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SIR! भोपाल में 4 लाख से ज्यादा मतदाताओं के कटे नाम पहली सूची में नहीं होंगे शामिल

SIR

Highlight मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में भोपाल में बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए जाने की तस्वीर साफ हो गई है। शहर के करीब 4 लाख 40 हजार से ज्यादा वोटर्स पहली संशोधित मतदाता सूची में शामिल नहीं होंगे। 79% मतदाता ही हो पाए मैप SIR प्रभारी भुवन गुप्ता के अनुसार भोपाल में कुल 21 लाख 25 हजार मतदाता हैं, जिनमें से सिर्फ 79 प्रतिशत का ही पुराने रिकॉर्ड से मिलान हो पाया है। बाकी मतदाता या तो अपने पते पर नहीं मिले या फिर शिफ्ट हो चुके हैं। READ MORE: एमपी सरकार के 2 साल पूरे; देखिए एदल कंसाना और प्रहलाद पटेल का रिपोर्ट कार्ड  ‘नो मैपिंग’ वाले 1.21 लाख वोटर्स सबसे बड़ी चिंता का विषय 1 लाख 21 हजार मतदाता हैं, जिनका 2003 की मतदाता सूची से कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। इन्हें ‘नो मैपिंग’ श्रेणी में रखा गया है। इन सभी को नोटिस भेजे जाएंगे और 50 दिन के अंदर जरूरी दस्तावेज पेश करने का मौका मिलेगा। 33 हजार से ज्यादा मृत मतदाता जांच में यह भी सामने आया कि 33 हजार से ज्यादा मतदाता मृत हो चुके हैं। इनके नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाएंगे। इसके अलावा एब्सेंट, शिफ्टेड और डबल वोटर्स भी सूची से बाहर होंगे। वार्ड स्तर पर होगी सुनवाई 23 जनवरी से 16 फरवरी तक वार्ड स्तर पर रोजाना सुनवाई होगी। सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी मतदाताओं की आपत्तियां सुनेंगे। हर वार्ड में प्रतिदिन करीब 50 मामलों की सुनवाई की जाएगी। मतदाताओं से अपील प्रशासन ने अपील की है कि जिन्हें नोटिस मिले, वे समय पर आधार कार्ड, राशन कार्ड जैसे दस्तावेज लेकर सुनवाई में पहुंचें, ताकि वोट देने का अधिकार सुरक्षित रह सके। READ MORE: पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ दिखाने का विवाद, सवालों में घिरे अधिकारी 

एमपी सरकार के 2 साल पूरे; देखिए एदल कंसाना और प्रहलाद पटेल का रिपोर्ट कार्ड 

MP Govt Report Card

Highlights MP Govt Report Card: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार के दो साल पूरे होने पर कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने अपनी उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखा। कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना और पंचायत मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अहम जानकारियां दी। कृषि बजट और रकबे में बड़ा इजाफा कृषि मंत्री ने बताया कि वर्ष 2002-03 में कृषि विभाग का बजट 600 करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में बढ़कर 27,050 करोड़ रुपये हो गया है। प्रदेश में कृषि का रकबा बढ़कर 297 लाख हेक्टेयर और सिंचाई क्षमता 55 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है। READ MORE: पूर्व सीएम दिग्विजय ने सिंह कैलाश विजयवर्गीय से कहा– बहुत  धन्यवाद कलाकार जी जानिए क्यों किसानों को राहत मध्य प्रदेश मक्का उत्पादन में देश में पहले और दलहन उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। 29 जिलों के 27.28 लाख किसानों को 1,860 करोड़ रुपये की राहत राशि दी गई। वर्ष 2024-25 में 35 लाख से अधिक किसानों को 275.86 करोड़ रुपये का दावा भुगतान हुआ। सोयाबीन भावांतर योजना में 9.36 लाख किसानों ने पंजीयन कराया, जिनमें से 2.67 लाख किसानों को 482 करोड़ रुपये खाते में ट्रांसफर किए गए। खाद संकट पर मंत्री का बयान कृषि मंत्री ने खाद की कमी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि खाद की लाइनों के वीडियो प्री-प्लान्ड होते हैं। प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है, नकली खाद पर अब तक 95 एफआईआर दर्ज की गई हैं। READ MORE: संतोष वर्मा का नया विवादित वीडियो वायरल; खुद को बताया ‘माई का लाल’ ग्रामीण विकास की बड़ी योजनाएं पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के तहत दो साल में 1.07 लाख मामलों में 2333 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ। पंचायत भवनों के लिए 922 करोड़ और जनपद भवनों के लिए 557 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। रोजगार और भविष्य की तैयारी सरकार ने 33 हजार ग्राम रोजगार सहायक पदों पर भर्ती का ऐलान किया है। पंचायत सचिवों के पद आधे रोजगार सहायकों से और आधे परीक्षा से भरे जाएंगे। मंत्री ने कहा कि सभी भुगतान सीधे लाभार्थियों के खातों में किए जाएंगे, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। READ MORE: IAS मीनाक्षी सिंह का वीडियो वायरल, कहा – जातिगत पहचान और जातिवादी होना आज की सबसे बड़ी मांग

