मध्य प्रदेश के शिवपुरी से एक बड़ा धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। यहां पर 40 जाटव परिवारों ने बौद्ध धर्म को अपना लिया है। बताया जा रहा है कि बौद्ध भिक्षुकों ने इनका बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराया है।वही धर्म परिवर्तन करने वाले 40 परिवारों का कहना है कि उनके साथ छुआछूत की गई थी इसलिए उन्होंने हिंदू धर्म को छोड़ दिया ।
शिवपुरी धर्मपरिवर्तन का पूरा मामला विस्तार से
दरअसल यह पूरा मामला शिवपुरी जिले के करेरा के ग्राम बहगावां का है। जानकारी के अनुसार गांव के लोगों ने एक साथ मिलकर के भागवत कथा का आयोजन कराया था । 25 साल बाद गांव में ऐसा भव्य आयोजन किया जा रहा था सभी मिलजुल कर इस कार्यक्रम में सहयोग कर रहे थे । लेकिन कथा के भंडारे के एक दिन पहले ही अचानक से जाटव समाज के 40 परिवारों ने बौद्ध धर्म को अपना लिया और हिंदू धर्म को छोड़ दिया।
एक दिन में बना लिया धर्म छोड़ने का मन
जाटव समाज के लोगों का यह कहना है कि उनकी समाज को भंडारे के दौरान पत्तल उठाने का काम दिया गया था ,उनके साथ छुआछूत की जा रही थी और इसी वजह से उन्होंने हिंदू धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया। इस पर गांव के सरपंच का कहना है कि यह सभी आरोप निराधार हैं क्योंकि इस आयोजन में सभी समाज के वर्गों को अलग-अलग काम सौंपें गए थे साथ ही उन्होंने बताया कि बौद्ध धर्म के भिक्षुक गांव में आए थे और इन सभी लोगों को बहला फुसलाकर उन्होंने बौद्ध धर्म में परिवर्तन करवाया है।
शिवपुरी कलेक्टर ने दी मामले पर प्रतिक्रिया
आपको बता दें कि इस पूरे मामले पर शिवपुरी कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी का कहना है कि इतने परिवारों ने एक साथ धर्म परिवर्तन क्यों किया इसकी गहराई से जांच ज़रूरी है। क्योंकि कोई भी व्यक्ति एक दिन में धर्म परिवर्तन करने के लिए तैयार नहीं होता है । यह किसी भी प्रकार से संभव नहीं है। इसलिए मामले की जांच करने के बाद ही सच सामने आ सकेगा।
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