Jabalpur Conversion : मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक होम्योपैथिक डॉक्टर पर नाबालिग लड़की को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने का आरोप लगा है। यह घटना तिलवारा थाना क्षेत्र का है, जहां 17 साल की एक किशोरी अपने इलाज के लिए डॉक्टर खालिद खान के पास गई थी। लेकिन इलाज के बहाने डॉक्टर ने कथित तौर पर उसे अपने धर्म को छोड़कर इस्लाम अपनाने के लिए दबाव डाला। Jabalpur Conversion : इलाज के दौरान शुरू हुआ दबाव पीड़िता के परिजनों के अनुसार, किशोरी अगस्त 2024 से अपनी बीमारी के इलाज के लिए डॉ. खालिद खान के क्लिनिक पर जा रही थी। शुरुआत में सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन धीरे-धीरे डॉक्टर ने इलाज के दौरान उसे धर्म परिवर्तन के लिए उकसाना शुरू कर दिया। उसने किशोरी को रोजा रखने और नमाज पढ़ने जैसी बातें सिखानी शुरू की। परिजनों का कहना है कि डॉक्टर ने किशोरी का ब्रेनवॉश करने की कोशिश की, जिसके चलते वह रोजा रखने लगी थी। यह बात जब परिवार को पता चली, तो उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई। सामाजिक संगठनों का हंगामा शिकायत के बाद मामला गरमा गया। स्थानीय सामाजिक संगठनों ने इस घटना पर कड़ा विरोध जताया और तिलवारा थाने का घेराव किया। संगठनों का आरोप है कि यह कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि इलाके में धर्मांतरण के लिए सुनियोजित तरीके से लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे हिरासत में लिया। पुलिस ने की कार्रवाई तिलवारा थाना प्रभारी ने बताया कि पीड़िता के बयान और परिजनों की शिकायत के आधार पर डॉ. खालिद खान के खिलाफ मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 के तहत मामला दर्ज किया गया। इस कानून के तहत जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराना गैर-कानूनी है और इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। जांच में यह भी पता चला कि डॉक्टर ने किशोरी को लगातार फोन कॉल्स और मैसेज के जरिए प्रभावित करने की कोशिश की थी। फिलहाल, पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह कोई बड़ा षड्यंत्र का हिस्सा है। जबलपुर का यह मामला न केवल कानूनी कार्रवाई का विषय है, बल्कि सामाजिक जागरूकता पर भी सवाल उठाता है। ALSO READ : Conversion in Jashpur : सिस्टर विंसी ने छात्रा को विदेश में नौकरी का दिया प्रलोभन WATCH : https://youtu.be/n1Gjb3c-w-c?si=ZfoOQCF4bvF6F5xk
Conversion in Jashpur : सिस्टर विंसी ने छात्रा को विदेश में नौकरी का दिया प्रलोभन
Conversion in Jashpur : छत्तीसगढ़ के जशपुर से धर्मांतरण का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। होली क्रॉस नर्सिंग कॉलेज की हिन्दू छात्रा ने कॉलेज प्रशासन द्वारा धर्मांतरण के दवाब का आरोप लगाया। छात्रा का आरोप है कि सिस्टर विंसी जोसेफ ने उसपर नन बनने का दबाव डाला। जब छात्रा ने धर्मांतरण से इंकार किया तो उसके कॉलेज में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई। छात्रा ने बताया कि उसे सिस्टर विंसी ने विदेश में अच्छी नौकरी का भी लालच दिया था। एक वर्ष पहले छात्रा को हॉस्टल से भी निकाल दिया गया था। आपको बता दें कि यह मामला छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह जिला जशपुर का है। छात्रा का आरोप छात्रा ने कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं, पीड़ित हिन्दू छात्रा का आरोप है कि उसने होली नर्सिंग कॉलेज में फर्स्ट ईयर में दाखिला लिया था। दाखिला लेने के तीन महीने बाद से ही प्रिंसिपल सिस्टर विंसी ने उसपर नन बनने का दवाब देना शुरू कर दिया। जब उसने नन बनने से इंकार किया तब उसके साथ भेदभाव शुरू हो गए। फिलहाल छात्रा कॉलेज के फाइनल ईयर में है, छात्रा ने आरोप लगाया है कि क्लास में उसे फेल करने की धमकी दी जाती है। क्लास में होने पर भी अब्सेंट लगा दिया जाता है। अफसरों से की