मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को नगर पालिका (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2025 बहुमत से पारित हो गया। नए प्रावधान के तहत अब नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्षों का चुनाव सीधे जनता द्वारा किया जाएगा। इससे पहले अध्यक्षों का चयन वार्ड पार्षदों के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से होता था।
नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि राइट टू रिकॉल की अवधि को ढाई साल से बढ़ाकर 3 साल कर दिया गया है। अब कोई भी जनप्रतिनिधि 3 साल पूरा होने के बाद ही हटाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह बदलाव लोकतंत्र को मजबूत करेगा और वह व्यवस्था दोबारा लागू करेगा, जो 1999 से 2014 तक चली थी। वर्ष 2022 में अप्रत्यक्ष चुनाव कराए गए थे।
विधेयक पर चर्चा के दौरान मंत्री विजयवर्गीय ने विपक्ष पर तंज करते हुए कहा कि यह कानून “राजीव गांधी के सपनों को पूरा करने वाला” है, जिसे दिग्विजय सिंह सरकार ने लागू किया था। अब इसमें समय के अनुसार संशोधन किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजीव गांधी के सपनों का राहुल गैंग विरोध कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि कांग्रेस इस विधेयक का विरोध नहीं कर रही, बल्कि सुधार की मांग कर रही है। उनका कहना था कि लोकतंत्र को और मजबूत करने के लिए राइट टू रिकॉल की अवधि 5 साल की बजाय 3 साल रखना बेहतर होगा। बहस के बाद विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो गया।
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