IAS मीनाक्षी सिंह का वीडियो वायरल, कहा – जातिगत पहचान और जातिवादी होना आज की सबसे बड़ी मांग

IAS Meenakshi Singh Viral Video

IAS Meenakshi Singh Viral Video: अजाक्स की सभा में IAS मीनाक्षी सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने कहा कि जातिगत पहचान और जातिवादी होना आज की सबसे बड़ी मांग है। जातिवाद पर जोर वीडियो में मीनाक्षी सिंह ने कहा कि सवर्ण समाज के लोग सरनेम देखकर पक्षपात करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि समाज को जोड़ने के लिए सबसे पहले परिवार और जातिगत पहचान को समझाना जरूरी है। उन्होंने आदिवासी बच्चों को यह बताने पर जोर दिया कि वे किस जाति से आते हैं। READ MORE: मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में नौकरियों का सुनहरा अवसर, 474 पदों पर सीधी भर्ती शुरू अपने लोगों की मदद जरूरी मीनाक्षी ने कहा कि हमें अपने समुदाय के लोगों को ढूंढकर उनकी मदद करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बड़े पदों पर होने के बावजूद आदिवासी भाई-बहन संकोच करते हैं, इसलिए समाज को आगे बढ़ाने के लिए उनके साथ जुड़ना जरूरी है। राजनीतिक प्रतिक्रिया IAS मीनाक्षी सिंह के बयान पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने प्रतिक्रिया दी। बीजेपी प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसौदिया ने कहा कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारी या नेता जातिगत बातें नहीं करें, सभी समाज के लोगों को साथ लेकर काम करना चाहिए। कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने कहा कि ऐसे बयान समाज में जात-पात बढ़ाते हैं और IAS अधिकारी को संविधान और महात्मा गांधी की विचारधारा का पालन करना चाहिए। IAS मीनाक्षी सिंह का यह वीडियो संतोष वर्मा के विवादित बयान के बाद आया है और सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है। READ MORE: संतोष वर्मा का नया विवादित वीडियो वायरल; खुद को बताया ‘माई का लाल’

पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ दिखाने का विवाद, सवालों में घिरे अधिकारी 

Panna Tiger Reserve Controversy

मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ दर्शन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हुआ था, जब 9 दिसंबर को पांच मंत्रियों को बाघ दिखाने के लिए कथित तौर पर हाथियों से बाघ का रास्ता रोका गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) तक पहुंचा। वीडियो में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि गश्ती दल के हाथियों की मदद से बाघ को घेरा गया और मंत्री उसे देख सकें। इस सफारी में शामिल थे प्रहलाद पटेल, दिलीप अहिरवार, इंदर सिंह परमार, विजय शाह और लखन पटेल। READ MORE: संतोष वर्मा का नया विवादित वीडियो वायरल; खुद को बताया ‘माई का लाल’ वन्यजीव विशेषज्ञों और एक्टिविस्टों का कहना है कि हाथियों से बाघ को रोकना उसके प्राकृतिक व्यवहार को प्रभावित कर सकता है और यह वन्यजीव संरक्षण नियमों का उल्लंघन है। NTCA ने पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों से मामले पर जवाब मांगा है। वहीं, पीटीआर के अधिकारी फिलहाल इस मामले पर मीडिया से बात करने से बच रहे हैं। राजनीतिक बवाल भी तेज हो गया है, और अब पूरे प्रकरण पर सबकी नजरें NTCA की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं। READ MORE: पूर्व सीएम दिग्विजय ने सिंह कैलाश विजयवर्गीय से कहा– बहुत  धन्यवाद कलाकार जी जानिए क्यों?

