भारतीय स्टार्टअप, दुकान के CEO ने कुछ दिनों पहले AI चैटबॉट के बदले अपने कंपनी के 90% कर्मचारियों को निकाल दिया।
भारत: दुकान एक बेंगलुरु स्थित ई-कॉमर्स कंपनी है जिसके CEO सुमित साह है।
भारतीय स्टार्टअप, दुकान के CEO सुमित साह ने कुछ दिनों पहले एक ट्वीट कर बताया की उन्होंने अपने कंपनी के 90% कर्मचारियों को निकाल दिया। और उसे एक AI चैटबॉट से बदल दिया।

AI चैटबॉट के फायदे
ये AI सॉफ्टवेयर शुरुआती ग्राहक प्रश्नों का तुरंत उत्तर दे सकता है, जबकि उसके कर्मचारियों की पहली प्रतिक्रियाएँ औसतन 1 मिनट और 44 सेकंड के बाद भेजी जाती थीं।
उन्होंने ट्वीट किया, चैटबॉट से बातचीत करने पर ग्राहक की समस्या को हल करने में लगने वाला औसत समय भी लगभग 98% कम हो गया।
इसे फर्म के डेटा वैज्ञानिकों में से एक द्वारा बस दो दिनों में बनाया गया था।
उनका कहना है की ऐसा करना बहुत मुश्किल था पर जरूरी भी।
“अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए, स्टार्टअप ‘यूनिकॉर्न’ बनने के प्रयास के बजाय ‘लाभप्रदता’ को प्राथमिकता दे रहे हैं, और हम भी ऐसा ही कर रहे हैं।”
और इसे इसकी दक्षता को कम निवेश मे बढ़ाने से संभव हो सकता है।
क्या थी दिक्कतें?
शाह ने कहा, टेक्नॉलजी का उपयोग करके, कंपनी ने अपने ग्राहक सहायता कार्य की लागत में लगभग 85% की कटौती की है। उन्होंने कहा कि व्यवसाय का यह हिस्सा लंबे समय से समस्याग्रस्त रहा है, जिसमें अन्य मुद्दों के अलावा देरी से प्रतिक्रिया और महत्वपूर्ण समय पर कर्मचारियों की सीमित उपलब्धता शामिल है।
नौकरियों का भविष्य कैसा होगा?
दुकान अभी भी कई भूमिकाओं के लिए भर्ती कर रहा है। फर्म की वेबसाइट के अनुसार, रिक्त पदों में इंजीनियरिंग, मार्केटिंग और बिक्री की भूमिकाएँ शामिल हैं।
छंटनी की खबरें ऐसे समय में आई हैं जब Open AI द्वारा अपने AI-संचालित चैटबॉट ChatGPT को जनता के लिए जारी करने के आठ महीने बाद यह आशंका बढ़ गई है कि AI के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर नौकरियां जाएंगी।
World Economic Forum ने अपनी 'Future of Jobs' रिपोर्ट में कहा है, लगभग 23% नौकरियाँ बाधित होंगी, कुछ ख़त्म हो जाएँगी और कुछ सृजित हो जाएँगी। महत्वपूर्ण रूप से, WEF को उम्मीद है कि पाँच वर्षों में कुल मिलाकर 14 मिलियन कम नौकरियाँ होंगी, क्योंकि अनुमानित 83 मिलियन भूमिकाएँ गायब हो जाएँगी, जबकि केवल 69 मिलियन ही उभरेंगी।
ये भी पढ़ें: पाकिस्तान में 150 साल पुरानी मरी माता मंदीर क्यों गिराया गया?