PM Modi Manipur Visit: मणिपुर जाएंगे पीएम मोदी; देंगे 8500 करोड़ की सौगात, दौरे से पहले राज्य में भड़की हिंसा

PM Modi Manipur Visit: प्रधानमंत्री मोदी शनिवार 13 सितंबर को मणिपुर के दौरे पर जाएंगे। मुख्यमंत्री के सचिव ने इस दौरे की जानकारी देते हुए बताया कि इससे राज्य में शांति और विकास की राह खुलेगी। प्रधानमंत्री यहां 8500 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री सबसे पहले चुराचांदपुर जाएंगे जिसके बाद वे इंफाल के लिए रवाना होंगे। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब मणिपुर की स्थिति बेहद संवेदनशील है। प्रधानमंत्री के दौरे से पहले गुरूवार शाम को चुराचंदपुर जिले में उपद्रवियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई। दो साल पहले मणिपुर में कुकी और मैतई समुदाय के बीच में हिंसा भड़की थी। जिसमें 250 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। जिसके बाद यह पीएम मोदी की पहली मणिपुर यात्रा होगी। पीएम मोदी मणिपुर के चुराचंदपुर से 7300 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे और इम्फाल से 1200 करोड़ की विकास कार्यो का शिलान्यास करेंगे। मणिपुर के साथ-साथ पीएम मोदी मिजोरम का दौरा भी करेंगे। जहां बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन परियोजना का उद्घाटन होगा। पीएम मोदी के इस खास दौरे को लेकर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे है। इंफाल में चुराचांदपुर के पास भारी संख्या में सेना बल तैनात किए जा रहे है। वहीं पर पीएम के भव्य कार्यक्रम का मंच तैयार किया गया है। साथ ही किसी अवांछित सामग्री का पता लगाने के लिए कुत्तों के साथ-साथ उन्नत उपकरणों की मदद ली जा रही है। READ MORE: दिल्ली हाईकोर्ट को मिली बम से उड़ाने की धमकी; परिसर कराया गया खाली, जाचं जारी
MP Politics: साथ आए दिग्विजय और कमलनाथ; बोले हमारे बीच मतभेद था मनभेद नहीं, सरकार गिरने पर एक दूसरे को ठहराया था जिम्मेदार

Digvijay Singh And Kamal Nath: मध्यप्रदेश कांग्रेस के दो प्रमुख नेता राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की बीते गुरूवार दिल्ली में मुलाकात हुई। जिसकी तस्वीर फेसबुक पर साझा करते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा कि, कमलनाथ जी और मेरे पारिवारिक संबंध लगभग 50 वर्षों से है। हमारे राजनैतिक जीवन में उतार चढ़ाव आना स्वाभाविक है। हम दोनों का सारा राजनैतिक जीवन कांग्रेस में रहते हुए विचारधारा की लड़ाई एकजुट हो कर लड़ते हुए बीता है और आगे भी लड़ते रहेंगे। आगे उन्होंने लिखा कि छोटे मोटे मतभेद रहे हैं, लेकिन हमारे बीच मनभेद कभी नहीं रहा। कल हमारी मुलाकात हुई। हम दोनों को कांग्रेस पार्टी ने नेतृत्व खूब अवसर दिए और जनता का प्यार हमेशा मिलता रहा है। आगे भी हम मिल कर जनता के हित में कांग्रेस के नेतृत्व में सेवा करते रहेंगे। जब साल 2020 में मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरी थी, तब दोंनो नेताओं के बीच अनबन की अटकले लगाई जा रही थी। जिसके बाद एक इंटरव्यू में दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ और सिंधिया के बिगड़ते संबंधो को सरकार गिरने की मुख्य वजह बताई थी। तो वहीं कमलनाथ ने भी ट्वीटर पर ट्वीट कर लिखा था कि सिंधिया को लगता था कि दिग्विजय सिंह सरकार चला रहे है, जिसके चलते कांग्रेस से किनारा करने का फैसला लिया। इतना ही नहीं बल्कि हाल ही में इसको लेकर दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिले। लेकिन अब दिग्विजय सिंह की इस फेसबुक पोस्ट विवादों से अलगाव करते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस की एक नई तस्वीर पेश करने की कोशिश कर रहा है। READ MORE: दिल्ली हाईकोर्ट को मिली बम से उड़ाने की धमकी; परिसर कराया गया खाली, जाचं जारी
Kangana Ranaut: कंगना को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत; किसान आंदोलन पर टिप्पणी के खिलाफ शिकायत रद्द कराने की थी याचिका

