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Bigg Boss 19: नॉमिनेशन टास्क बना जंग का मैदान; कुनिका ने तान्या की मां पर किया कमेंट तो घर में मचा बवाल

Bigg Boss 19

Bigg Boss 19: टीवी का सबसे चर्चित शो बिग बॉस 19 इस हफ्ते फिर सुर्खियों में है। नॉमिनेशन टास्क के दौरान कंटेस्टेंट्स के बीच जमकर बहस हुई। मामला इतना बढ़ गया कि बात निजी रिश्तों तक पहुंच गई। नॉमिनेशन टास्क में छिड़ा विवाद View this post on Instagram A post shared by JioHotstar Reality (@jiohotstarreality) बिग बॉस ने इस बार नॉमिनेशन के लिए नया टास्क दिया। कंटेस्टेंट्स को जोड़ियों में बांटा गया। एक सदस्य स्कूटर पर बैठता, तो दूसरा मेकअप रूम में समय गिनता। बाकी घरवाले उनका ध्यान भटकाने के लिए ताने कसते और सवाल पूछते। यही ताने धीरे-धीरे व्यक्तिगत हमलों में बदल गए। बसीर और अशनूर के ताने बसीर अली ने टास्क के दौरान नगमा मिराजकर पर तंज कसा कि वह घर में अकेली नहीं, बल्कि असिस्टेंट के साथ आई हैं। वहीं अशनूर कौर ने फरहाना भट्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका दिल नहीं है, अगर है भी तो वह काला है। इन तीखी बातों से घर का माहौल और भी ज्यादा गरम हो गया। गौरव खन्ना पर ग्रुपबाजी का आरोप शहबाज बदेशा ने गौरव खन्ना पर ग्रुपबाजी का आरोप लगाया। हालांकि गौरव ने इसे रणनीति बताया, लेकिन घरवाले उनकी बातों से सहमत नहीं दिखे। नेहल और अभिषेक की नोकझोंक नेहल चुदासमा और अभिषेक बजाज के बीच भी तीखी बहस हुई। नेहल ने अभिषेक को “बैल बुद्धि” कह दिया। इससे घर में फिर से हंगामा मच गया। मां पर टिप्पणी से भड़की तान्या सबसे बड़ा विवाद तब हुआ जब कुनिका सदानंद ने तान्या मित्तल पर निजी टिप्पणी कर दी। कुनिका ने कहा कि तान्या की मां ने उन्हें बेसिक बातें भी नहीं सिखाईं। यह सुनकर तान्या भावुक हो गईं और रो पड़ीं। उन्होंने गुस्से में कहा कि खेल के लिए मां को बीच में लाना गलत है। गौरव खन्ना ने किया बचाव गौरव खन्ना ने तान्या का पक्ष लिया। उन्होंने कहा कि दुश्मनी खेल तक सीमित रहनी चाहिए। व्यक्तिगत हमले इंसानियत से परे हैं और शो के स्तर को गिराते हैं। किचन विवाद से बढ़ा मामला View this post on Instagram A post shared by ColorsTV (@colorstv) एक अन्य वीडियो में तान्या और कुनिका फिर भिड़ते दिखी। भिंडी काटते समय तान्या ने कीड़ा देखकर प्रतिक्रिया दी। इस पर कुनिका ने ताना मारा कि उन्हें किचन में रहकर सीखना चाहिए। जवाब में तान्या ने पूछा कि महिला सशक्तिकरण हमेशा रसोई से क्यों जोड़ा जाता है। इसके बाद दोनों के बीच फिर बहस छिड़ गई। कुनिका ने दी सफाई बाद में कुनिका ने कहा कि उन्होंने मां को लेकर गंभीर टिप्पणी नहीं की। वह सिर्फ मजाक कर रही थी। लेकिन तान्या उनकी बातों को दिल से लगाती हैं और मुद्दों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती हैं। READ MORE: मीका सिंह पहुंचे भोपाल, मुख्यमंत्री मोहन यादव से की मुलाकात; नशामुक्ति अभियान की सराहना

