मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व (PTR) में मंत्रियों को बाघ दिखाने का मामला विवादों में आ गया है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें कथित तौर पर दो हाथियों की मदद से बाघ का रास्ता रोककर जिप्सी में सवार मंत्रियों को बाघ दिखाया गया। इस मामले की शिकायत नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) से की गई है।
आज प्रातः पन्ना टाइगर सफ़ारी में मा. मंत्री श्री @prahladspatel जी के साथ भ्रमण का अनुभव अत्यंत रोमांचक, आकर्षक और आनंददायक रहा। यह मेरे जीवन का पहला जंगल सफारी का अनुभव था। प्रकृति की गोद में चीतल, सांभर, शेर व अन्य वन्यजीवों को नजदीक से देखना अत्यंत आनंददायक एवं शिक्षाप्रद था। pic.twitter.com/8o3rW2d8sU
— Lakhan Patel (@Lakhan_BJP) December 9, 2025
यह मामला तब सामने आया, जब राज्यमंत्री लखन पटेल ने 9 दिसंबर को खुद वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया। वायरल वीडियो और स्थानीय जानकारी के अनुसार, गश्ती दल के दो हाथियों ने बाघ को घेर रखा था और करीब 10 मिनट तक मंत्रियों ने बाघ का दीदार किया। इस सफारी में प्रहलाद पटेल, विजय शाह, इंदर सिंह परमार, लखन पटेल और दिलीप अहिरवार शामिल थे।
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वन्यजीव एक्टिविस्ट अजय दुबे ने NTCA को भेजी शिकायत में इसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और वन्यजीव संरक्षण नियमों का उल्लंघन बताया है। उनका कहना है कि मंत्रियों की सफारी के दौरान नियमों की अनदेखी की गई और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं, पन्ना टाइगर रिजर्व का प्रबंधन इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है। अधिकारियों ने इतना जरूर कहा है कि हाथियों के जरिए बाघ की निगरानी की जा रही थी, लेकिन पूरे प्रकरण पर आधिकारिक बयान का इंतजार है।
इस मामले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए दोषी मंत्रियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि बाघ को हाथियों से घेरना वाइल्ड लाइफ एक्ट का गंभीर उल्लंघन है। वहीं, बीजेपी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
अब NTCA द्वारा संज्ञान लेने के बाद इस मामले में पर सबकी नजरें टिकी हैं।
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