ.
बात करे अगर फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री के स्टेटमेंट की तो फिल्ममेकर ने कांग्रेस सासंद शशि थरूर पर सीधे सीधे आरोप लगाए थे कि कोरोना के दौरान संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों ने स्वदेशी टीकों के बजाय विदेशी टीकों को बढ़ावा देने के लिए रिश्वत ली थी. इस दौरान विवेक ने शशि थरूर का भी नाम उस लिस्ट में शामिल किया.
फिल्ममेकर ने लगाया काँगेस नेता पर सीधा आरोप
विवेक ने कहा था कि उन्हें जवान जैसी फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए लोगों द्वारा पैसे लेने पर कोई अप्पत्ति नहीं है क्योंकि वह एक बिज़नेस है लेकिन एक लीडर द्वारा देश के हित के खिलाफ किए जाने वाली गतिविधियों के खिलाफ रिश्वत लेना उसे बढ़ावा देकर गैरकानूनी अपराध करते है.
जब एक जर्नलिस्ट द्वारा उनसे यह सवाल किया गया की वह किसकी बात कर रहे है तो उन्होंने जवाब में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ,यह एक संवैधानिक पद है, श्री शशि थरूर जो एक सांसद सदस्य है यह भी एक संवैधानिक पद है .जब उन्हें कहा गया की वह इन बड़े नेताओं पर रिश्वत का आरोप लगा रहे है तो उन्होंने कहा कि वे सिर्फ सच बोल रहे हैं .
इस फिल्म में बड़े बड़े दिग्गज अभिनेता नाना पाटेकर, पल्लवी जोशी, राइमा सेन, अनुपम खेर, गिरिजा ओक, निवेदिता भट्टाचार्य, सप्तमी गौड़ा और मोहन कपूर लीड रोल में हैं.
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