MP News: आत्मनिर्भर गौशालाएं देंगी रोजगार, MP की अर्थव्यवस्था होगी मजबूत – सीएम मोहन यादव

MP News

MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि गोबर और गोमूत्र से भी आय अर्जित की जा सकती है। गौशालाएं दूध, जैविक खाद, बायोगैस और अन्य उत्पादों से आर्थिक रूप से मजबूत हो सकती हैं। सीएम मोहन यादव ने सोमवार (8 सितंबर) को मंत्रालय में गौसंवर्धन बोर्ड की बैठक में यह निर्देश दिए। बैठक में पशुपालन मंत्री लखन पटेल, मुख्य सचिव अनुराग जैन और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। देसी नस्ल को बढ़ावा सीएम ने कहा कि प्रदेश में गिर, साहीवाल, मालवी और नागौरी जैसी देसी नस्लों के गोपालन को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि जनजातीय अंचलों में भी गोपालन गतिविधियां बढ़ाई जाएं। गौशालाओं से बिजली और रोजगार मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि गौशालाओं में खाली स्थान का उपयोग सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जाए। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में दुग्ध उत्पादों के साथ-साथ गोबर और गोमूत्र से बनी सामग्री की बिक्री की व्यवस्था विकसित की जाए। इससे किसानों और ग्रामीणों की आय बढ़ेगी। धार्मिक संस्थाओं को जोड़ा जाएगा सीएम ने कहा कि गौशालाओं के प्रबंधन में धार्मिक संस्थाओं और दानदाताओं को शामिल किया जाना चाहिए। साथ ही पशु चिकित्सकों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी ताकि दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हो सके। 1.10 लाख गोवंश को मिला आश्रय गौसंवर्धन बोर्ड के अनुसार, प्रदेश में अब तक 937 नई गौशालाओं का पंजीयन किया गया है। इनमें 1 लाख 10 हजार गोवंश को आश्रय मिला है। बायोगैस संयंत्र और बड़ी गौशालाएं साल 2024-25 में विदिशा, देवास, आगर-मालवा, ग्वालियर, दमोह, सतना और रीवा में बायोगैस व जैविक खाद संयंत्र लगाए गए हैं। वहीं ग्वालियर, इंदौर और उज्जैन में नगर निगम स्तर पर बड़ी गौशालाएं शुरू हो चुकी हैं। भोपाल और जबलपुर में भी गौशालाओं का काम जारी है। सीएम यादव ने कहा कि आत्मनिर्भर गौशालाएं न केवल रोजगार देंगी बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाएंगी। READ MORE: किसानों को मिलेगा 20 हजार प्रति एकड़ मुआवजा, मृतकों के परिवार को 4 लाख, CM मान ने किया ऐलान

Punjab Flood: किसानों को मिलेगा 20 हजार प्रति एकड़ मुआवजा, मृतकों के परिवार को 4 लाख, CM मान ने किया ऐलान

