धनतेरस 2025: धनतेरस का त्योहार दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है ताकि घर में धन, सुख और समृद्धि बनी रहे। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार लक्ष्मी जी भगवान विष्णु के साथ पृथ्वी पर आईं, लेकिन उनकी बात न मानकर दक्षिण दिशा में चली गईं और एक खेत में गन्ना चूसने लगी। यह देखकर विष्णु जी नाराज हो गए और उन्हें 12 साल एक गरीब किसान की सेवा करने का शाप दिया।
12 साल बाद जब लक्ष्मी जी जाने लगी, तो किसान ने उन्हें रोकना चाहा। तब लक्ष्मी जी ने कहा कि अगर तुम हर साल तेरस के दिन घर को साफ करके दीप जलाओगे और मेरी पूजा करोगे, तो मैं कलश में निवास करूंगी और तुम्हारे घर सुख-समृद्धि बनी रहेगी। तभी से धनतेरस पर लक्ष्मी पूजन की परंपरा है।

धनतेरस पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखें:
- मूर्तियां जुड़ी हुई न हों, अलग-अलग हों।
- दोनों पद्मासन (बैठी मुद्रा) में हों।
- लक्ष्मी जी के हाथ से सोने के सिक्के गिरते हों।
- पीतल, चांदी या मिट्टी की मूर्तियां लें, प्लास्टिक न लें।
- गणेश जी की सूंड बाईं ओर हो और वाहन के रूप में चूहा साथ हो।
सही मूर्ति और पूजा से घर में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
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