टेक प्रेमियों के लिए बड़ी खबर, भोपाल में होने जा रहा है WordCamp 2025; डिजिटल इनोवेशन सीखने का सुनहरा मौका

WordCamp 2025

भोपाल में 20 और 21 दिसंबर 2025 को WordCamp 2025 का आयोजन किया जाएगा। यह सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा टेक इवेंट है, जो वेब टेक्नोलॉजी, डिजिटल मार्केटिंग, कंटेंट क्रिएशन और ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स पर केंद्रित है। 20 दिसंबर को SF Technologies में पहला सेशन आयोजित होगा। इस दिन डेवलपर्स, डिजाइनर्स, कंटेंट क्रिएटर्स और तकनीकी पेशेवर मिलकर ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स पर सहयोग करेंगे, जैसे कोडिंग, डिजाइन, अनुवाद और डॉक्यूमेंटेशन। मुख्य कॉन्फ्रेंस 21 दिसंबर को Courtyard by Marriott, भोपाल में होगी। इसमें प्रेरक मुख्य भाषण, तकनीकी सत्र, वर्कशॉप और नेटवर्किंग का अवसर मिलेगा। इस कार्यक्रम में 400+ तकनीकी उत्साही, डेवलपर्स, डिजाइनर्स, ब्लॉगर्स, डिजिटल पेशेवर और व्यवसायी शामिल होंगे। READ MORE: संतोष वर्मा का नया विवादित वीडियो वायरल; खुद को बताया ‘माई का लाल’ इस साल के प्रमुख वक्ताओं में शामिल हैं: WordCamp 2025 वेब डेवलपमेंट, डिजाइन, डिजिटल मार्केटिंग और ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी में सीखने और नेटवर्किंग का एक अनूठा अवसर है। यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को उद्योग के विशेषज्ञों से सीधे सीखने का मौका देगा। READ MORE: पूर्व सीएम दिग्विजय ने सिंह कैलाश विजयवर्गीय से कहा– बहुत  धन्यवाद कलाकार जी जानिए क्यों

संतोष वर्मा का नया विवादित वीडियो वायरल; खुद को बताया माई का लाल

Santosh Verma viral video

Highlight विवादित IAS अधिकारी संतोष वर्मा का एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वर्मा ने खुद को ‘माई का लाल’ बताया और अपने संगठन AJAKS के वरिष्ठ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। 2016 का जिक्र वीडियो में वर्मा ने कहा कि साल 2016 में उन्होंने समाज की ताकत दिखाकर ‘माई के लाल’ बनकर सबको चौंका दिया था। लेकिन अब उनकी स्थिति कमजोर हो गई है और उन्हें हर तरह से तोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसलिए उन्होंने फिर से वैसी ही ताकत दिखाने की बात कही। READ MORE: किसान ने सरकार से मांगा हेलिकॉप्टर! खेत तक जाने के लिए कोई रस्ता नहीं  संगठन पर आरोप संतोष वर्मा ने AJAKS के वरिष्ठ नेताओं पर आरोप लगाया कि वे गैरजिम्मेदार हैं और जब मौके मिले तो उन्होंने बहाने बनाकर काम नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि रिटायरमेंट के बाद यदि ये लोग चुनाव लड़ेंगे तो उन्हें जवाब देना होगा। पुरानी लड़ाई का जिक्र वीडियो में वर्मा ने अपनी पुरानी लड़ाई का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वे हमेशा समाज और संगठन के लिए लड़े, लेकिन बदले में उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। संगठन नाराज इस वीडियो के बाद AJAKS संगठन के लोग नाराज हैं और इसे व्यक्तिगत हमला मान रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर लोग अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। संतोष वर्मा पहले ब्राह्मण बेटियों और उच्च न्यायालय को लेकर विवादित बयान देने के कारण सुर्खियों में रह चुके हैं। अब उनका यह नया वीडियो फिर से चर्चा में है। READ MORE: मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में नौकरियों का सुनहरा अवसर, 474 पदों पर सीधी भर्ती शुरू

पूर्व सीएम दिग्विजय ने सिंह कैलाश विजयवर्गीय से कहा – बहुत  धन्यवाद कलाकार जी; जानिए क्यों?

