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छठ महापर्व 2025: डूबते सूर्य को अर्घ्य और छठी मईया की आराधना, जानिए छठ महापर्व का महत्व, पूजा विधि और खास नियम

छठ महापर्व 2025

छठ महापर्व 2025: छठ महापर्व 2025 के तीसरे दिन आज डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सोमवार सुबह से ही व्रती दंडवत प्रणाम करते हुए छठ घाटों की ओर जा रहे हैं। खगड़िया में कई व्रती मन्नत पूरी होने पर दंडवत करते हुए घाट पहुंच रहे हैं और कल उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक वहीं रुकेंगे।  

संध्या अर्घ्य से पहले रविवार शाम को गंगा तट के सभी घाट रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगा उठे। पटना में करीब 500 घाटों, 40 पार्कों और तालाबों में अर्घ्य की तैयारी की गई है। नगर निगम क्षेत्र में गंगा के 102 घाट पूरी तरह सजाए गए हैं।  

छठ पूजा में व्रती पीतल या तांबे के पात्र में दूध या जल रखकर सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं। पूजा स्थल को पूरी तरह साफ-सुथरा और पवित्र रखा जाता है। प्रसाद में ठेकुआ, फल और गुड़ का विशेष महत्व होता है। व्रती उपवास के दौरान नींद, क्रोध और असत्य से दूर रहते हैं। सात्त्विकता और श्रद्धा से की गई यह पूजा जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति लाती है।

अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त शाम 5:34 बजे तक है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, पीतल या तांबे के पात्र में जल या दूध से अर्घ्य देने से जीवन में शांति और समृद्धि आती है। चांदी या प्लास्टिक के पात्र का उपयोग वर्जित माना गया है।  

रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के घर खरना का प्रसाद खाने पहुंचे। वहीं, बीजेपी नेता धर्मेंद्र प्रधान ने मंत्री अशोक चौधरी के घर प्रसाद ग्रहण किया।   

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