Punjab Flood

Punjab Flood: पंजाब में बाढ़ से भारी तबाही के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में किसानों और प्रभावित परिवारों को राहत देने का ऐलान किया गया। खेत में जमी रेत बेच सकेंगे किसान सरकार ने “जिसका खेत, उसकी रेत” पॉलिसी लागू कर दी है। बाढ़ के बाद जिन किसानों के खेतों में मिट्टी और रेत भर गई है, वे इसे निकालकर बेच सकेंगे। इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। किसानों और परिवारों के लिए मुआवजा कैबिनेट बैठक में यह तय हुआ कि बाढ़ से फसल बर्बाद होने पर किसानों को 20 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा। सरकार का दावा है कि यह अब तक देश का सबसे बड़ा मुआवजा है। वहीं, बाढ़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को 4 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। जिनके घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें भी मुआवजा और सहायता राशि दी जाएगी। कर्ज और ब्याज पर राहत बाढ़ प्रभावित किसानों को छह महीने तक कोई लोन की किस्त नहीं चुकानी होगी। इस दौरान उन पर ब्याज भी नहीं लगेगा। यह राहत पंजाब को-ऑपरेटिव बैंकों से कर्ज लेने वाले किसानों को मिलेगी। स्वास्थ्य और सफाई पर ध्यान सरकार ने ऐलान किया कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद बड़े स्तर पर सफाई अभियान चलाया जाएगा। हर गांव में मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे। डॉक्टर घर-घर जाकर लोगों का स्वास्थ्य जांच करेंगे और मुफ्त दवाइयां देंगे।पशुओं में बीमारी न फैले इसके लिए टीकाकरण अभियान भी शुरू होगा। शिक्षा ढांचे में सुधार बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए स्कूल, कॉलेज और सरकारी भवनों का सर्वे किया जाएगा। इसके बाद उनकी मरम्मत और पुनर्निर्माण कराया जाएगा। सीएम मान अस्पताल से जुड़े बैठक में सीएम भगवंत मान इन दिनों अस्पताल में भर्ती हैं। इसके बावजूद उन्होंने कैबिनेट बैठक में ऑनलाइन हिस्सा लिया और सभी फैसलों पर मुहर लगाई। आम आदमी पार्टी ने इसे “पंजाबियों के लिए CM मान का जज़्बा” बताया। पंजाब इस समय 1988 के बाद की सबसे बड़ी बाढ़ का सामना कर रहा है। राज्य के 23 जिले प्रभावित हैं। हजारों लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं और किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। READ MORE: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आधार पहचान के लिए वैध, लेकिन नागरिकता का सबूत नहीं

Bihar SIR: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आधार पहचान के लिए वैध, लेकिन नागरिकता का सबूत नहीं

Bihar SIR

Bihar SIR: बिहार में मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण (SIR) मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इस दौरान आधार कार्ड की वैधता को लेकर बड़ा फैसला आया। क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने? सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि आधार कार्ड को नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जाएगा। हालांकि, इसे पहचान के दस्तावेज के रूप में जरूर मान्यता मिलेगी। कोर्ट ने आदेश दिया कि चुनाव आयोग आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में स्वीकार करे। कपिल सिब्बल की दलील सुनवाई में कांग्रेस के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह स्पष्ट होना चाहिए कि आधार को कब और कैसे मान्यता दी जा सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन सही तरीके से नहीं कर रहा। सिब्बल ने मांग की कि आधार को भी वैध दस्तावेजों की सूची में जोड़ा जाए। चुनाव आयोग का जवाब चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि आधार को नागरिकता का सबूत नहीं माना जा सकता। आयोग ने दलील दी कि पासपोर्ट और जन्म प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज ही नागरिकता साबित कर सकते हैं। कोर्ट ने दिए निर्देश जस्टिस बागची ने कहा कि चुनाव आयोग पहले से ही 11 दस्तावेजों को मान्यता देता है। अब आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में जोड़ा जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि केवल असली नागरिक ही मतदाता सूची में शामिल हों। जाली कागजों के आधार पर किसी को भी जगह नहीं मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला साफ करता है कि आधार कार्ड मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए जरूरी पहचान पत्र हो सकता है। लेकिन नागरिकता साबित करने के लिए यह दस्तावेज मान्य नहीं होगा। READ MORE: सोशल मीडिया बैन से भड़के युवा, संसद पर हिंसक प्रदर्शन; पुलिस फायरिंग में 14 मौतें, 100 घायल

Nepal Protest: सोशल मीडिया बैन से भड़के युवा, संसद पर हिंसक प्रदर्शन; पुलिस फायरिंग में 14 की मौत, 100 घायल

