Highlight
- भोपाल में SIR प्रक्रिया के तहत 4.40 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम पहली संशोधित वोटर लिस्ट से हटेंगे।
- 1.21 लाख ‘नो मैपिंग’ वोटर्स को नोटिस दिए जाएंगे, जिन्हें 50 दिन में दस्तावेज पेश करने का मौका मिलेगा।
- जांच में 33 हजार से अधिक मृत वोटर्स पाए गए, जबकि एब्सेंट, शिफ्टेड और डबल वोटर्स के नाम भी काटे जाएंगे।
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में भोपाल में बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए जाने की तस्वीर साफ हो गई है। शहर के करीब 4 लाख 40 हजार से ज्यादा वोटर्स पहली संशोधित मतदाता सूची में शामिल नहीं होंगे।
79% मतदाता ही हो पाए मैप
SIR प्रभारी भुवन गुप्ता के अनुसार भोपाल में कुल 21 लाख 25 हजार मतदाता हैं, जिनमें से सिर्फ 79 प्रतिशत का ही पुराने रिकॉर्ड से मिलान हो पाया है। बाकी मतदाता या तो अपने पते पर नहीं मिले या फिर शिफ्ट हो चुके हैं।
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‘नो मैपिंग’ वाले 1.21 लाख वोटर्स
सबसे बड़ी चिंता का विषय 1 लाख 21 हजार मतदाता हैं, जिनका 2003 की मतदाता सूची से कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। इन्हें ‘नो मैपिंग’ श्रेणी में रखा गया है। इन सभी को नोटिस भेजे जाएंगे और 50 दिन के अंदर जरूरी दस्तावेज पेश करने का मौका मिलेगा।
33 हजार से ज्यादा मृत मतदाता
जांच में यह भी सामने आया कि 33 हजार से ज्यादा मतदाता मृत हो चुके हैं। इनके नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाएंगे। इसके अलावा एब्सेंट, शिफ्टेड और डबल वोटर्स भी सूची से बाहर होंगे।
वार्ड स्तर पर होगी सुनवाई
23 जनवरी से 16 फरवरी तक वार्ड स्तर पर रोजाना सुनवाई होगी। सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी मतदाताओं की आपत्तियां सुनेंगे। हर वार्ड में प्रतिदिन करीब 50 मामलों की सुनवाई की जाएगी।
मतदाताओं से अपील
प्रशासन ने अपील की है कि जिन्हें नोटिस मिले, वे समय पर आधार कार्ड, राशन कार्ड जैसे दस्तावेज लेकर सुनवाई में पहुंचें, ताकि वोट देने का अधिकार सुरक्षित रह सके।
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