Supreme Court On Bihar SIR: बिहार SIR पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी; कहा – गड़बड़ पाई गई तो पूरी प्रक्रिया होगी रद्द

Supreme Court On Bihar SIR: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 15 सितंबर को देशभर में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR को लेकर कहा कि अगर इसकी कार्यप्रणाली में किसी भी तरह की गड़बड़ पाई गई तो इसे रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ किया कि फैसला एक बार में सुनाएगा, जो पूरे देश में लागू होगा। अब इस मामले में अगली सुवाई 7 अक्टूबर में होगी। इस दिन आखरी दलील पेश की जाएगी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है। कोर्ट का कहना है कि, चुनाव आयोग बिहार में SIR प्रक्रिया में कानून का पालन कर रहा है। लेकिन, अगर किसी भी चरण में हमे निवार्चन आयोग द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली में अवैधता मिलती है तो हम पूरी प्रक्रिया को रद्द कर देंगे। बेंच ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वे बिहार एसआईआर और देश भर में चल रहे एसआईआर से जुड़े मुद्दों पर 7 अक्टूबर की सुनवाई में अपनी दलीलें रख सकते है। इसके अलावा जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने 8 सितंबर के अपने आदेश को वापस लेने की मांग वाली याचिका पर भी नोटिस जारी किया, जिसमें चुनाव आयोग को बिहार एसआईआर में आधार को 12वें जरूरी दस्तावेज के तौर पर शामिल करने का निर्देश दिया था। कोर्ट का कहना है कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है। लेकिन, वोटर लिस्ट में जुड़ने के लिए प्रस्तुत किए जाने पर चुनाव आयोग इसकी पुष्टि कर सकता है। इस मामले की सुनवाही के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि वह यह मानकर चल रही है कि एक संवैधानिक प्राधिकारी होने के नाते चुनाव आयोग ने एसआईआर में कानून और सभी जरूरी नियमों का पालन किया है। READ MORE: मध्यप्रदेश में बनेगा इंजीनियरिंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट; सीएम मोहन यादव ने इंजीनियर डे पर किया ऐलान
MP News: मध्यप्रदेश में बनेगा इंजीनियरिंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट; सीएम मोहन यादव ने इंजीनियर डे पर किया ऐलान

MP News: इंजीनियरिंग जे के अवसर पर मध्यप्रदेश की राजधानी भापाल के कुशाभऊ ठाकरे सभागार में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस खास मौके पर सीएम मोहन यादव ने मध्य प्रदेश में इंजीनियरिंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट बनाने का ऐलान किया। साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लोक निर्माण सर्वेक्षण ऐप, न्यूज लेटर और लोक परियोजना प्रबंधन प्रणाली का शुभारंभ भी किया। उन्होंने कहा कि यह तकनीकी नवाचार विभाग की कार्यक्षमता बढ़ाएंगे साथ ही पारदर्शिता इससे काम में पारदर्शिता भी आएगी। मुख्यमंत्री ने इंजीनियरों की भूमिका की सराहना करते हुए उन्हें भगवान हनुमान जैसा बताया और कहा कि, “इंजीनियर वही होते है जो हर असंभव कार्य को संभव बना देते है।” उन्होंने कहा कि जैसे भगवान विश्वकर्मा ने पुष्पक विमान बनाया था, वैसे ही आज हमारे इंजीनियर तकनीक के सहारे ताजमहल जैसे अद्भुत निर्माण कर रहे है। ईश्वर सबसे बड़े अभियंता– मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ने कहा कि “अभियंता” शब्द का अर्थ होता है आरंभ और शुभारंभ करने वाला। उन्होंने बताया कि जैसे ईश्वर ने इस संसार की रचना की, वैसे ही इंजीनियर समाज और देश के विकास की नींव रखते है। उन्होंने सर मोक्षगुंडम विश्वैश्वरैया को याद करते हुए कहा कि 20वीं