Digviajy singh

मध्यप्रदेश विधानसभा में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की खुले तौर पर प्रशंसा की, जिस पर दिग्विजय ने उन्हें धन्यवाद कहा। उन्होंने विजयवर्गीय को कलाकार कहते हुए कहा कि आज के राजनीतिक माहौल में ऐसा साहस बहुत कम नेताओं में होता है। विकास और उपलब्धियों की सराहना विधानसभा में विशेष चर्चा के दौरान विजयवर्गीय ने दिग्विजय सिंह के 1993 से 2003 तक के मुख्यमंत्री कार्यकाल में राज्य के विकास में उनके योगदान की तारीफ की। उन्होंने कहा कि संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट, बांध सागर परियोजना और कोलार जल परियोजना में उनके महत्वपूर्ण योगदान रहे। READ MORE: किसान ने सरकार से मांगा हेलिकॉप्टर! खेत तक जाने के लिए कोई रस्ता नहीं  शिक्षा क्षेत्र में योगदान विजयवर्गीय ने इंदौर में IIM और IIT की स्थापना के लिए दिग्विजय सिंह के प्रयासों को भी सराहा। उन्होंने कहा कि इंदौर देश का पहला ऐसा शहर है, जहा दोनों संस्थान मौजूद हैं, और इसमें अर्जुन सिंह तथा तत्कालीन नेतृत्व का भी बड़ा योगदान रहा। राजनीतिक सौजन्यता और मानवीय भाव कैलाश विजयवर्गीय ने यह भी बताया कि दिग्विजय सिंह समर्थक या विरोधी, किसी भी व्यक्ति की मदद बिना भेदभाव के करते थे। उन्होंने एक प्रसंग साझा किया कि जब उनके कार्यकर्ता ओमकार तिवारी को स्वास्थ्य संकट आया, तो दिग्विजय ने तुरंत हेलीकॉप्टर की व्यवस्था कर उन्हें दिल्ली भेजा। दिग्विजय सिंह ने सदन में विजयवर्गीय को धन्यवाद कहते हुए उनके साहस और खुले विचारों की सराहना की। READ MORE: मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में नौकरियों का सुनहरा अवसर, 474 पदों पर सीधी भर्ती शुरू

मध्यप्रदेश स्वास्थ्य क्षेत्र में नौकरियों का सुनहरा अवसर, 474 पदों पर भर्ती शुरू

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मध्यप्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए 474 पदों पर सीधी भर्ती का ऐलान किया है। यह भर्ती मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPESB) के तहत मेडिकल कॉलेज, स्वास्थ्य संस्थान, निगम और विभागीय कार्यालयों में की जाएगी। भर्ती के पद भर्ती में मेडिकल सोशल वर्कर, फिजियोथेरेपिस्ट, लैब टेक्नीशियन, डेटा एंट्री ऑपरेटर, असिस्टेंट प्रोफेसर और ट्यूटर जैसे पद शामिल हैं। कुछ पदों पर तकनीकी योग्यता के आधार पर चयन होगा, जबकि अधिकांश पदों के लिए लिखित परीक्षा होगी। READ MORE: सतना मासूमों की जान से खिलवाड़ मामले में 3 पर गिरी गाज, निलंबित आवेदन प्रक्रिया आवेदन प्रक्रिया 24 दिसंबर 2025 से शुरू होगी और 7 जनवरी 2026 तक ऑनलाइन माध्यम से चलेगी। आवेदन में संशोधन की अंतिम तिथि 12 जनवरी 2026 है। इच्छुक उम्मीदवार www.esb.mp.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। परीक्षा और चयन परीक्षा 10 फरवरी 2026 से कंप्यूटर आधारित (CBT) माध्यम में आयोजित की जाएगी। परीक्षा दो शिफ्टों में होगी। चयन पूरी तरह से लिखित परीक्षा और कुछ पदों के लिए तकनीकी योग्यता के आधार पर किया जाएगा। आयु और शुल्क उम्मीदवारों की आयु सीमा 18 से 40 वर्ष रखी गई है। आवेदन शुल्क सामान्य वर्ग के लिए 500 रुपए और SC/ST/OBC वर्ग के लिए 250 रुपए है। इस भर्ती से स्वास्थ्य संस्थानों में स्टाफ की कमी पूरी होगी, सेवाओं में सुधार आएगा और युवाओं को स्थायी एवं सम्मानजनक रोजगार मिलेगा। यह अवसर खासकर उन युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जो सरकारी क्षेत्र में नौकरी पाना चाहते हैं। READ MORE: किसान ने सरकार से मांगा हेलिकॉप्टर! खेत तक जाने के लिए कोई रस्ता नहीं 

