Gujarat Blast : गुजरात के बनासकांठा जिले में मंगलवार (2 अप्रैल, 2025) की सुबह एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में बड़ा विस्फोट हुआ। इस हादसे में 21 लोगों की जान चली गई, जबकि छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा दीसा शहर के धुनवा रोड पर स्थित पटाखा फैक्ट्री के एक गोदाम में हुआ। विस्फोट इतना भयंकर था कि गोदाम की छत ढह गई, जिसके मलबे में कई मजदूर दब गए। मरने वालों की संख्या 21 बताई जा रही है, जिसमें अधिकांश मजदूर मध्य प्रदेश के हरदा और देवास जिले के रहने वाले थे, जो रोजगार की तलाश में गुजरात गए थे। क्या है पूरा मामला ? जानकारी के अनुसार, यह विस्फोट मंगलवार की सुबह, करीब 9 बजकर 45 मिनट पर हुआ। जांच में पता चला कि गोदाम में एक बॉयलर में विस्फोट के बाद आग लगी, जो तेजी से फैल गई। आग की लपटों ने पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। जब तक दमकल विभाग की टीम बचाव कार्य के लिए घटनास्थल पर पहुंची तब तब तक भारी नुकसान हो चुका था। बनासकांठा के कलेक्टर मिहिर प्रवीणकुमार पटेल ने बताया कि मृतकों की पहचान कर ली गई है और शवों को उनके मूल स्थान पर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हरदा जिले के आठ मृतकों के शव उनके गांव भेजे जा रहे हैं। Gujarat Blast : MP से मजदूरों का कनेक्शन इस हादसे से मध्य प्रदेश के हरदा और देवास जिले में शोक का माहौल है। मृतक मजदूरों में से ज्यादातर गरीब परिवारों से थे, जो चार दिन पहले ही गुजरात में काम की तलाश में गए थे। गांव के निवासियों ने बताया कि ये मजदूर पटाखा फैक्ट्री में दिहाड़ी पर काम कर रहे थे। मध्य प्रदेश के मंत्री नागर सिंह चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार गुजरात प्रशासन के साथ मिलकर पीड़ितों की हर संभव मदद कर रही है। पीड़ितों को मिलेगा मुआवजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी मृतकों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है। वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये देने का ऐलान किया। बनासकांठा पुलिस ने गोदाम के मालिक दीपक मोहनानी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। ALSO READ : Waqf Amendment Bill : “Thankyou Modi Ji” का बैनर लिए समर्थन में उतरा भोपाल WATCH : https://youtu.be/oMPgVuv3FMY?si=38ogHA8ZFBEdjF7D
Waqf Amendment Bill : “Thankyou Modi Ji” का बैनर लिए समर्थन में उतरा भोपाल
Waqf Amendment Bill : एक तरफ जहाँ वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का विरोध हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के मुस्लिम समुदाय के लोग हाथों में गुलाब लिए PM मोदी का शुक्रिया कर रहे हैं। Waqf Amendment Bill का भोपाल में हुआ समर्थन वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का मकसद 1995 के वक्फ अधिनियम में बदलाव लाना है। सरकार का दावा है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण को आसान बनाएगा और प्रबंधन में पारदर्शिता लाएगा। किरेन रिजिजू ने लोकसभा में कहा कि यह बिल किसी धार्मिक हस्तक्षेप के लिए नहीं, बल्कि संपत्ति के प्रबंधन के लिए है। भोपाल में मुस्लिम समुदाय का एक बड़ा वर्ग इस बिल के समर्थन में सड़कों पर उतरा। मस्जिद रेहमत आनंदपुरा के सामने लोगों ने ढोल बजाकर और “थैंक्यू मोदी जी” के पोस्टर लेकर खुशी जाहिर की। विपक्ष का विरोध विपक्ष ने इस विधेयक को लेकर लोक सभा में कड़ा रुख अपनाया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इसे संविधान के खिलाफ बताया और कहा कि यह देश में शांति भंग करेगा। सपा सांसद अखिलेश यादव ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी इसे “काला कानून” कहकर इसका विरोध किया और कहा कि यह मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों पर कब्जे की कोशिश है। ALSO READ : Waqf Amendment Bill : लोक सभा में हुई तीखी बहस… WATCH : https://youtu.be/oMPgVuv3FMY?si=38ogHA8ZFBEdjF7D
Waqf Amendment Bill : लोक सभा में हुई तीखी बहस…
Waqf Amendment Bill : 2 अप्रैल 2025 को लोकसभा में Waqf Amendment Bill 2024 को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। इस विधेयक को केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया। इस विधेयक को वक़्फ की सम्पतियों में पारदर्शिता बनाये रखने के लिए लाया गया है। हालांकि, विपक्ष ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए इसका कड़ा विरोध किया, जिससे सदन में हंगामा शुरू हो गया। Waqf Amendment Bill : किरेन रिजिजू ने किया समर्थन केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह किसी धार्मिक संस्था के प्रबंधन में हस्तक्षेप नहीं करता है बल्कि इसका मकसद वक्फ संपत्तियों को पारदर्शी और तकनीकी रूप से बेहतर तरीके से संचालित करना है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में संसद भवन और CGO कॉम्प्लेक्स जैसी संपत्तियां भी वक्फ बोर्ड द्वारा दावा की जा सकती थीं। रिजिजू ने यह भी कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने इस विधेयक पर व्यापक विचार-विमर्श किया, जिसमें 97.27 लाख याचिकाएं और 284 प्रतिनिधिमंडलों की राय शामिल की गई। सरकार का तर्क है कि यह विधेयक गरीब मुस्लिमों को मुख्यधारा में लाने और वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए जरूरी है। विपक्ष का विरोध कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक ने इस विधेयक को संविधान के खिलाफ बताया और इसका पुरजोर विरोध किया। कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि यह विधेयक संविधान की मूल संरचना पर हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस कानून के जरिए अल्पसंख्यक समुदायों को बदनाम करना, समाज को बांटना और उनके अधिकारों को छीनना चाहती है। गोगोई ने यह भी कहा कि BJP शासित राज्यों में ईद के दौरान सड़कों पर नमाज पढ़ने पर रोक लगाई गई, जो धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है। समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस (TMC) और अन्य विपक्षी दलों ने भी इसे असंवैधानिक करार दिया। विपक्ष का कहना है कि JPC में उनकी आपत्तियों को नजरअंदाज किया गया और विधेयक को जल्दबाजी में पारित करने की कोशिश की जा रही है। सत्तापक्ष का जवाब रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि कुछ लोग मुस्लिम समुदाय को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने पूछा, “अगर भारत में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां हैं, तो मुस्लिम समुदाय गरीब क्यों है?” उन्होंने कहा कि यह विधेयक गरीब मुस्लिमों के हित में है और इसे वोट बैंक की राजनीति से जोड़ना गलत है। BJP सांसद जगदंबिका पाल, जो JPC के अध्यक्ष हैं, उन्होंने भी विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह पारदर्शिता लाने के लिए है। लोकसभा में आठ घंटे की लंबी बहस के बाद विधेयक पर मतदान की उम्मीद है। एनडीए के पास बहुमत होने के कारण इसके पारित होने की संभावना ज्यादा है। ALSO READ : Waqf Amendment Bill 2024 : लोकसभा में 2 अप्रैल को पेश होने की तैयारी WATCH : https://youtu.be/oMPgVuv3FMY?si=Egqsy7yU51vtU4oa