PM Modi: प्रधानमंत्री मोदी और इटली की PM मेलोनी के बीच फोन पर बातचीत, भारत-EU व्यापार समझौते और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से फोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया। पीएम मोदी ने मेलोनी को भारत-यूरोपीय संघ (EU) व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने और IMEEEC पहल के जरिए कनेक्टिविटी को मजबूत करने में मदद के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह समझौता भारत और यूरोप के बीच आर्थिक रिश्तों को नई ऊंचाई देगा। बातचीत में पीएम मोदी और मेलोनी ने निवेश, रक्षा, सुरक्षा, शिक्षा, अंतरिक्ष और विज्ञान-प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने आतंकवाद-रोधी प्रयासों को मजबूत करने और लोगों के बीच आपसी रिश्तों को बढ़ाने पर सहमति जताई। Had an excellent conversation with Prime Minister Giorgia Meloni. We reaffirmed our joint commitment to deepen India-Italy Strategic Partnership, and shared interest in bringing an early end to the conflict in Ukraine. Thanked PM Meloni for Italy’s proactive support for… — Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2025 मोदी ने एक्स पर लिखा, “प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। हमने भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई और यूक्रेन संघर्ष को जल्द खत्म करने में साझा रुचि दिखाई।” भारत और इटली ने रणनीतिक कार्य योजना 2025-29 के तहत साझेदारी को और गहरा करने का भी वादा किया। गौरतलब है कि जून में जी7 समिट के दौरान भी मोदी और मेलोनी की मुलाकात हुई थी। उस समय दोनों नेताओं की दोस्ती और आपसी तालमेल चर्चा का विषय बनी थी। भारत-EU व्यापार समझौता भारत के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। 2023-24 में भारत और EU के बीच व्यापार $137.41 बिलियन तक पहुंचा था। नई डील से यह आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है। यह समझौता न केवल भारत को वैश्विक सप्लाई चेन में मजबूत करेगा बल्कि ऊर्जा और पेट्रोलियम जैसे क्षेत्रों में भी फायदा पहुंचाएगा। हालांकि, घरेलू उद्योगों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनी रहेगी। READ MORE: तख्तापलट पर चीन की पहली प्रतिक्रिया, ओली के इस्तीफे पर चुप्पी, शांति की अपील
Nepal Crisis: तख्तापलट पर चीन की पहली प्रतिक्रिया, ओली के इस्तीफे पर चुप्पी, शांति की अपील

Nepal Crisis: नेपाल में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। Gen-Z आंदोलन और विरोध प्रदर्शनों के बीच राजनीतिक संकट गहरा गया। इस उथल-पुथल के चलते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पद छोड़ दिया। सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए अब सेना ने अहम संस्थानों का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया है। इस बीच चीन की ओर से पहली प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। चीन ने जताई चिंता चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि नेपाल और चीन हमेशा से घनिष्ठ पड़ोसी और अच्छे दोस्त रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि नेपाल के लोग आपसी संवाद और समझदारी से अपने आंतरिक विवाद सुलझा लेंगे। लिन ने उम्मीद जताई कि जल्द ही देश में शांति लौटेगी और क्षेत्रीय स्थिरता भी बहाल होगी। ओली पर चुप्पी प्रवक्ता से जब ओली के इस्तीफे पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस पर सीधा जवाब देने से इनकार किया। ओली को चीन का करीबी माना जाता है। उनके कार्यकाल में नेपाल और चीन के रणनीतिक संबंध काफी मजबूत हुए थे। चीनी नागरिकों के लिए एडवाइजरी लिन जियान ने कहा कि नेपाल में अब तक किसी भी चीनी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचा है। फिर भी वहां मौजूद नागरिकों को सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। चीन ने नेपाल स्थित अपने दूतावास में आपातकालीन सुरक्षा व्यवस्था भी शुरू कर दी है। हाल की घटनाएं प्रधानमंत्री ओली कुछ समय पहले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन और द्वितीय विश्व युद्ध की सैन्य परेड में शामिल हुए थे। लेकिन नेपाल में भ्रष्टाचार और नीतियों की पारदर्शिता को लेकर उठे Gen-Z आंदोलन ने सरकार की नींव हिला दी। विरोध प्रदर्शनों और झड़पों में अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं। हालात बिगड़ने पर लगाए गए सोशल मीडिया प्रतिबंध को भी बाद में हटा दिया गया। नेपाल में मौजूदा हालात पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ रही है। चीन ने साफ किया है कि वह नेपाल के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देगा, लेकिन उम्मीद करता है कि देश जल्द स्थिरता की ओर लौटे। READ MORE: नेपाल में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ने लिया हिंसक मोड़, 20 की मौत-500 घायल; भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी
Sunjay Kapur Property Dispute: संजय कपूर की 30 हजार करोड़ की संपत्ति पर संग्राम, करिश्मा के बच्चों और दूसरी पत्नी प्रिया में विवाद