Kangana Ranaut: मंडी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत की मुश्किले थमने का नाम नहीं ले रही। साल 2020-2021 के दौरान हुए किसान आंदोलन पर अभिनेत्री ने अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसके खिलाफ मामला कोर्ट में है। कंगना ने अपने खिलाफ शिकायत रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाई मगर वहां से राहत ना मिलने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संटीप मेहता की बेंच ने कंगना की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि आपके इस स्पष्टीकरण का ट्रायल अब कोर्ट ही करेगा। जिसके बाद कंगना रनौत ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है। कंगना ने इससे पहले भी अपने खिलाफ दर्ज हुई मानहानी की शिकायत को रद्द करने की याचिका पंजाब और हरियाणा के उच्च न्यायलय से की थी। वहां भी कंगना को राहत नहीं मिली। आपको बता दें कि कंगना के खिलाफ पंजाब के बठिंडा जिले की रहने वाली महिंदर कौर ने दर्ज कराई थी। ये शिकायत कंगना के खिलाफ तब कराई गई जब उन्होंने एक पोस्ट को रीट्वीट किया। जिसके साथ उन्होंने किसान प्रदर्शनकारी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की। ट्वीट में कंगना ने 87 साल की बुजुर्ग महिला किसान महिंदर कौर को 100 रूपये लेकर प्रदर्शन में शामिल होने वाली बताया था। READ MORE: करिशमा कपूर के बच्चों के सपोर्ट में उतरी संजय कपूर की बहन; बोली – भारत की न्याय व्यवस्था में विश्वास है
Delhi High Court Bomb Threat: दिल्ली हाईकोर्ट को मिली बम से उड़ाने की धमकी; परिसर कराया गया खाली, जांच जारी