Ujjain News: किसान ने सरकार से मांगा हेलिकॉप्टर! खेत तक जाने के लिए कोई रस्ता नहीं 

Ujjain News

Highlight उज्जैन जिले के घट्टिया तहसील के उटेसरा गांव के किसान मानसिंह राजोरिया ने अपने खेत तक पहुंचने का कोई रास्ता न होने के कारण मुख्यमंत्री से हेलिकॉप्टर की मांग की है। हाईवे निर्माण के बाद उनकी 5 बीघा जमीन दो हिस्सों में बंटी और खेत तक जाने का कोई और रास्ता नहीं बचा। हाईवे ने काटे रास्ते 2023 में उज्जैन–गरोठ हाईवे के निर्माण के दौरान किसान की जमीन पर से सड़क बनी। एक तरफ 3.5 बीघा और दूसरी तरफ 1.5 बीघा जमीन रह गई। हाईवे करीब 2 मीटर ऊंचा है और अंडरपास नहीं बनाया गया। ट्रैक्टर, बैलगाड़ी या कोई अन्य वाहन खेत तक नहीं जा सकते, जिससे खेती करना मुश्किल हो गया। READ MORE: कड़ाके की ठंड और घना कोहरा, कई जिलों में जनजीवन प्रभावित, ट्रेन-फ्लाइट्स लेट कई शिकायतों के बाद भी समाधान नहीं किसान ने तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर और CM हेल्पलाइन पर कई बार शिकायत की, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ। किसान ने आवेदन में लिखा कि आवेदन देने-देकर वह थक चुका है, चप्पलें घिस गई हैं और परिवार का भरण-पोषण संकट में है। प्रशासन की प्रतिक्रिया घट्टिया तहसील एसडीएम राजाराम करजरे ने बताया कि किसान का आवेदन मिला है और इसे गंभीरता से लिया गया है। जल्द ही खेत तक पहुंचने का स्थायी रास्ता बनाने का निराकरण किया जाएगा। READ MORE: सतना मासूमों की जान से खिलवाड़ मामले में 3 पर गिरी गाज, निलंबित

Satna News: सतना मासूमों की जान से खिलवाड़ मामले में 3 पर गिरी गाज, निलंबित

Satna News

Highlight सतना के सरदार वल्लभभाई पटेल शासकीय अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को HIV संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले में राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. देवेंद्र पटेल और दो लैब तकनीशियन रामभाई त्रिपाठी और नंदलाल पांडे को निलंबित कर दिया गया है। जांच समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई मामले की जांच के लिए आयुष्मान भारत के सीईओ डॉ. योगेश भरसट की अध्यक्षता में सात सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी। समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट में गंभीर लापरवाही सामने आने के बाद यह सख्त कदम उठाया गया। READ MORE: उस्मान हादी की मौत से सुलगा बांग्लादेश; ढाका में हिंसा, मीडिया दफ्तर बने निशाना पूर्व सिविल सर्जन को नोटिस अस्पताल के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्हें लिखित में स्पष्टीकरण देना होगा, अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जा सकती है। बच्चों की स्थिति जानकारी के अनुसार, जनवरी से मई के बीच थैलेसीमिया से पीड़ित छह बच्चों को HIV संक्रमित रक्त चढ़ाया गया। इनमें से एक बच्ची के माता-पिता भी संक्रमित हो गए हैं। बच्चों का इलाज एचआईवी प्रोटोकॉल के तहत किया जा रहा है। राज्य और केंद्रीय टीमें अभी भी मामले की जांच में लगी हुई हैं। शुरुआती जांच में पता चला कि बच्चों तक HIV संक्रमित रक्त किसी डोनर के माध्यम से पहुंचा। पीड़ित परिवार ने कहा कि वे हमेशा सावधानी रखते थे, फिर भी यह गंभीर बीमारी बच्चों को लगी। READ MORE: आधी रात से विपक्ष कर रहा G RAM G का विरोध, संसद परिसर में जमकर हुआ हंगामा