सदी में उन्होंने इंजीनियरिंग में नए आयाम स्थापित किए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अब वह जमाना चला गया जब ताजमहल बनाने के बाद कारीगरों के हाथ काट दिए जाते थे। आज स्थिति यह है कि ताजमहल जैसे प्रोजेक्ट्स का टेंडर लेने के लिए लाइन लग जाती है। उन्होंने अंत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे नेता तकनीकी विकास और इंजीनियरों को ‘गति शक्ति योजना’ जैसे प्रोजेक्ट्स से लगातार प्रेरित कर रहे है। यही राष्ट्र निर्माण का असली मार्ग है। इंजीनियरों को किया सम्मानित इस अवसर पर कई उत्कृष्ट अभियंताओं और ठेकेदारों को सम्मानित भी किया गया: READ MORE: वनतारा को मिली क्लीन चिट, कानून का हो रहा पालन; SIT की रिपोर्ट नहीं की जाएगी सार्वजनिक
Nepal Cabinet: नेपाल की अंतरिम सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार, तीन मंत्रीयों ने ली शपथ; जाने किसे मिला कौना सा मंत्रालय

Nepal Cabinet: प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के नेतृत्व में नेपाल की अंतरिम सरकार का मंत्रीमंडल विस्तार हुआ। रामेश्वर खनाल, ओमप्रकाश अर्याल और कुलमान घीसिंग को समोवार को मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शीतल निवास में एक कार्यक्रम में नवनियुक्त मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। जानकारी के लिए बता दें कि खनाल को वित्त मंत्री, अर्याल को गृह मंत्री और कुलमान घीसिंग को ऊर्जा मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा अर्याल के पास कानून मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी रहेगी। घीसिंग के पास ऊर्जा मंत्रालय के अलावा भौतिक पूर्वाधार, यातायात व शहरी विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी सौपी गई है। इससे पहले राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने बीते शुक्रवार देर रात सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। अब उनके पास 5 मार्च तक नए चुनाव कराने और प्रधानमंत्री के लिए पद को खाली करने का समय है। नेपाल में भ्रष्ट सरकार और सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध को लेकर Gen-Z ने विरोध प्रदर्शन किया था। जिसके चलते नेपाल के प्रधानमंत्री को इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागना पड़ा। उनके इस्तीफे के बाद नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई थी। लेकिन अब नेपाल धीरे-धीरे शांति के रास्ते पर बढ़ रहा है। READ MORE: ऑनलाइन बेटिंग केस में ED ने एक्ट्रेस उर्वशी और मिली को भेजा समन; मनी लॉन्ड्रिंग मामले में होगी पूछताछ
Vantara: वनतारा को मिली क्लीन चिट, कानून का हो रहा पालन; SIT की रिपोर्ट नहीं की जाएगी सार्वजनिक

Vantara: सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित SIT ने वनतारा को क्लीन चिट दे दी है। कोर्ट ने SIT रिपोर्ट का अवलोकन करते हुए कहा कि वे केवल सारांश को ही आदेश का हिस्सा बनाएंगे। जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस पी.बी. वराले की पीठ ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया और कहा कि एसआईटी के अधिकारियों ने वंतारा में अनुपालन और नियामक उपायों के मुद्दे पर संतुष्टि व्यक्त की है। SIT की रिपोर्ट बीते शुक्रवार को पेश की गई और एससी ने सोमवार को इसका अवलोकन किया। जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाथियों के अधिग्रहण के कानूनों का पालन न करने के आरोपों पर वनतारा के खिलाफ जांच करने के लिए एसआईटी को गठित किया था। जिसका नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस जे. चेलामेश्वर ने किया। इस टीम में उत्तराखंड और तेलंगाना हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस राघवेंद्र चौहान, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले और वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी अनिश गुप्ता भी शामिल रहे। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस पंकज मितल और जस्टिस प्रसन्ना वराले की बेंच ने कम समय में इस रिपोर्ट को पेश करने के लिए एसआईटी की सराहना की। वनतारा के एडवोकेट हरीश साल्वे ने आदालत से अपील की और कहा कि हम नहीं चाहते कि पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए। हरीश साल्वे का कहना है कि दुनिया में बहुत से लोग हमसे व्यावसायिक प्रतिद्वंदिता रखते है। जो इस जानकारी का दुरुपयोग कर सकते है। जिस पर जस्टिस मिथल ने सवाब देते हुए कहा कि कोर्ट ऐसा नहीं होने देगा। हम इसआईटी रिपोर्ट आपको देंगे ताकि आप जरूरत के हिसाब से सुधार कर सकें। याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा था कि वंतारा में कानूनों का पालन नहीं किया जा रहा है साथ ही मंदिर के हाथियों को वनतारा में अच्छे से नहीं रखा जा रहा, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने बोला कि ‘आप कैसे जानते है कि वहां मंदिर के हाथी को अच्छे से नहीं रखा जा रहा?’ आगे कोर्ट ने कहा कि हमारे देश में कई चीजें है, जिन पर हम गर्व कर सकते है। उन्हें व्यर्थ के विवादों में नहीं उलझाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई हाथी को रखना चाहता है और पूरे नियमों का पालन कर ऐसा करता है तो क्या गलत है। READ MORE: ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म केस में ED ने एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला और मिली चक्रवर्ती को भेजा समन; मनी लॉन्ड्रिंग मामले में होगी पूछताछ
ED: ऑनलाइन बेटिंग केस में ED ने एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला और मिमी चक्रवर्ती को भेजा समन; मनी लॉन्ड्रिंग मामले में होगी पूछताछ

ED: ईडी ने बॉलीवु़ एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला और मिमी चक्रवर्ती को ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म 1xBet से जुड़ी जांच में समन भेजा। ED की जानकारी के अनुसार दोनों एक्ट्रेस 1xBet के प्रमोशनल एंडोर्समेंट से जुड़ी है। 1xBet नाम का प्लेटफार्म ईडी के शक के दायरे में है। पूछताछ के लिए ईडी ने उर्वशी रौतेला को दिल्ली के ED मुख्यालय में 16 सितंबर को हाजिर होने के लिए कहा है। साथ ही एक्ट्रेस मिमी चक्रवर्ती आज ईडी के सामने हाजिर हुई। पूर्व सांसद और अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक अवैध सट्टेबाजी एप 1xBet से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की है। 36 साल की मिमी पर आरोप है कि उन्होंने इस एप से जुड़े कुछ विज्ञापनों और वित्तीय लेन-देन में भाग लिया था। ईडी यह पता लगाना चाहती है कि उनका इस एप से क्या संबंध है। यह मामला धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किया गया है। एजेंसी कई ऐसे मामलों की जांच कर रही है, जिनमें 1xBet जैसे अवैध सट्टेबाजी एप्स के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी और टैक्स चोरी के आरोप लगे है। इससे पहले ईडी ने पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना और शिखर धवन से भी पूछताछ की थी। इसके अलावा, अभिनेत्री उर्वशी रौतेला, जो इस एप की भारतीय ब्रांड एंबेसडर हैं, को भी बयान देने के लिए बुलाया गया है। एजेंसी सभी से पूछताछ कर यह समझना चाहती है कि उनकी भूमिका क्या रही और एप के जरिए कैसे वित्तीय गड़बड़ी हुई। READ MORE: बिग बॉस के घर में शहबाज और अभिषेक के बीच हुई हाथापाई; कुनिका और अमाल में भी छिड़ी बहस