Delhi High Court Bomb Threat: दिल्ली हाई कोर्ट को एक ईमेल भेजा गया है, जिसमें परिसक को बम उड़ाने की धमकी दी गई है। ई-मेल मिलते ही पूरे परिसर में अफरातफरी मच गई। ईमेल की सूचना पर मिलते ही आनन-फानन पुलिस और बम स्क्वॉड हाई कोर्ट परिसर पहुंची। इस मामले में दिल्ली पुलिस एहतियाती कदम उठाते हुए कोर्ट को खाली कराया। साथ ही कोर्ट कैंपस की तलाशी ली जा रही है। मेल में दावा किया गया है कि किसी ने पाकिस्तान की आईएसआई के साथ मिल कर 1998 में पटना में हुए धमाकों जैसी घटना दोहराने की कोशिश की गई है। साथ ही इस मेंल में कई राजनीतिक नेताओं को लेकर भी आपत्तिजनक बातें लिखी गई है। क्या लिखा है ईमेल में? एचसी स्टाफ को, एक होशियार और तेज़-तर्रार शिया मुस्लिम युवक, डॉ. शाह फैसल, ने कोयंबटूर में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की एक यूनिट से संपर्क बना लिया है। इसका मकसद है, पटना में 1998 में हुए धमाकों जैसी एक और बड़ी घटना को अंजाम देना। असल में, सेक्युलर पार्टियां आज परिवारवाद और भ्रष्टाचार के ज़रिए बीजेपी और आरएसएस का विरोध करती हैं। जब उनके वारिस जैसे राहुल गांधी या उदयनिधि स्टालिन को सत्ता में आने से रोका जाता है, तो वे आरएसएस के खिलाफ की जा रही लड़ाई में दिलचस्पी खो देते हैं। IED (बम) कहां रखा गया है और उसे कैसे डिफ्यूज किया जा सकता है, इसकी जानकारी सत्यभामा सेनगोट्टयन नाम की महिला के पास है। उनसे इस नंबर पर संपर्क किया जा सकता है: 98430*****। हम चाहते हैं कि जो नकली सेक्युलर नेता हैं, उन्हें रास्ते से हटाया जाए, ताकि एक नया, ईमानदार सेक्युलर नेतृत्व उभर सके। इसके तहत हम प्रस्ताव रखते हैं कि डॉ. एझिलान नागनाथन को DMK की बागडोर सौंपी जाए। इस हफ्ते, DMK नेता उदयनिधि स्टालिन के बेटे इन्बानिधि पर तेज़ाब फेंक कर हमला किया जाएगा। खुफिया एजेंसियों को इसका अंदाज़ा भी नहीं होगा, क्योंकि ये अंदरूनी लोगों की मिलीभगत से होगा। 2017 से पुलिस विभाग के भीतर कुछ गुप्त एजेंट पहले से ही तैनात है और वे इस शुक्रवार को काम में लगेंगे। जैसे ही दिल्ली हाई कोर्ट में दोपहर की इस्लामिक नमाज़ खत्म होगी, एक धमाका जज के चैंबर में किया जाएगा ताकि पुराने सारे शक दूर हो जाएं और ये साबित हो सके कि यह धमकी सच्ची है।” कई संस्थानों को पहले भी मिल चुकी है धमकी इस संदिग्ध मेल मिलने के बाद कोर्ट परिसर खाली कराया गया साथ ही बम स्क्वॉड ने पूरे परिसर की तलाशी शुरू कर दी गई है। दिल्ली पुलिस इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। फिलहाल साइबर सेल की टीम इस बात का पता लगाने में जुटी है कि धमकी भरा मेल कहां से भेजा गया है। जानकारी के लिए बता दें कि जनवरी से अगस्त के बीच दिल्ली एनसीआर के करीब 100 से ज्यादा संस्थानों को ऐसी धमकियां मिल चुकी है। READ MORE: इस्तीफा देने के बाद पहली बार नजर आए जगदीप धनखड़; शपथग्रहण समारोह में हुए शामिल, राधाकृष्णन को दी बधाई
Jagdeep Dhankhar: इस्तीफा देने के बाद पहली बार नजर आए जगदीप धनखड़; शपथग्रहण समारोह में हुए शामिल, राधाकृष्णन को दी बधाई

Jagdeep Dhankhar: राधाकृष्णन ने आज देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में राधाकृष्णन को अंग्रेंजी में शपथ दिलाई। इस खास मौके पर पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे। 21 जुलाई को पद से इस्तीफा देने के बाद धनखड़ पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आए है। जानकारी के लिए बता दें कि उपराष्ट्रपति धनखड़ ने स्वास्थ संबंधी कारणो के चलते अचानक इस्तीफा दिया था। शपथग्रहण समारोह में धनखड़ सीपी राधाकृष्णन के करीब वाली पहली पंक्ति में बैठे थे। इससे पहले उन्होंने राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने पर बधाई दी थी। शपथग्रहण के दौरान भी वे हंसते और ताली बजाते नजर आए। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा भी शामिल हुए। साथ ही पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और वेंकैया नायडू ने भी समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को 152 वोटो से हराकर जीत दर्ज की। राधाकृष्णन को बी सुदर्शन रेड्डी के मुकाबले में 452 वोट मिले, गौर करने वाली बात ये है कि राधाकृष्णन को अनुमान से 14 वोट ज्यादा मिले है। जिसके चलते क्रॉस वोटिंग की अटकले लगाई जा रही है। उपराष्ट्रपति बनने से पहले सीपी राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद से इस्तीफा दिया। अब उनकी जगह गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। READ MORE: सीपी राधाकृष्णन ली देश के 15वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ, समारोह पीएम मोदी समेत जगदीप धनखड भी रहे मौजूद
Sushila Karki: नेपाल को मिलेंगी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री, सुशीला कर्की के नाम पर बनी सहमति?