Nepal Protest

Nepal Protest: नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ युवाओं का आंदोलन हिंसक हो गया। राजधानी काठमांडू और कई शहरों में सोमवार को भारी बवाल हुआ। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन पर धावा बोला और पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए। हालात बिगड़ने पर सुरक्षाबलों ने आंसू गैस, वॉटर कैनन और फायरिंग का इस्तेमाल किया। इस हिंसा में 14 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हैं। संसद परिसर में हंगामा काठमांडू के न्यू बानेश्वर इलाके में युवाओं ने संसद भवन के गेटों पर कब्जा करने की कोशिश की। सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई। पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए बल प्रयोग किया, लेकिन हालात और बिगड़ गए। कर्फ्यू और सेना की तैनाती स्थिति को नियंत्रित करने के लिए काठमांडू प्रशासन ने दोपहर से रात तक कर्फ्यू लागू कर दिया। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवासों के आसपास सेना तैनात कर दी गई है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि जरूरत पड़ने पर रबर की गोलियां भी चलाई जाएंगी। क्यों भड़की युवा पीढ़ी? प्रदर्शन का कारण भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सोशल मीडिया बैन है। सरकार ने 4 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, वॉट्सऐप, रेडिट और X समेत 26 प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगा दी थी। युवाओं का कहना है कि इससे पढ़ाई, कारोबार और रोजगार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पूरे नेपाल में उग्र प्रदर्शन काठमांडू के अलावा विराटनगर, पोखरा और बुटवल में भी युवाओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मैतीघर से संसद भवन तक निकाली गई रैली हिंसा में बदल गई। सरकार पर बढ़ा दबाव प्रधानमंत्री केपी ओली ने कैबिनेट की इमरजेंसी बैठक बुलाई है। युवाओं का डेलिगेशन भी बातचीत के लिए बुलाया गया है। खेल मंत्री संतोष पांडे ने कहा कि सरकार युवाओं की मांगों पर विचार करेगी। नेपाल के इतिहास में पहली बार संसद पर इस तरह का सीधा हमला हुआ है। यह आंदोलन देश की युवा पीढ़ी की नाराजगी और लोकतंत्र के सामने खड़े खतरे की बड़ी निशानी माना जा रहा है। READ MORE: नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ बवाल, संसद में घुसे प्रदर्शनकारी

Mika Singh: मीका सिंह पहुंचे भोपाल, मुख्यमंत्री मोहन यादव से की मुलाकात; नशामुक्ति अभियान को सराहा

Mika Singh

Mika Singh: मशहूर सिंगर मीका सिंह रविवार रात भोपाल पहुंचे। यहां उन्होंने डीबी सिटी मॉल के स्टूडियो X O में धमाकेदार परफॉर्मेंस दी। शो के बाद सोमवार को मीका सिंह ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से उनके आवास पर मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने मीका सिंह का शॉल और गुलदस्ता देकर स्वागत किया। इस दौरान दोनों के बीच लंबी चर्चा हुई। सीएम ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मुलाकात की तस्वीरें भी साझा की। VIDEO | Bhopal: Singer Mika Singh meets Madhya Pradesh CM Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) and lauds the state government’s efforts against drugs and alcohol addiction.#MadhyaPradesh #MikaSingh (Full video available on PTI videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/xFol7eR9GX — Press Trust of India (@PTI_News) September 8, 2025 मीका सिंह ने मध्यप्रदेश सरकार के नशामुक्ति अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री मोहन यादव अच्छा काम कर रहे हैं। मैं भी इसमें जुड़ना चाहता हूं। युवाओं से कहना चाहता हूं कि नशे की लत छोड़कर अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें।” गायक ने यह भी बताया कि उन्हें खुशी है कि राज्य सरकार ने 21 जगहों पर शराबबंदी लागू की है। उन्होंने कहा कि यह युवाओं के लिए बड़ी पहल है। पंजाब बाढ़ पीड़ितों की मदद हाल ही में पंजाब में आई बाढ़ के दौरान मीका सिंह ने लोगों की मदद भी की थी। उन्होंने राहत सामग्री भेजी और पीड़ितों की हर संभव सहायता की। भोपाल में मीका का धमाल भोपाल में मीका सिंह ने अपनी शानदार परफॉर्मेंस से दर्शकों को खूब मनोरंजन किया। उन्होंने एक से बढ़कर एक सुपरहिट गाने पेश किए। दमा दम मस्त कलंदर से शुरुआत करते ही माहौल रंगीन हो गया। इसके बाद जब मीका ने सावन में लग गई आग और लैला तेरी ले लेगी गाया, तो पूरा हॉल तालियों और हूटिंग से गूंज उठा। उनके गानों पर लोग झूमते और नाचते नजर आए। भीड़ ने मीका के गानों पर देर रात तक डांस किया। उन्होंने भोपाल न सोया सारी रात गाकर दर्शकों से खास कनेक्शन बनाया। पार्टी का माहौल इतना जोशीला था कि यह म्यूजिक नाइट मिनी फेस्टिवल में बदल गई। READ MORE: महिला संग दुष्कर्म के आरोप में टीवी एक्टर आशीष कपूर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में, पुलिस ने पुणे से किया था गिरफ्तार