Bigg Boss 19: बिग बॉस के घर में शहबाज और अभिषेक के बीच हुई हाथापाई; कुनिका और अमाल में भी छिड़ी बहस

Bigg Boss 19: बिग बॉस के घर में नए हफ्ते के साथ नया बवाल भी शुरू हो गया है। शो का नाया प्रोमो जियो हॉटस्टार के पेज में जारी किया गया, जिसमें शहबाज और अभिषेक के बीच हाथापाई दिखाई गई है। अभिषेक और शहबाज के बीच झगड़े की वजह और कोई नहीं बल्कि कुनिका है। शो में शहनाज गिल के भाई शहबाज और अभिषेक बजाज के बीच जमकर बहस हुई जो हाथापाई में तब्दील हो गई। दोनों एक-दूसरे पर हाथ उठाने लगे, जिसके बाद बिग बॉस को हस्तक्षेप करना पड़ा है। हाल ही में जियो हॉटस्टार रियलिटी द्वारा शो का नया प्रोमो जारी किया गया है। प्रोमों में बताया गया कि अमाल मलिक, जीशान से कहते है, किचन काम मैं संभाल लूंगा। जिसपर कुनिका बोलती है, बहुत मेहरबानी कर रहे है। तो अमाल कुनिका को कहते है कि, ‘मैं आपका बहुत आदर करता हूं, जब किचन आपकी जिम्मेदारी नहीं है, तो आप क्यों किचन की बात कर रही है?।’ इस बात पर कुनिका ने कहा कि इस तरह वो इज्जत करते हैं। फिर अमाल ने जवाब दिया, ‘इज्जत देने का ये मतलब नहीं कि मैं नौकर बन जाऊं।’ आगे वीडियो में देखा जाता है कि बहस बढ़ने पर सभी घरवाले भी इकट्ठा हो गए। इस दौरान अभिषेक कुनिका के लिए कहते है कि आपका ये तरीका बहुत ही बेकार है। जिसपर शहनाज के भाई शहबाज अभिषेक पर भड़क गए। जिसके बाद दोनों के बीच गहमागहमी इतनी बढ़ जाती है की दोनों हाथापाई करने लगते है। View this post on Instagram A post shared by ColorsTV (@colorstv) शो के नियमों के मुताबिक घर में फिजिकल फाइट करना मना है। जिसके चलते अभिषेक और शहबाज को सजा के तौर पर पूरे सीजन के लिए नॉमिनेट कर दिया गया है। READ MORE: नेपाल में आज होगा मंत्रिमंडल विस्तार; जानिए कौन-कौन होगा सुशीला कार्की की कैबिनेट का हिस्सा
Nepal Cabinet: नेपाल में आज होगा मंत्रिमंडल विस्तार; जानिए कौन-कौन होगा सुशीला कार्की की टीम का हिस्सा

Nepal Cabinet: प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के नेतृत्व में नेपाल की राजनीति में बड़ा फेरबदल जारी है। आज प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगी, मीडिया रिपोर्टस की माने तो रामेश्वर खनाल, ओमप्रकाश अर्याल और कुलमान घीसिंग को आज शपथ दिलाई जाएगी। रामेश्वर खनाल वित्त मंत्री, अर्याल गृह मंत्री और कुलमान घीसिंग ऊर्जा मंत्री होंगे। अर्याल को कानून मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। घीसिंग को भी ऊर्जा के अलावा भौतिक पूर्वाधार, यातायात व शहरी विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जाएगी। इन तीनों मंत्रियों का शपथग्रहण आज दोपहर राष्ट्रपति कार्यालय में होगा। आपको बता दें कि इससे पहले राष्ट्रपति पौडेल ने बीते शुक्रवार को पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया, जिसके बाद उन्होंने रविवार से अपना पदभार संभाला। पद ग्रहण करने के बाद सुशीला कार्की ने पहले संबोधन में ये साफ कर दिया कि उनकी टीम को सत्ता का लालच नहीं है। प्रधानमंत्री कर्की बोली, ‘मैं और मेरी टीम यहां सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए है। हम छह महीने से ज्यादा नहीं रुकेंगे। हम नई संसद को जिम्मेदारी सौंप देंगे। आपके सहयोग के बिना हमें सफलता नहीं मिलेगी।’ कार्की ने नेपाल की जनता को आश्वासन दिया कि सरकार मृतकों के शवों को उनके जिलों तक पहुंचाने में पूरी तरह से मदद करेगी। आगे उन्होंने कहा कि सरकार इस प्रदर्शन में हुई तोड़फोड़ और हिंसा की घटनाओं की जांच की जाएगी। READ MORE: वक्फ कानून पर रोक की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने किया इंकार; कहा – पूरे कानून पर रोक लगाने का कोई आधार नहीं