Sushila karki: नेपाल में आंतरिम सरकार को लेकर सहमति बन गई है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस सुशीला कार्की को राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे। जिसके बाद नेपाल को सुशीला कार्की के रूप में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री मिलेंगी। जानकारी के लिए बता दें कि सुशीला कार्की पिछले कई सालों से नेपाल सरकार का विरोध कर रही है। उन्होंने बतौर मुख्य न्यायधीश रहते हुए भी भ्रष्ट सरकार के खिलाफ कई निर्णायक फैसले किए। जिसके जिसके चलते युवाओं में उनकी लोकप्रियता बढ़ी। इतना ही नहीं बल्कि साल 2017 में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी लाया गया था, जिसका विरोध देश भर में व्यापक रूप से किया गया और उसे वापस लेना पड़ा। सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री बनाने का समर्थन काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने भी किया। राष्ट्रपति भवन में देर रात तक हुई बैठक में संविधान की विशेष व्यवस्था के तहत सुशीला को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में चुना गया। इस बैठक में राष्ट्रपति समेत प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष शामिल रहे। बैठक में हुए इस फैसले के बाद जल्द ही सुशीला कार्की को नेपाल में कार्यवाहक सरकार का प्रमुख नियुक्त किया जा सकता है। जिसके बाद उन पर आंदोलनकारी की मांगों को पूरा करते हुए चुनाव कराने का जिम्मा होगा। विरोध प्रदर्शन के दौरान लगातार प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। 19 लोगों की मौत के बाद बढ़ते तनाव को देखते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने पद छोड़ दिया था। इसी बीच सोशल मीडिया पर लगा प्रतिबंध भी सोमवार को हटा लिया गया था। ओली के इस्तीफे के बाद बढ़ते विरोध प्रदर्शन में अब तक कुल 34 लोग जान गवा चुके है। नेपाल में लोगों का क्यों फूटा गुस्सा? भ्रष्ट सरकार के विरोध से शुरू हुआ ये आंदोलन सोशल मीडिया बैन होने के बाद और तनावपूर्ण हो गया। जिसके बाद 8 सितंबर से Gen-Z रिवोल्यूशन के नाम पर आंदोलन का आगाज हुआ। धीरे-धीरे स्थिति सरकार के काबू से बाहर होती चली गई। आखिर में प्रधानमंत्री केपी ओली शर्मा को इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागना पड़ा। READ MORE: प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस के पीएम से की मुलाकात; भारत और मॉरीशस सिर्फ पार्टनर्स नहीं बल्कि एक परिवार है – पीएम मोदी
CP Radhakrishnan: सीपी राधाकृष्णन ने ली उपराष्ट्रपति पद की शपथ, समारोह पीएम मोदी समेत जगदीप धनखड़ भी रहे मौजूद

CP Radhakrishnan: सीपी राधाकृष्णन का शपथ ग्रहण समारोह आज राष्ट्रपति भवन में समपन्न हुआ। राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत देश के पूर्व उपरास्ट्रपति जगदीप धनखड़, वैकेंया नायडू भी शामिल रहे। इनके अलावा देश के सभी राज्यों के राज्यपाल और उपराज्यपाल, एनडीए शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। 15वें उपराषट्रपति पद के लिए चुने जाने के बाद राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया है। अब उनकी जगह गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। आपको बता दें 9 सितंबर को हुए उपराषट्रपति पद के चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार राधाकृष्णन ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डाी को 152 मतों से हराकर चुनाव में जीत दर्ज की। राधाकृष्णन को बी सुदर्शन रेड्डी के मुकाबले में राधाकृष्णन को 452 वोट मिले थे। दिलचस्प बात यह है कि एनडीए उम्मीदवार को उम्मीद से कुल 14 वोट ज्यादा मिले, जिससे विपक्ष में क्रॉस-वोटिंग की अटकलें तेज है। सीपी राधाकृष्णन की उपराष्ट्रपति तक की यात्रा आसाधारण रही है, उन्होंने इस सफर की शुरूआत महज एक छात्र आंदोलन से की थी। जिसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ कर राधाकृष्णन ने भाजपा में लंबे समय कर काम किया। साल 2022 तक वे केरल भाजपा के प्रभारी रहे। जिसके बाद 2023 में उन्हें झारखंज का राज्यपाल नियुक्त किया गया। READ MORE: प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस के पीएम से की मुलाकात; भारत और मॉरीशस सिर्फ पार्टनर्स नहीं बल्कि एक परिवार है – पीएम मोदी
 
															