लोकसभा के शीतकालीन सत्र के सातवें दिन चुनाव सुधार और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आरएसएस देश की ज्यादातर संस्थाओं पर कब्जा करना चाहती है और इसी कोशिश के तहत चुनाव आयोग, ED, CBI, IB और इनकम टैक्स जैसे विभागों का राजनीतिक उपयोग किया जा रहा है।
राहुल ने कहा कि चुनाव आयोग को कमजोर किया जा रहा है, ताकि चुनाव के दौरान बीजेपी इसका फायदा ले सके। उन्होंने दावा किया कि देश के विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलरों की नियुक्ति भी योग्यता के आधार पर नहीं, बल्कि संघ से जुड़ाव देखकर हो रही है।
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बहस की शुरुआत में राहुल गांधी ने खादी और देश की एकता का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत कई धागों से बना एक कपड़े की तरह है, जहां सभी लोग बराबर और महत्वपूर्ण हैं। इसके बाद जब वे आरएसएस का मुद्दा उठाने लगे, तो स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोका और कहा कि वे केवल चुनाव सुधार पर ही बात करें। स्पीकर ने साफ कहा कि नेता प्रतिपक्ष होना यह नहीं देता कि वे विषय से हटकर कुछ भी बोलें।
इस दौरान सदन में हंगामा भी हुआ। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वे राहुल गांधी को सुनने के लिए बैठे हैं, लेकिन यदि वह विषय पर नहीं बोलेंगे तो समय क्यों खराब किया जाए।
TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने भी आरोप लगाया कि SIR प्रक्रिया वोटर डिलीट करने का उपकरण बन गई है और चुनाव आयोग नागरिकता तय करने की संस्था नहीं है।
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