मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में रबी सीजन के बीच यूरिया खाद की किल्लत ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। खिलचीपुर की सहकारी विपणन समिति कार्यालय के बाहर शुक्रवार को किसानों की मजबूरी साफ नजर आई। सुबह से ही किसान आधार कार्ड और जमीन के दस्तावेजों की फोटोकॉपी लेकर पहुंच गए और उन्हें खिड़की पर डोरी से बांध दिया। यह दृश्य मंदिरों में मन्नत बांधने जैसा लग रहा था, फर्क सिर्फ इतना था कि यहां किसान खाद मिलने की उम्मीद कर रहे थे।
सुबह 8 बजे से किसानों की भीड़ लगनी शुरू हो गई। महिलाएं और बुजुर्ग भी लाइन में खड़े दिखे। कई किसानों ने अपनी पर्चियां जमीन पर रखकर पत्थरों से दबा दी, ताकि हवा से उड़ न जाए। 10 बजे तक पर्चियों की लाइन खिड़की से सड़क तक फैल गई। भीड़ बढ़ने पर व्यवस्था संभालने के लिए दो पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया।
READ MORE: कोलकाता में मेसी की झलक न मिलने पर भड़के फैंस, स्टेडियम में की तोड़फोड़; वीडियो वायरल
देहरा गांव के किसान राम नारायण तंवर ने बताया कि वे चार दिनों से रोज समिति आ रहे हैं, लेकिन यूरिया नहीं मिल पा रहा। उन्होंने कहा कि खिड़की देर से खुलती है और जब नंबर आता है तो स्टॉक खत्म होने की बात कही जाती है। मजबूरी में किसान रात में ही पर्चियां बांधकर चले जाते हैं, ताकि नंबर सुरक्षित रहे।
किसानों का कहना है कि खाद मिलना अब मन्नत पूरी होने जैसा हो गया है। वहीं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के.के. जाटव ने बताया कि एक दिन सप्लाई न आने से परेशानी बढ़ी थी। अब तीन गाड़ियां यूरिया की पहुंच चुकी हैं और स्थिति सामान्य हो रही है। फिलहाल एक आधार कार्ड पर दो बोरी यूरिया दी जा रही है और सभी किसानों को खाद उपलब्ध कराई जाएगी।
READ MORE: शिवराज की सुरक्षा बढ़ाने पर सियासी बवाल, कांग्रेस ने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया