मध्यप्रदेश के इंदौर मे सामाजिक संगठन आरएसएस की छवि बिगाड़ने एक फेक वीडियो वायरल किया गया मामले का खुलासा होने पर वीडियो को वायरल करने वाले मीडिया संस्थानों और कुछ अन्य लोगों पर सख्त एक्शन लिया गया। इंदौर मे ये पहली बार नहीं है जब आरएसएस या बजरंगदल के खिलाफ ऐसा कुछ हुआ हो इसके पहले भी कई बार इन सामाजिक संगठनों पर कुछ असामाजिक तत्वों ने झूठे इल्जाम लगाए हैं. कर्नाटक मे जहाँ बजरंगदल पर सवाल उठे तो वहीं अब मध्यप्रदेश के इंदौर मे कई बार दोनों ही संगठनों से जुड़ी झूठी खबरे फैलाकर उनकी छवि बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।
इंदौर मे कुछ मीडिया संस्थानों और ट्विटर, फेसबुक हैन्डल द्वारा एक वीडियो वायरल किया जा रहा था जिस पर दावा किया जा रहा था कि आरएसएस का पदाधिकारी स्पा चला रहा है जिसमे गलत काम भी किए जा रहे हैं । वीडियो फेक निकला तो वीडियो को वायरल करने वालों के खिलाफ FIR कराई गई ।
क्या है वायरल वीडियो का पूरा सच
मध्यप्रदेश के इंदौर में कुछ मीडिया संस्थानों ने एक फेक वीडियो वायरल किया जिसमे ये दिखाया गया कि सामाजिक संगठन आरएसएस के पदाधिकारी एक स्पा चलाते हैं जिसमे गलत काम किया जाता है । वीडियो कि जांच में पता चला कि वीडियो मे जिस शख्स का नाम बताया गया इस नाम का आरएसएस पदाधिकारी मध्यप्रदेश में कहीं भी नहीं है ।
वीडियो के सच के सामने आने के बाद पता चला कि वीडियो कहीं और का है और इसका आरएसएस से कोई संबंध नहीं है । वायरल वीडियो को देख कई आरएसएस समर्थकों और स्वयंसेवकों की भावनाओं को ठेस पहुंचा जिसके बाद शासकीय अधिवक्ता राजेश जोशी ने केस किया । FIR में कुछ मीडिया संस्थानों ,उनके संचालकों के साथ ट्विटर और फेसबुक हैन्डल के भी नाम हैं.
इन मीडिया संस्थानों पर हुई FIR
FIR में कुछ मीडिया संस्थानों ,उनके संचालकों के साथ ट्विटर और फेसबुक हैंडल के भी नाम हैं. ये नाम हैं न्यूज नशा (वेब पोर्टल ),एनकाउंटर (वेब पोर्टल ), जनविचार संवाद (फेसबुक समूह ) , भाविका कपूर और अनुज यादव (ट्विटर हैंडल ) ,पीयूष अहीर (फेसबुक प्रोफाइल)। ये सभी लोग फेक वीडियो को वायरल करने मे शामिल हैं । इनका सीधा उद्देश्य बताया जा रहा है कि ये आरएसएस और बजरंगदल जैसे सामाजिक संगठानों कि छवि समाज के बिगाड़ना चाह रहे थे ।
पहले भी की गईं कई कोशिशें
इंदौर में ये पहली बार नहीं हुआ कि जब हिंदूवादी संगठन जैसे आरएसएस और बजरंग दल की छवि खराब करने की कोशिश की गई है, इसके पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है । जहाँ एक ओर राजनीतिक पार्टियां बजरंगदल पर सियासत कर रही थी वही दूसरी ओर कई असामाजिक तत्व आरएसएस पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं ।
इंदौर मे बीते दिन कुछ मुस्लिम युवकों द्वारा ऐसे पर्चे बाटे गाए थे जिसमे राष्ट्रीय स्वयं सेवक पर आरोप लगा कि वो हिन्दू लड़कों को मुस्लिम लड़कियों को फ़साने कि बात कहते हैं इतना ही नहीं बल्कि उन्हे ट्रैनिंग भी देते हैं इसका नाम उन्होंने हैशटैग भगवा ट्रैप रखा । इंदौर मे ही एक घटना और हुई जिसमे जब एक ऑटो के पीछे आरएसएस लिखा हुआ था तो उसके मालिक को बेरहमी से पीटा गया और अब आरएसएस के कार्यकर्ताओं के नाम पर फेक वीडियो वायरल किया जा रहा था ।