Sunjay Kapur Property Dispute: बिजनेसमैन संजय कपूर का निधन 12 जून को लंदन में हुआ था। अब उनकी 30 हजार करोड़ की संपत्ति को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मामला दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। करिश्मा कपूर के बच्चों की याचिका करिश्मा कपूर के बच्चे समायरा और कियान ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पिता की संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग की है। बच्चों का आरोप है कि उनकी सौतेली मां प्रिया कपूर ने फर्जी वसीयत तैयार कर ली है, ताकि पूरी संपत्ति पर कब्जा कर सकें। प्रिया कपूर का जवाब कोर्ट ने सुनवाई के दौरान प्रिया कपूर से पूरी संपत्ति का ब्यौरा मांगा। प्रिया ने जवाब में कहा कि करिश्मा के बच्चों को पारिवारिक ट्रस्ट से पहले ही 1,900 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “इतना मिलने के बाद और क्या चाहिए?” मां रानी कपूर का भी दावा संजय की मां रानी कपूर ने भी वसीयत पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इस वसीयत में उनके लिए कुछ भी नहीं छोड़ा गया है। रानी ने कहा, “मेरे बेटे ने मुझे बिना छत के छोड़ दिया है। यह बेहद अपमानजनक है।” अदालत की टिप्पणी हाईकोर्ट ने प्रिया कपूर को नोटिस जारी किया है और उनसे 12 जून तक की सभी चल-अचल संपत्तियों की सूची मांगी है। अदालत ने कहा कि वसीयत पंजीकृत न होने के बावजूद यह अपने आप अमान्य नहीं होती। अगली सुनवाई मामले की अगली सुनवाई 9 अक्तूबर को होगी। तब तक कोर्ट ने सभी पक्षों से विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है। यह विवाद न केवल कपूर परिवार में खटास पैदा कर रहा है बल्कि 30 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति के भविष्य को भी अधर में डाल रहा है। READ MORE: तान्या-कुनिका की लड़ाई पर भड़कीं गौहर खान, बोलीं- ‘एक मां होकर किसी और की मां पर सवाल शर्मनाक’
Nepal Protest: नेपाल में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ने लिया हिंसक मोड़, 20 की मौत-500 घायल; भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी

Nepal Protest: नेपाल में युवाओं के विरोध प्रदर्शनों ने हालात को और बिगाड़ दिया है। सरकारी भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर पाबंदी के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन अब हिंसक रूप ले चुका है। राजधानी काठमांडो समेत कई शहरों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। भारतीय लौटे सीमा पार नेपाल की स्थिति को देखते हुए कई भारतीय नागरिक और पर्यटक पानीटंकी बॉर्डर से भारत लौट आए। लौटे लोगों ने कहा कि अब उन्हें सुरक्षित महसूस हो रहा है। असम से आए कोहिला ने बताया कि नेपाल में हालात पूरी तरह बेकाबू हैं और हड़ताल लंबे समय तक चल सकती है। पीएम ओली ने दिया इस्तीफा प्रदर्शन के दबाव में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रदर्शनकारी सरकार से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। हिंसा और भारी नुकसान काठमांडो में कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने सिंह दरबार, संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और कई नेताओं के घरों में आगजनी की। अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 500 से ज्यादा घायल हैं। त्रिभुवन एयरपोर्ट बंद कर दिया गया है और उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। भारत ने बढ़ाई सुरक्षा भारत ने नेपाल सीमा से सटे इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी है। विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। सेना की सख्ती नेपाल आर्मी ने उपद्रवियों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। सेना ने नागरिकों से अपील की है कि वे हिंसा और आगजनी से दूर रहें और सुरक्षाबलों का सहयोग करें। READ MORE: पीएम ओली ने दिया इस्तीफा, राजधानी में हिंसक प्रदर्शन और आगजनी से हालात बेकाबू