शिकायत छात्रा ने मीडिया को बताया कि उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। कॉलेज में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। छात्रा ने बताया कि कॉलेज प्रशासन उसका करियर बर्बाद करना चाहता है। प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान भी उसे बाहर रखने की कोशिश की गई थी। जब उसने अफसरों से शिकायत करने की बात कही तब जाकर उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति मिली। छात्रा ने कलेक्टर और पुलिस अधिक्षक से भी इसकी शिकायत की है। छात्रा के परिवारवालों ने सिस्टर विंसी पर तत्काल कार्रवाही की भी मांग की। सामाजिक संगठनों ने बढ़ाया हाथ इस मामले के तूल पकड़ने के बाद सामाजिक संगठनों ने भी पीड़ता से मुलाकात की। बजरंग दल के जिलाध्यक्ष विजय आदित्य सिंह ने पीड़ता से मुलाकात कर आश्वासन दिया है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि पूरा बजरंग दल छात्रा के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने हॉली क्रॉस नर्सिंग कालेज की मान्यता रद्द कर ताला लगाने की मांग की है। यदि मांगे पूरी नहीं हुईं तो विरोध प्रदर्शन करने की भी चेतावनी दी। ALSO READ : MP के चित्रकूट में टूटा था औरंगज़ेब का अभिमान…दे दी 8 गांवों की जागीर WATCH : https://youtu.be/n1Gjb3c-w-c?si=sw_qwznPxbsIr-Fj
MP के चित्रकूट में टूटा था औरंगज़ेब का अभिमान…दे दी 8 गांवों की जागीर
MP Chitrakoot : चित्रकूट, जिसे “अनेक आश्चर्यों की पहाड़ी” कहा जाता है, न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि यह एक ऐसी पावन भूमि भी है जिसने इतिहास के कई पन्नों को अपनी ओर आकर्षित किया। यह वह स्थान है जहां भगवान राम ने अपने वनवास के लगभग साढ़े ग्यारह वर्ष बिताए थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पवित्र नगरी ने मुगल बादशाह औरंगजेब के अभिमान को भी चूर-चूर कर दिया था? MP में औरंगज़ेब को होना पड़ा मजबूर चित्रकूट का धार्मिक महत्व रामायण काल से जुड़ा हुआ है। यह वह स्थान है जहां भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने अपने निर्वासन के दौरान निवास किया। मंदाकिनी नदी के किनारे बसा यह क्षेत्र ऋषि-मुनियों की तपोभूमि रहा है। कहा जाता है कि यहां के कण-कण में भक्ति और श्री राम बसे हैं। पौराणिक मान्यता ऐतिहासिक कथाओं के अनुसार, औरंगजेब ने चित्रकूट के मंदिरों को नष्ट करने की योजना बनाई थी। उसने अपनी सेना के साथ इस पवित्र भूमि पर आक्रमण किया, लेकिन यहां की आध्यात्मिक शक्ति उसके सामने एक दीवार बनकर खड़ी हो गई। कहा जाता है कि जब औरंगजेब की सेना ने मंदिरों को तोड़ने का प्रयास किया, तो अचानक उसकी सेना के सैनिक बेहोश होने लगे। यह देखकर औरंगजेब घबरा गया। उस समय चित्रकूट में संत बालक दास नाम के एक संत रहा करते थे। औरंगजेब उनसे मदद की भीख मांगने लगा। संत बालक दास जी ने औरंगज़ेब को सलाह दी कि वह अपनी सेना को चित्रकूट से 10 किलोमीटर दूर ले जाए और मंदिरों को नुकसान न पहुंचाने का वचन दे। संत की बात मानकर औरंगजेब ने एक ताड़ के पत्ते पर यह लिखा कि वह कभी चित्रकूट के मंदिरों को नहीं तोड़ेगा। इसके बाद संत ने उसे एक राख दी, जिससे उसकी सेना ठीक हो गई। ‘बालाजी मंदिर’ का करवाया निर्माण इस घटना ने औरंगजेब के दंभ को तोड़ दिया। इतना ही नहीं, उसने चित्रकूट में एक मंदिर का निर्माण भी करवाया, जो आज “बालाजी मंदिर” के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर इस बात का प्रमाण है कि आस्था और सत्य के सामने कोई भी नहीं टिक सकता। औरंगजेब जैसा पाखंडी शासक भी यहाँ अपनी जिंदगी की भीख मांगने लगा। इस घटना के बाद औरंगज़ेब ने आठ गांवों की 330 बीघा जमीन और राजकोष से चांदी का एक रुपया प्रतिदिन देने का फरमान जारी किया था। इस फरमान की छायाप्रति आज भी मंदिर में मौजूद है। चित्रकूट से जाने के बाद औरंगजेब ने फिर कभी इस तरफ नजर उठाकर देखने का दुस्साहस नहीं किया। ALSO READ : First Pod Hotel Of MP : भोपाल रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए नई सुविधा WATCH : https://youtu.be/n1Gjb3c-w-c?si=sw_qwznPxbsIr-Fj
