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दिल्ली ब्लास्ट में बड़ा सुराग: घटनास्थल से मिलीं 9mm की 3 गोलियां, हमलावर का पूरा रूट दोबारा तैयार करने में जुटी एजेंसियां

दिल्ली ब्लास्ट

दिल्ली के चांदनी चौक में 10 नवंबर को हुई कार ब्लास्ट की जांच में रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं। एनआईए ने इस धमाके को राजधानी का पहला आत्मघाती हमला माना है।

एजेंसी ने कश्मीरी फिदायीन डॉ. उमर नबी के साथी और साजिशकर्ता आमिर राशिद अली को गिरफ्तार किया है। जिस i20 कार में धमाका हुआ, वह आमिर के नाम पर रजिस्टर्ड थी।

जांच में पता चला कि आमिर और उमर ने मिलकर यह हमला योजना बनाई थी। फोरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार, धमाके वाली कार उसी उमर ने चलाई थी, जो फरीदाबाद में मौजूद एक आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था।

एनआईए ने उमर से जुड़ा एक और वाहन भी जब्त किया है और अब तक 73 लोगों से पूछताछ कर चुकी है।

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घटनास्थल से 9mm कैलिबर की तीन गोलियां मिली हैं। इनमें से दो जिंदा हैं और एक खाली। यह गोलियां आम नागरिक नहीं रख सकते। हालांकि, पुलिस को वहां कोई हथियार नहीं मिला, इसलिए यह पता लगाया जा रहा है कि गोलियां वहां कैसे पहुंची। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों के हथियार भी चेक किए गए, पर सभी कारतूस पूरे मिले।

जांच में 20 लाख रुपये की हवाला फंडिंग का भी पता चला है, जिसमें से 3 लाख रुपये से 26 क्विंटल एनपीके उर्वरक खरीदा गया था, जिसका इस्तेमाल विस्फोटक बनाने में होता है।

उमर की कार 29 अक्टूबर से 10 नवंबर तक 50 से ज्यादा CCTV कैमरों में दिखी है। एजेंसियां उसके हर मूवमेंट को जोड़कर पूरा रूट फिर से तैयार कर रही हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि दिल्ली आने के दौरान उससे कौन मिला या उसकी मदद किसने की।

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