Nepal Social Media Ban: नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ बवाल, संसद में घुसे प्रदर्शनकारी

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Nepal: नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन के खिलाफ युवाओं का आंदोलन तेज हो गया है। सोमवार को काठमांडू में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। हालात बिगड़ने पर भीड़ संसद भवन परिसर में घुस गई। पुलिस ने हालात काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। कई जगहों पर हल्का लाठीचार्ज भी हुआ। हालात को देखते हुए काठमांडू और संसद भवन के आसपास कर्फ्यू लगा दिया गया है। क्यों हुआ विरोध? नेपाल सरकार ने 4 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, वॉट्सऐप, रेडिट और X सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया था। सरकार का कहना है कि इन प्लेटफॉर्म्स पर फेक आईडी और अफवाहों के जरिए नफरत फैलाई जा रही थी। युवाओं का आरोप है कि सरकार ने लोगों की आवाज दबाने और भ्रष्टाचार छिपाने के लिए यह कदम उठाया। उनका कहना है कि इस फैसले से पढ़ाई, कारोबार और नौकरी पर बुरा असर पड़ा है। युवाओं की अगुवाई प्रदर्शन की अगुवाई 18 से 30 साल की जेन-ज़ी पीढ़ी कर रही है। कई छात्र स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर प्रदर्शन में शामिल हुए। आयोजकों ने 28 साल से ऊपर के लोगों को शामिल न होने की अपील की। सोशल मीडिया पर #RestoreOurInternet जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। आंदोलन कैसे शुरू हुआ? सरकार ने टिकटॉक पर बैन नहीं लगाया। इसी प्लेटफॉर्म पर युवाओं ने वीडियो डालकर आंदोलन की शुरुआत की। वीडियो में नेताओं के बच्चों की ऐशो-आराम भरी जिंदगी और आम युवाओं की बेरोजगारी की तुलना दिखाई गई। इसके बाद आंदोलन पूरे देश में फैल गया। देशभर में विरोध काठमांडू के अलावा विराटनगर, भरतपुर और पोखरा में भी प्रदर्शन हुए। युवाओं की मांग है कि सोशल मीडिया पर लगे बैन को हटाया जाए, भ्रष्टाचार खत्म हो और रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं। नेपाल के इतिहास में यह पहली बार है जब संसद भवन की सुरक्षा को इतनी बड़ी चुनौती मिली है। अब सबकी नजर सरकार की अगली कार्रवाई पर है। READ MORE: जापान के पीएम शिगेरू इशिबा ने किया इस्तीफे का ऐलान, संसदीय चुनाव हार के बाद बढ़ा संकट