First Pod Hotel Of MP : भोपाल रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए नई सुविधा
First Pod Hotel Of MP : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रदेश का पहला और देश का दूसरा सबसे बड़ा पॉड होटल बनकर तैयार हो गया है। यह सुविधा यात्रियों के लिए एक आधुनिक, किफायती और आरामदायक ठहराव का विकल्प लेकर आई है। भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 के पास बने इस पॉड होटल का उद्घाटन रेलवे अधिकारियों और सांसद आलोक शर्मा की मौजूदगी में धूमधाम से किया गया। Pod Hotel में मिलने वाली सुविधाएं यह Pod Hotel जापानी शैली से प्रेरित है, जिसमें छोटे-छोटे कैप्सूल जैसे कमरे बनाए गए हैं। इसमें कुल 138 पॉड्स हैं, जिनमें 118 सिंगल बेड पॉड्स और 20 फैमिली पॉड्स शामिल हैं। सिंगल पॉड्स का आकार 5 फीट गुणा 7 फीट है, जबकि फैमिली पॉड्स इतने बड़े हैं कि एक दंपति और उनके दो छोटे बच्चे आराम से ठहर सकें। प्रत्येक पॉड में आधुनिक सुविधाएं जैसे एयर कंडीशनिंग, मुफ्त वाई-फाई, टीवी, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, मेकअप मिरर और सुरक्षित लॉकर उपलब्ध हैं। इसके अलावा, होटल परिसर में CCTV निगरानी और अग्निशमन व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है, ताकि यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो। सस्ते में मिलेगी अच्छी सुविधा…कैसे करें बुकिंग ? इस पॉड होटल की सबसे बड़ी खासियत इसका किफायती किराया है। यात्रियों को मात्र 200 रुपये में 3 घंटे तक ठहरने की सुविधा मिलेगी। बुकिंग की प्रक्रिया को भी आसान बनाया गया है। यात्री इसे ऑनलाइन IRCTC की वेबसाइट के जरिए या स्टेशन पर मौजूद रिसेप्शन से सीधे बुक कर सकते हैं। फैमिली पॉड : 3 घंटे- 400, 6 घंटे- 700, 12 घंटे – 1100, 24 घंटे- 1500, 48 घंटे-3000मल्टी बेड पॉड (जेंट्स): 3 घंटे – 200, 6 घंटे-350, 12 घंटे – 700, 24 घंटे-900, 48 घंटे- 1800मल्टी बेड पॉड (लेडीज): 3 घंटे – 200, 6 घंटे- 350, 12 घंटे – 700, 24 घंटे- 900, 48 घंटे- 1800 ALSO READ : PM मोदी को श्रीलंका में किया गया सम्मानित…इन मुद्दों पर हुई चर्चा WATCH : https://youtu.be/n1Gjb3c-w-c?si=sw_qwznPxbsIr-Fj
PM मोदी को श्रीलंका में किया गया सम्मानित…इन मुद्दों पर हुई चर्चा
PM Modi Srilanka Visit : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्हें श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने प्रतिष्ठित ‘मित्र विभूषण पुरस्कार’ से सम्मानित किया। इस पुरस्कार समारोह का आयोजन कोलंबो में किया गया, जहां एक गरिमामय समारोह में राष्ट्रपति दिसानायके ने यह पुरस्कार पीएम मोदी को सौंपा। PM मोदी की ऐतिहासिक विदेश यात्रा प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक है। कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर में उनका भव्य स्वागत किया गया, जो श्रीलंका द्वारा किसी विदेशी नेता को दिया गया पहला ऐसा स्वागत था। इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी प्रदान किया गया। यह स्वागत दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों का प्रमाण है। PM मोदी की श्रीलंका यात्रा का उद्देश्य प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करना है। दोनों देशों ने एक ऐतिहासिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। 