दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार धमाके की जांच में कई बड़े खुलासे हुए हैं। जांच एजेंसियों के मुताबिक, धमाका फरीदाबाद के वाइट कॉलर मॉड्यूल से जुड़े डॉ. उमर नबी ने अंजाम दिया था, जिसकी मौत धमाके में ही हो गई। उमर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला था।
जैश की वाइट कॉलर मॉड्यूल की अहम कड़ी डॉ. शाहीन सईद बताई जा रही हैं, जो मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर से जुड़ी थी। धमाके में इस्तेमाल हुंडई i20 कार 11 दिन तक फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में खड़ी रही। इसी बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुलगाम से डॉ. तजामुल को गिरफ्तार किया है, जो श्रीनगर के SMHS अस्पताल में काम करता था।
सूत्रों ने बताया कि उमर ने यह धमाका अधूरे विस्फोटक से किया था, इसलिए ब्लास्ट का असर सीमित रहा। मौके से दो कारतूस और दो तरह के विस्फोटक मिले हैं एक अमोनियम नाइट्रेट और दूसरा उससे ज्यादा घातक पदार्थ। फोरेंसिक टीम इनकी जांच कर रही है।
पुलिस ने उमर के परिवार और उसके सहयोगियों को हिरासत में लिया है। वहीं, अल फलाह यूनिवर्सिटी के कई डॉक्टरों से पूछताछ चल रही है। जांच से पता चला है कि यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़ा है।
इस केस में गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद ने पूछताछ में कबूल किया कि वह पिछले दो सालों से विस्फोटक जमा कर रही थी और देशभर में हमलों की साजिश रच रही थी। शाहीन सीधे मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के संपर्क में थी और आतंकी संगठन की महिला शाखा जमात-उल-मोमिनात से जुड़ी थी।
पुलिस ने अब इस मॉड्यूल से जुड़े पुलवामा निवासी तारिक को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिसने उमर को धमाके में इस्तेमाल की गई i20 कार दी थी। जांच एजेंसियां दिल्ली, हरियाणा, यूपी और कश्मीर में लगातार छापेमारी कर रही हैं। सरकार ने मामले को आतंकी कृत्य मानते हुए जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंप दी है।
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