Supreme Court On Waqf Act: वक्फ कानून की वैधता पर नहीं लगेगी रोक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा – पूरे कानून पर रोक लगाने का कोई आधार नहीं

Supreme Court On Waqf Act: सुप्रीम कोर्ट में आज वक्फ कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कानून पर रोक लगाने की मांग पर विचार करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया। सीजेआई ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर कहा कि पूरे वक्फ एक्ट पर रोक लगाने का कोई आधार नहीं है, लेकिन तीन अहम प्रावधानों पर रोक लगाई गई है। कोर्ट ने कहा कि जिला कलेक्टर यह तय नहीं कर सकता कि कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं। ये तो विधायिका और न्यायपालिका की भूमिका में हस्तक्षेप करना है। इसके अलावा कोर्ट ने उस प्रावधान पर रोक लगाई है जिसके अनुसार संपत्ती वक्फ करने के लिए किसी व्यक्ति को 5 वर्षों तक इस्लाम का अनुयायी होना जरूरी था। जानकारी के लिए बता दें कि यह रोक तब तक लागू रहेगी जब तक राज्य सरकारें यह तय करने के लिए नियम नहीं बना लेती कि कौन व्यक्ति इस्लाम का अनुयायी है और कौन नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि जहां वक्फ बोर्ड का मुख्य कार्यकारी अधिकारी यानी की CEO मुस्लिम होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई को इस मामले पर दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कानून पर रोक केवल दुर्लभ मामलों में ही लगाई जा सकती है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि राज्य वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषदों में गैर-मुस्लिमों की संख्या तीन से अधिक नहीं हो सकती। याचिकाकर्ताओं ने अधिनियम में वक्फ संपत्तियों को हटाने के अधिकार, राज्य वक्फ बोर्डों की संरचना और जिला कलेक्टर की शक्तियों को लेकर आपत्तियां उठाई थी। इससे पहले 22 मई को चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाही के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। चीफ जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि वक्फ कानून के कुछ सेक्शन को लेकर अधिक विवाद है। कोर्ट ने कहा पूरे कानून को रोक लगाने का कोई आधार नहीं है। READ MORE: अमेरिका में भारतीय मूल के व्यक्ति की निर्मम हत्या, ट्रंप ने जताया शोक; बोले – अवैध प्रवासियों पर सख्ती होगी, कड़ी सजा दिलाएंगे
Donald Trump: अमेरिका में भारतीय मूल के व्यक्ति की निर्मम हत्या, ट्रंप ने जताया शोक; बोले – अवैध प्रवासियों पर सख्ती होगी, कड़ी सजा दिलाएंगे

Donald Trump: अमेरिका के डलास में 10 सितंबर को भारतीय मूल के नागमल्लैया की कुलहाड़ी से सर काटकर हत्या कर दी गई। वॉशिंग मशीन को लकेर हुए विवाद के चलते नागमल्लैया पर हमला किया गया था। अब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर घटना की निंदा की और अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। फिलहाल आरोपी पुलिस की हिरासत में है। ट्रंप का रिएक्शन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के चंद्र नागमल्लैया की हत्या पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि यह हत्या डलास, टेक्सास में उनकी पत्नी और बेटे के सामने हुई, जो बेहद भयावह है। ट्रंप ने बताया कि चंद्र की हत्या एक अवैध प्रवासी ने की, जो क्यूबा से आया था और पहले भी कई गंभीर अपराधों में गिरफ्तार हो चुका था। ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ऐसे अपराधियों को देश में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनके प्रशासन में ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और अमेरिका को फिर से सुरक्षित बनाया जाएगा। ट्रंप ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उस पर हत्या का मुकदमा चलेगा। क्या है पूरा मामला? अमेरिका के टेक्सास राज्य के डलास शहर में 10 सितंबर को 50 वर्षीय भारतीय मूल के चंद्र मौली नागमल्लैया की उनके काम की जगह पर बेरहमी से हत्या कर दी गई। कर्नाटक के रहने वाले नागमल्लैया डाउनटाउन सूट्स मोटल में मैनेजर के तौर पर काम कर रहे थे और वहीं अपने परिवार के साथ रहते थे। पुलिस के मुताबिक, मोटल के कर्मचारी योर्डानिस कोबोस-मार्टिनेज के साथ वॉशिंग मशीन को लेकर हुआ मामूली विवाद अचानक हिंसक हो गया। आरोपी ने कुल्हाड़ी से नागमल्लैया पर हमला कर दिया और भागने की कोशिश कर रहे नागमल्लैया को उनकी पत्नी और बेटे के सामने मौत के घाट उतार दिया। आरोपी गिरफ्तार इस दर्दनाक घटना से भारतीय-अमेरिकी समुदाय में गहरा शोक और आक्रोश फैल गया है। आरोपी योर्डानिस को मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर हत्या का आरोप लगाया गया है। जानकारी के मुताबिक, उसे पहले भी गंभीर अपराधों के चलते हिरासत में लिया गया था, लेकिन क्यूबा द्वारा निर्वासन से इनकार करने के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने उसे जनवरी 2025 में रिहा कर दिया था। 13 सितंबर परिवार ने किया अंतिम संस्कार 13 सितंबर को नागमल्लैया का अंतिम संस्कार फ्लावर माउंड, टेक्सास में किया गया, जिसमें परिवार और करीबी दोस्तों ने भाग लिया। पीड़ित परिवार की मदद के लिए चलाए गए ऑनलाइन फंडरेज़र में अब तक 3 लाख 21 हजार डॉलर से अधिक की राशि जुटाई जा चुकी है। READ MORE: वक्फ संशोधन कानून से जुड़े तीन मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट में होगा अंतरिम फैसला, याचिकाकर्ताओं ने की रोक की मांग
Waqf Amendment Act: वक्फ संशोधन कानून पर आज सुप्रीम कोर्ट में होगा अंतरिम फैसला, याचिकाकर्ता बोले – आज हमें बहुत उम्मीद है

Waqf Amendment Act: सुप्रीम कोर्ट में आज वक्फ कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम फैसला होगा। याचिकाकर्ताओं ने अधिनियम में वक्फ संपत्तियों को हटाने के अधिकार, राज्य वक्फ बोर्डों की संरचना और जिला कलेक्टर की शक्तियों को लेकर आपत्तियां उठाई थी। इससे पहले 22 मई को चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाही के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। जानकारी के लिए बता दें कि ये सभी मुद्दे वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान उठे थे। केन्द्र सरकार ने इस कानून का बचाव करते हुए कहा कि वक्फ एक ‘धर्मनिरपेक्ष’ व्यवस्था है। इसलिए इसे रोका नहीं जा सकता। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यह अधिनियम ऐतिहासिक कानूनों और सांविधानिक सिद्धांतों के विपरीत है और इसका उद्देश्य सिर्फ वक्फ संपत्ति पर गैर-कानूनी तरीके से नियंत्रण करना है। संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अधिनियम को मंजूरी दी थी। कोर्ट में होने जा रहे इस अंतरिम फैसला को लेकर AIMPLB के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा, आज हमें बहुत उम्मीद है जिन चीजों को हमने इंटिरिम रिलीफ के तौर पर मांगा है वो आज हमें मिल जाएंगी। वक्फ बाय यूजर और वक्फ काउंसिल में नॉन मुस्लिम की नियुक्ति पर स्टे लगा हुआ है। हमें उम्मीद है कि कोर्ट हमें राहत देगा। READ MORE: भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी टीम से नहीं मिलाया हाथ, सुर्यकुमार यादव बोले – कुछ बातें खेल भावना से ऊपर