1980 के दशक में भारतीय शांति सेना (IPKF) के हस्तक्षेप के बाद से इस क्षेत्र में यह एक बड़ा कदम है। इस समझौते के तहत दोनों देश संयुक्त सैन्य अभ्यास, समुद्री निगरानी और रक्षा उपकरणों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे। यह समझौता श्रीलंका की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने और क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। PM मोदी ने देश की जनता को किया समर्पित प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति दिसानायके के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी की, जिसमें ऊर्जा, बुनियादी ढांचे और आर्थिक सहयोग जैसे क्षेत्रों पर चर्चा हुई। PM मोदी ने कहा, “भारत और श्रीलंका के बीच संबंध केवल सरकारों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह दोनों देशों के लोगों के दिलों को जोड़ने वाला एक सेतु है।” 2019 के बाद PM मोदी की यह पहली श्रीलंका यात्रा है। मित्र विभूषण पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद पीएम मोदी ने इस सम्मान को भारत की 140 करोड़ जनता को समर्पित करते हुए कहा कि यह सम्मान दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग का प्रतीक है। ALSO READ : “Rahul Gandhi जी तेलंगाना में हमारे जंगल काटना बंद करें”, BJP नेता ने लगवाए होर्डिंग WATCH : https://youtu.be/n1Gjb3c-w-c?si=sw_qwznPxbsIr-Fj
“Rahul Gandhi जी तेलंगाना में हमारे जंगल काटना बंद करें”, BJP नेता ने लगवाए होर्डिंग
Rahul Gandhi Hoarding War : हैदराबाद में काटे जा रहे पेड़ों की चीख देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है। दरअसल 30 मार्च को तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से सटे 400 एकड़ में फैले जंगलों को काटने के लिए वहाँ बुलडोज़र तैनात किये। हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों और शहर के पर्यावरण संरक्षकों ने इसका विरोध किया। विरोध की यह लहर अब केवल हैदराबाद तक सिमित नहीं है, राजधानी दिल्ली में BJP ने होर्डिंग लगाकर इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी पेड़ों के काटे जाने पर रोक लगा दी है। क्या है पूरा मामला ? राष्ट्रीय राजधानी में BJP के नेता तजिंदर सिंह बग्गा ने होर्डिंग लगाकर Rahul Gandhi से तेलंगाना में काटे जा रहे पेड़ों को रोकने की मांग की है। होर्डिंग पर लिखा है – राहुल गांधी जी कृपया तेलंगाना में हमारे जंगलों को काटना बंद करें। राज्य सरकार का कहना है कि हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से सटे 400 एकड़ की जमीन सरकार की है। सरकार ने इस जमीन को तेलंगाना इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉपरेशन को आवंटित किया है ताकि वहां विकास किया जा सके। 30 मार्च को पेड़ों की कटाई करने के लिए बुलडोज़र तैनात किये गए, जिसके बाद हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों और पर्यावरणविदों ने विरोध शुरू कर दिया। सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला छात्रों और पर्यावरणविदों के विरोध प्रदर्शन के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष आया। पीठ ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को कांचा गाचीबाउली जंगल में संबंधित जगह का दौरा करने और अंतरिम रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के मुख्य सचिव को भी निर्देश दिए हैं कि अगले आदेश तक कांचा गाचीबाउली जंगल में कोई पेड़ नहीं काटा जाए। पुलिस ने छात्रों को डंडों से पीटा विपक्षी पार्टी BRS ने आरोप लगाया है कि जमीन को समतल करने के लिए दर्जनों बुलडोज़र लाये गए थे। इस दौरान पुलिस ने विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों को भी डंडों से पीटा। करीब 200 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। हालांकि इस मामले में पुलिस का कहना है कि सरकारी काम में बाधा उत्पन करने वाले 53 छात्रों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस का कहना है कि कुछ छात्रों ने उनपर हमला भी किया था। जिन छात्रों ने हमला किया था उनपर केस भी किया जाएगा। ALSO READ : Waqf Amendment Bill को राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतेज़ार, होंगे बड़े बदलाव WATCH : https://youtu.be/n1Gjb3c-w-c?si=jx3OKR72zPL3C2yD